नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम अब 18 केंद्रीय विभागों से जुड़ी स्वीकृतियों की पेशकश करता है और 14 अन्य केंद्रीय विभाग व 5 राज्य दिसंबर, 2021 तक इससे जुड़ जाएंगे : श्री पीयूष गोयल

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और वस्त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि हमने इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए वित्तपोषण के नई तरीके खोज लिए हैं। ‘आत्मनिर्भर भारत के लिए कारोबारी सुगमता’ पर सीआईआई की नेशनल कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए श्री गोयल ने कहा कि एक नया भारत, आत्मनिर्भर भारत और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (ईओडीबी) के द्वारा संचालित होगा।

श्री गोयल ने कहा, “जिस तरह से प्रधानमंत्री ने शीर्ष 50 में जाने की बात कही थी, उसने हम सभी के सरकार और उद्योग को देखने के तरीके को बदल दिया है। प्रधानमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि 50 शुरुआती लक्ष्य था जो मैंने पहले कार्यकाल में देखा था, अब आपको ज्यादा महत्वाकांक्षी होना है- आपको शीर्ष 25 में होना चाहिए।”

शीर्ष 40 देश बेहद विकसित देश हैं, इसे ध्यान में रखते हुए श्री गोयल ने संकेत दिया कि “उस सीमा तक पहुंचना और फिर उनसे बेहतर करना एक बड़ी चुनौती है।” श्री गोयल ने प्रधानमंत्री की बात का उल्लेख करते हुए कहा, “इसी काम के लिए, हम यहां पर हैं।”

श्री गोयल ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 5 ‘आई’ (इंटेंट, इनक्लूजन, इनोवेशन, इन्फ्रास्ट्रक्चर और इन्वेस्टमेंट) की रणनीति को व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “मुझ पर भरोसा करो! ज्यादातर विकसित देश और कुछ देश जो फिलहाल तेजी से प्रगति कर रहे हैं, यदि उनकी विकास की कहानी का अध्ययन करें तो आप पाएंगे कि उनके विकास के सबसे बड़े स्तम्भों में एक इनोवेशन है! उनके पास नए विचार हैं, काम करने के नए तरीके हैं।”

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का उल्लेख करते हुए श्री गोयल ने कहा कि ईओडीबी सुधार का मुख्य उद्देश्य नागरिकों के लिए जीवन सुगमता हासिल करना है। उन्होंने कहा, “मैं सोचता हूं, आज भारत का मतलब कारोबार है और दुनिया इस बात को मानती है। राजनीतिक स्थायित्व, नीतिगत निरंतरता, सरकार और हमारे युवा उद्यमियों व स्टार्टअप्स में विकास समर्थक और कारोबार समर्थक सोच के साथ, यह इस दिशा में आगे बढ़ने का समय है।”

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श्री गोयल ने कहा कि सरकार ईओडीबी के लिए पांच ढांचागत सुधार कर रही है:

1. नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम (एनएसडब्ल्यूएस) – निवेशकों और उद्यमों के लिए जरूरी स्वीकृतियों व मंजूरियों के लिए एक ही स्थान। इसमें नो योर अप्रूवल, कॉमन रजिस्ट्रेशन फॉर्म, डॉक्युमेंट्री रिपॉजिटरी आदि शामिल हैं। पोर्टल में 18 केंद्रीय विभागों और 9 राज्यों से जुड़ी स्वीकृतियां दी जाती हैं। श्री गोयल ने उद्योग के सभी हितधारकों से एनएसडब्ल्यूएस का इस्तेमाल करने और फीडबैक व प्रतिक्रियाएं देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, “अन्य 14 केंद्रीय विभाग और 5 राज्य 21 दिसंबर तक जुड़ जाएंगे, लेकिन हमारी महत्वाकांक्षाएं और भी ज्यादा हैं।”

2. इंडस्ट्रियल लैंड बैंक (आईएलबी) – एक जीआईएस आधारित पोर्टल सभी औद्योगिक इन्फ्रास्ट्रक्चर से संबंधित जानकारी के लिए वन स्टॉप रिपॉजिटरी के रूप में काम कर रहा है। 17 राज्यों के जीएसआई सिस्टम के साथ एकीकृत, आईएलबी के बास 5.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र वाले 4,000 से ज्यादा औद्योगिक पार्कों का ब्योरा है। श्री गोयल ने कहा, “देवियों और सज्जनों, आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि उद्योग के लिए देश भर में कारोबार के उद्देश्य से 1 लाख हेक्टेयर जमीन उपलब्ध है।”

3. रेगुलेटरी कंप्लायंस पोर्टल – यह प्रगति की निगरानी के लिए सीधे कैबिनेट सचिव की निगरानी वाला एक रियल टाइम डैशबोर्ड है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अनावश्यक लाइसेंस, मंजूरियों, नवीनीकरणों को व्यवस्थित करके, स्व-विनियमन और स्व प्रमाणन को हटाकर अनावश्यक अनुपालन बोझ को खत्म कर दिया है।

4. राज्य सुधार कार्ययोजना (एसआरएपी) – केन्द्र सरकार सहकारी संघवाद की भावना के साथ स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे और प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने वाले राज्यों के साथ मिलकर काम कर रही है। श्री गोयल ने कहा, सुधार के 15 क्षेत्रों को कवर करते हुए राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ 301 बिंदु वाली राज्य सुधार कार्य योजना, 2020 साझा की गई है।

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5. पीएम गति शक्ति- अगली पीढ़ी के इन्फ्रास्ट्रक्चर को लॉन्च करने के लिए, गति शक्ति पोर्टल एकीकृत और निर्बाध संपर्क सुनिश्चित करने के लिए मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराता है। गति शक्ति से विभागीय सीमाओं के टूटने और समग्र योजना के संस्थागत होने पर जोर देते हुए, श्री गोयल ने कहा कि सभी विभाग अब एक केंद्रीय पोर्टल के माध्यम से एक दूसरे की परियोजनाओं को देख सकेंगे।

श्री गोयल ने कहा कि हमारे उद्योग को भारत के आत्मनिर्भर बनने के प्रयास का नेतृत्व करना होगा। उन्होंने कहा, “मैं उद्योग का योगदान बढ़ाने के लिए 4 बिंदुओं पर जोर देना चाहूंगा।”

1. भारतीय उद्योग के लिए सर्वश्रेष्ठ बनने, जोखिम लेने के लिए ज्यादा तैयार रहने की जरूरत है।

2. व्यावसायिक रूप से विवादित समस्याओं के लिए “समग्र समाधान।”

3. एक “लचीला माहौल” विकसित करने के लिए “लागत से आगे देखने” की जरूरत।

4. नवाचार, स्थायित्व और “ब्रांड इंडिया” पर ज्यादा जोर।

 

“अवसर दस्तक नहीं देता है, यह तब सामने आता है, जब आप सक्रिय रूप से इसकी तलाश में होते हैं।” इस उद्धरण का उल्लेख करते हुए श्री गोयल ने कहा कि आज भारत अवसरों की नई धरती है, जो दुनिया को “भारत में विचार करने, भारत में नवाचार करने और भारत में निर्माण करने” के लिए आमंत्रित करती है।

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