प्रसिद्ध हंगेरियन फिल्म निर्माता इस्तवान स्जाबो को आज(20 नवंबर, 2021 को) गोवा में आयोजित भारत के 52वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव द्वारा सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया।श्री स्जाबो को यह सम्मान फिल्म महोत्सव के उद्घाटन समारोह के दौरान प्रदान किया गया।
इस्तवान स्जाबो कोविश्व सिनेमा में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए आईएफएफआई के 52वें संस्करण, जिसका 28 नवंबर, 2021 को भव्य समापन होगा, में इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
एक असाधारण कलाकार के रूप में प्रसिद्ध इस्तवान स्जाबो ने वर्ष 1981 में अपनी फिल्म मेफिस्टो के जरिए अंतरराष्ट्रीय सफलता हासिल की। यह फिल्म पहली ऐसी हंगेरियन फिल्म है, जिसे सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा की फिल्म का ऑस्कर मिला है। उनकी फिल्मों ने भाषा की दीवार को तोड़कर दुनिया भर के दर्शकों के दिलों को छुआ।
एक वीडियो संदेश के माध्यम से इस पुरस्कार को स्वीकार करते हुए इस्तवान स्जाबो ने कहा, “मुझे यह जानकर बेहद खुशी हुई है कि भारत के लोग मेरी फिल्मों के बारे में जानते हैं और उनमें से कुछ इन फिल्मों को पसंद भी करते हैं।”
सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किये जाने पर अपना आभार व्यक्त करते हुए इस्तवान स्जाबो ने महान सत्यजीत रे के साथ 30 साल पहले तत्कालीन मद्रास में हुई अपनी मुलाकात को याद किया। उन्होंने कहा, “रे ने मुझे और मेरी पत्नी को रात के खाने पर आमंत्रित किया था, जोकि बहुत ही बढ़िया था। उनकी फिल्मों एवं फिल्म निर्माण औ रहमारे पेशे के बारे में हमारे बीच एक शानदार चर्चा हुई। यह एक गहन चर्चा थी जिसे मैं कभी नहीं भूलूंगा।”
Hungarian filmmaker Istevan Szabo is honoured with #SatyajitRay Lifetime Achievement Award at #IFFI52 Watch a video on his works @IndiaInHungary @MEAIndia pic.twitter.com/hemqJhyCat
अपने पुराने जमाने के दोस्त के नाम पर एक पुरस्कार प्रदान करने के लिए आईएफएफआई को धन्यवाद देते हुए इस्तवान स्जाबो ने कहा, “रे का चमकदार करिश्माई चेहरा और उनकी भावनाएं हमेशा के लिए मेरी स्मृतियों में अंकित हो जाएगी।”
हॉलीवुड के फिल्म निर्माता मार्टिन स्कॉर्सेसी को भी आज आईएफएफआई के 52वें संस्करण के उद्घाटन समारोह में सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
सत्यजीत रे को आधुनिक सिनेमा के अग्रदूतों में से एक माना जाता है और उन्हें दुनिया भर के सिने-प्रेमियों द्वारा सम्मान की नजर से देखा जाता है। द अपू ट्रिलॉजी और द म्यूजिक रूम जैसी उनकी कृतियों ने उन्हें भारतीय सिनेमा के इतिहास में अमर कर दिया और वे आज भीकालजयीबनी हुई हैं।
सत्यजीत रे सिनेमा की दुनिया में एक ऐसी किरण थे जो आज भी लाखों लोगों के जेहन और सिनेमा से संबंधित अरबों किस्म के विचारों को रोशन करते हैं। भारत की आजादी के 75वें वर्ष और इस महान फिल्म निर्माता की 100वीं जयंती के उपलक्ष्य में यह निर्णय लिया गया है कि आईएफएफआई के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार को अबसे सत्यजीत रे लाइफटाम अचीवमेंट पुरस्कार कहा जाएगा।
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एमजी/एएम/आर