मॉयल के त्रिपक्षीय समझौते पर हस्‍ताक्षर

एक अहम घटनाक्रम के तहत मैगनीज ओर इंडिया लिमिटेड (मॉयल) में काम करने वाले मजदूरों केवेतन संशोधन के लिये मॉयल प्रबंधन और मान्यताप्राप्त मजदूर संघ के प्रतिनिधियों के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किये गये। हस्ताक्षर के समय भारत सरकार के मुख्य श्रम आयुक्त भी मौजूद थे। यह उच्चस्तरीय समारोह कल श्रम शक्ति भवन में आयोजित किया गया।

 

वेतन संशोधन समझौता दस वर्षों के लिये है, जो एक अगस्त 2017 से प्रभावी होकर 31 जुलाई, 2027 तक चलेगा। इससे कंपनी के लगभग 6,000 कामगारों को फायदा मिलेगा। यह पहल उस समझौता-ज्ञापन पर आधारित है, जो मॉयल प्रबंधन और मॉयल द्वारा मान्यताप्राप्त मजदूर संघ, यानी मॉयल कामगार संगठन (एमकेएस) के बीच हुआ है। इसके प्रस्ताव में 20 प्रतिशत की दर से भत्ते और निर्धारितगुणात्मक संख्या को मूल वेतन से गुणा करने पर जो हिसाब बनता है (फिटनेट बेनीफिट), उस पर 20 प्रतिशत का लाभ भी शामिल है।कंपनी ने मूल वेतन और महंगाई भत्ते पर 12 प्रतिशत की दर से अंतरिम राहत भी दी है, जो मई, 2019 से प्रभावी हुई थी।

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कंपनी एक बार में ही बकाया भुगतान भी करेगी, जिससे लगभग 218 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रभाव पड़ेगा। यह बकाया राशि एक अगस्त, 2017 से 30 सितंबर, 2021 की अवधि की है। प्रस्तावित वेतन संशोधन से कुल वित्तीय बोझ लगभग 87 करोड़ रुपये वार्षिक होगा। मॉयल लिमिटेड ने अपने हिसाब-किताब में पहले ही वेतन बढ़ाने का पूरा प्रावधान कर रखा है।

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समझौते में यह भी कहा गया है कि इस व्यवस्था को हस्ताक्षर होने के 60 दिनों के भीतर क्रियान्वित कर दिया जाये।

इस समझौते से मॉयल और उसके कर्मचारी विकास तथा समृद्धि के नये युग में प्रवेश करेंगे। इससे निश्चित ही कर्मचारियों को प्रोत्साहन मिलेगा कि वे ज्यादा उत्पादन और उत्पादकता के लिये काम करें। परिणामस्वरूप वे ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने तथा आयात पर निर्भरता कम करने के राष्ट्रीय हित को पूरा करने में सक्षम होंगे।

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एमजी/एएम/एकेपी/एसएस