केन्‍द्र ने सामुदायिक रसोई योजना की रूपरेखा पर विचार-विमर्श करने के लिए केन्‍द्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राज्यों के ‘खाद्य सचिवों का समूह’ गठित किया

केन्‍द्र ने सामुदायिक रसोई योजना के ढांचे पर विचार-विमर्श करने के लिए केन्‍द्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राज्यों के “खाद्य सचिवों का समूह” गठित किया है।

केन्‍द्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, कपड़ा और वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने ‘सचिवों के समूह’ के गठन की घोषणा करते हुए आज पुष्टि की कि सामुदायिक रसोई योजना तैयार करने की आवश्यकता है- जो सरल, पारदर्शी और लोगों के लाभ के लिए हो। श्री गोयल ने कहा, “हमें देश के गरीबों के प्रति सहानुभूति रखनी चाहिए और बच्चों के लिए उचित पोषण तय करने के लिए सफल और पारदर्शी खाद्य कार्यक्रम चलाने का सामूहिक संकल्प सुनिश्चित करना चाहिए।”

आज यहां अखिल भारतीय खाद्य मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए, श्री गोयल ने कहा कि पीएमजीकेएवाई संभवत: कोविड अवधि के दौरान शुरू किया गया दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि देश में कोई भी अनाज से वंचित नहीं है। इसका श्रेय यहां मौजूद सभी लोगों, खासकर हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी जी को जाता है। हमारा संकल्प होना चाहिए कि गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न देश के सभी हिस्सों में लाभार्थियों तक पहुंचे।

खाद्यान्न वितरण सुचारू रूप से चलाने के लिए केन्‍द्र के साथ समन्वय करने के लिए सभी राज्यों को धन्यवाद देते हुए, श्री गोयल ने कहा कि यह एक बड़ी उपलब्धि थी कि कोविड-19 के चरम के दौरान भी, हमने किसी भी प्रकार की भोजन की कमी नहीं होने दी। उन्होंने कहा कि यह सामूहिक प्रयासों का परिणाम है कि महामारी के दौरान भूख से मौत का कोई मामला सामने नहीं आया है।

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श्री गोयल ने कहा कि हमारा संकल्प होना चाहिए कि गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों सहित बेघरों, झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों, औद्योगिक और निर्माण स्थलों पर काम करने वाले कमजोर लोगों तक आवश्यकता के आधार पर पहुंचे।

महामारी के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) वरदान साबित हुई है। श्री गोयल ने बताया कि 80 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को #हर घर अन्‍न सुनिश्चित करते हुए मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया है। यह लोगों को आशा प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री के विशाल दिल की संवेदनशीलता को दर्शाता है।

रूपरेखा प्रस्ताव पर विचार करने के लिए अधिकारी स्तर की अगली बैठक 29 नवंबर को होगी।

मार्च 2022 तक पीएमजीकेएवाई के विस्तार पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए, श्री गोयल ने कहा कि सरकार चरण I-V,से पीएमजीकेएवाई में 2.6 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी, जो चरण 4 के पूरा होने के बाद 1 दिसंबर, 2021 से शुरू होगा। आज की बैठक के महत्वपूर्ण एजेंडे का जिक्र करते हुए, श्री गोयल ने कहा कि माननीय उच्‍चतम न्यायालय के निर्देश के सम्‍बन्‍ध में आदर्श सामुदायिक रसोई योजना और विभिन्न राज्यों (34 सक्षमराज्यों/ संघ शासित प्रदेशों)में कार्यान्वयन की स्थिति के संबंध में एक राष्ट्र एक राशन कार्ड (ओएनओआरसी), राशन कार्डों की आधार सीडिंग और बायोमेट्रिक रूप से प्रमाणित एफपीएस लेनदेन पर चर्चा की जाएगी।

आदर्श सामुदायिक रसोई योजना के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि सामुदायिक रसोई समुदाय की, समुदाय द्वारा संचालित और समुदाय के कल्याण के लिए होगी।

मंत्री ने आग्रह किया कि इसे गुणवत्ता, स्वच्छता, विश्वसनीयता और सेवा की भावना के 4 स्तंभों पर बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इससे हमें इस लक्ष्य को महसूस करने में मदद मिलेगी कि कोई भी भूखा नहीं सोता है।

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श्री गोयल ने आगे कहा, “उत्पादकता कभी दुर्घटना नहीं होती। यह हमेशा उत्कृष्टता, बुद्धिमान योजना और केंद्रित प्रयास के प्रति प्रतिबद्धता का परिणाम है” उन्होंने कहा कि भारत आजादी के अमृत महोत्सव के 75 सप्ताह मना रहा है और महोत्सव के इन शेष हफ्तों में, “आइए भारत की खाद्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उसे आत्मनिर्भर बनाने पर चर्चा करें। ”

खाद्य सचिवों के समूह में 8 राज्यों केरल, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, असम, बिहार, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश के खाद्य सचिव शामिल हैं। मध्य प्रदेश के खाद्य सचिव समूह का नेतृत्व करेंगे।

बैठक में उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण एवं पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे तथा खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव श्री सुधांशु पांडे ने भाग लिया।

 

इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले खाद्य मंत्रियों में बिहार की खाद्य मंत्री श्रीमती लेशी सिंह, दिल्ली के खाद्य मंत्री श्री इमरान हुसैन, गुजरात के खाद्य मंत्री (राज्‍य मंत्री) गजेंद्र सिंह परमार, हिमाचल प्रदेश के खाद्य मंत्री श्री राजिंदर गर्ग, केरल के खाद्य मंत्री श्री जीआर अनिल, पंजाब के खाद्य मंत्री श्री भारत भूषण आशु, तमिलनाडु के खाद्य मंत्री श्री थिरू आर. सक्कारापानी, उत्तर प्रदेश के खाद्य मंत्री श्री रणवेंद्र प्रताप सिंह और पुडुचेरी के खाद्य मंत्री श्री एके साई जे. सर्वनाकुमार शामिल थे।

इसके अलावा, विभिन्न राज्यों के सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।

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