केंद्रीय एमएसएमई मंत्री श्री नारायण राणे ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र रोजगार सृजन और विनिर्माण आधार के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गुवाहाटी में नॉर्थ ईस्ट एमएसएमई कॉन्क्लेव में आज अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान में इस क्षेत्र में 11 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार देने वाली 6 करोड़ से अधिक इकाइयाँ हैं और यह सकल घरेलू उत्पाद में 30% से अधिक योगदान के साथ आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता है और भारत से होने वाले कुल निर्यात के49% से अधिक है।
श्री राणे ने कहा कि भारत तभी विकसित हो सकता है जब हम पूर्वोत्तर का विकास करें और यह एमएसएमई मंत्रालय की सर्वोच्च प्राथमिकता भी है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था और एमएसएमई क्षेत्र के प्रदर्शन के बीच संबंधों को कभी भी अधिक संरेखित नहीं किया गया हैं। आने वाले वर्षों में इनके बीच सामजस्य में और वृद्धि होती रहेगी। मंत्री महोदयने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था पर एमएसएमई के प्रभाव को देखते हुए, यह आवश्यक है कि युवाओं में उद्यमिता को बढ़ावा देने पर बल दिया जाए और उन्हें भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में एक अभिन्न भूमिका निभाने के अवसर प्रदान किए जाएंताकि5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था का सपना साकार हो सके।
कॉन्क्लेव में भाग लेने वाले पूर्वोत्तर राज्यों की राज्य सरकारों के मंत्रियों ने भी इस बात पर बल दिया कि इस तरह के कॉन्क्लेव से क्षेत्र में उद्यमिता को प्रोत्साहित करने और बदले हुए आर्थिक परिदृश्य में क्षेत्र की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के प्रयासों में सहायता मिलेगी। यह एमएसएमई मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित योजनाओं के संदर्भ में समझ विकसित करने में सहायता करेगा साथ ही राज्य सरकारों और अन्य हितधारकों के साथ संवाद का शुभारंभ करेगा जो इस क्षेत्र के लिए नीतियों के बेहतर नियोजन और निष्पादन में सहायक होगा।
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