ग्लासगो और कार्डिफ, यूके में सफल आयोजन के बाद बर्मिंघम के रॉयल बर्मिंघम संगीत विद्यालय में गंगा कनेक्ट प्रदर्शनी का उद्घाटन

गंगा कनेक्ट प्रदर्शनी के ग्लासगो और कार्डिफ, यूके में सफल आयोजन के बाद, 15 नवंबर, 2021 को रॉयल बर्मिंघम संगीत विद्यालय में इसका उद्घाटन में किया गया। बर्मिंघम सिटी यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. फिलिप प्लॉडेन ने बर्मिंघम में विभिन्न संगठनों के गणमान्य लोगों और प्रौद्योगिकी नवप्रवर्तनकर्ताओं की उपस्थिति में गंगा कनेक्ट प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। उन्होंने राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) और सी-गंगा द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की और प्रसन्नता व्यक्त की कि इस वैज्ञानिक संवाद में इंजीनियरिंग और विज्ञान स्कूल के छात्र और शिक्षक भाग लेंगे। प्रो. प्लॉडेन ने सुझाव दिया कि एनएमसीजी और सी-गंगा की टीम को फिर से बर्मिंघम का दौरा करना चाहिए और 2022 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान प्रदर्शनी प्रस्तुत करनी चाहिए।

बर्मिंघम में भारत के महावाणिज्य दूत डॉ. शशांक विक्रम ने बर्मिंघम में प्रदर्शनी के आयोजन के लिए एनएमसीजी और जल शक्ति मंत्रालय के सरकारी अधिकारियों के प्रयासों और समर्पण को रेखांकित किया और कहा कि बर्मिंघम में भारतीय समुदायों ने भी प्रदर्शनी के आयोजन में योगदान दिया। उन्होंने अपने संबोधन में नदी के कायाकल्प के महत्व और इसके लिए विभिन्न भागीदारों के सहयोगात्मक प्रयासों में आधुनिक तकनीक की भूमिका को दोहराया।

बर्मिंघम में गंगा कनेक्ट प्रदर्शनी में एनएमसीजी के कार्यकारी निदेशक (तकनीकी) श्री डी.पी. मथुरिया भी शामिल हुए। उन्होंने प्रदर्शनी के आयोजन में सहयोग के लिए बर्मिंघम के सभी वर्तमान प्रतिनिधियों और मानद प्रतिनिधियों को धन्यवाद दिया और नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत जीवन की गुणवत्ता बेहतर करने तथा गंगा नदी के कायाकल्प के उद्देश्य से शुरू की गई विभिन्न परियोजनाओं के बारे में जानकारी दी। उपस्थित प्रतिनिधियों के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत सफलता की कहानियों, पिछले अनुभवों से मिली प्रेरणाओं और सीखों को साझा किया। बर्मिंघम प्रदर्शनी में भी विभिन्न भारतीय प्रतिनिधियों ने दौरा किया, जिनमें श्री सनमित आहूजा, विशेषज्ञ सदस्य, सी गंगा, प्रो. सचिन एस. गुंथे, आईआईटी मद्रास; प्रो. प्रशांत सान्याल, आईआईएसईआर कोलकाता और डॉ. विशाल कपूर, आईआईटी कानपुर शामिल हैं।

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प्रदर्शनी के उद्घाटन के बाद एक विस्तृत गोलमेज चर्चा का आयोजन किया गया जिसमें उद्योगपतियों, प्रौद्योगिकी नवप्रवर्तकों, स्थानीय सरकार के सदस्यों और प्रवासी भारतीय समुदाय के प्रतिष्ठित सदस्यों सहित लगभग 30 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। चर्चा का नेतृत्व श्री डी पी मथुरिया ने किया और संचालन श्री सनमित आहूजा ने किया। चर्चा का नेतृत्व करते हुए, श्री मथुरिया ने गंगा कायाकल्प के प्रति सरकार के दृष्टिकोण और रुख के बारे में विस्तार से बताया और औद्योगिक क्लस्टर मुद्दों पर भी चर्चा की। डॉ. शशांक विक्रम ने गंगा नदी कायाकल्प से संबंधित परियोजनाओं में निवेश सुरक्षा के प्रति सरकार के सक्रिय दृष्टिकोण के बारे में भी चर्चा की। जल क्षेत्र से संबंधित उद्योगों के लिए अपनाए गए मॉडल जैसे एचएएम मॉडल, प्रदूषक भुगतान सिद्धांत और चार्टर के तहत विनियमों की भूमिका पर भी चर्चा की गई। श्री मथुरिया और श्री आहूजा ने प्रतिभागियों के प्रश्नों के भी उत्तर दिए और सरकार के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों जैसे अपशिष्ट जल उपचार, डेटा और सूचना, कृषि और अन्य के बारे में भी बात की। चर्चा में अपशिष्ट जल उपचार, हाइड्रोजन, बायोगैस, डेटा और सूचना, और उन्नत इंजीनियरिंग पर काम कर रहे विभिन्न औद्योगिक विशेषज्ञों ने भी भाग लिया। श्री आहूजा ने संक्षेप में ईटीवी प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी और बताया कि इस प्रक्रिया को मान्यता देने के बाद कंपनियों को विश्व स्तर पर कैसे लाभ होगा। चर्चा के दौरान लोगों ने इस बात पर जोर दिया कि गंगा के कायाकल्प का केंद्रीय सिद्धांत सामाजिक समावेश का होना चाहिए।

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गंगा कनेक्ट प्रदर्शनी की यात्रा का शुभारंभ ग्लासगो से माननीय केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन तथा श्रम और रोजगार मंत्री श्री भूपेंद्र यादव की उपस्थिति में 8 नवंबर से हुआ। बाद में 12 नवंबर को गंगा कनेक्ट प्रदर्शनी कार्डिफ, वेल्स पहुंची जहां कार्डिफ विश्वविद्यालय में इसका उद्घाटन वेल्स के प्रथम मंत्री मार्क ड्रेकफोर्ड एमएस और यूके में भारतीय उच्चायुक्त हर एक्सीलेंसी सुश्री गायत्री इस्सर कुमार ने किया। कार्डिफ के बाद गंगा कनेक्ट प्रदर्शनी बर्मिंघम पहुंची जहां भारतीय समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ विदेशी प्रतिनिधियों ने इसका गर्मजोशी से स्वागत किया। अगले चरण में गंगा कनेक्ट प्रदर्शनी ऑक्सफोर्ड में आयोजित की जाएगी और अंत में इस महीने के आखिर में लंदन में इसका समापन हो जाएगा।

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