प्रधानमंत्री ने स्टार्टअप कारोबारियों के साथ बातचीत की

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए स्टार्टअप कारोबारियों से बातचीत की। स्टार्टअप कारोबारियों ने प्रधानमंत्री को छह विषयों – ग्रोइंग फ्रॉम रूट्स, नजिंग द डीएनए, फ्रॉम लोकल टू ग्लोबल, भविष्य की प्रौद्योगिकी, विनिर्माण क्षेत्र में चैंपियंस का निर्माण और सतत विकास पर प्रस्तुतियां दीं। इन प्रस्तुतियों के लिए 150 से अधिक स्टार्टअप उद्योगों को छह वर्किंग ग्रुप में विभाजित किया गया था। प्रत्येक विषय के लिए, दो स्टार्टअप प्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तुतियां दी गईं, जिन्होंने उस विशेष विषय के लिए चुने गए सभी स्टार्टअप की ओर से बात की।

अपनी प्रस्तुति के दौरान, स्टार्टअप प्रतिनिधियों ने अपने विचारों को साझा करने के लिए ऐसे मंच के माध्यम से अवसर प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया तथा स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए उनके दृष्टिकोण और समर्थन की प्रशंसा की। उन्होंने कृषि में मजबूत डेटा संग्रह तंत्र सहित भारत को कृषि व्यवसाय का पसंदीदा हब बनाने, प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देने, मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे से निपटने, वर्चुअल पर्यटन जैसे नवाचारों के माध्यम से यात्रा तथा पर्यटन को बढ़ावा देने, एड-टेक एवं रोजगार की पहचान, अंतरिक्ष क्षेत्र, ऑफलाइन खुदरा बाजार को डिजिटल कॉमर्स से जोड़ने, विनिर्माण दक्षता में वृद्धि, रक्षा क्षेत्र में निर्यात निर्यात, दूसरों के बीच में हरित टिकाऊ उत्पादों और परिवहन के स्थायी साधनों को बढ़ावा देने जैसे विभिन्न क्षेत्रों पर विचार और इनपुट साझा किए।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री पीयूष गोयल, डॉ. मनसुख मांडविया, श्री अश्विनी वैष्णव, श्री सर्बानंद सोनोवाल, श्री पुरुषोत्तम रूपाला, श्री जी. किशन रेड्डी, श्री पशुपति कुमार पारस, डॉ. जितेंद्र सिंह, श्री सोम प्रकाश उपस्थित थे।

प्रस्तुतियों के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि इस स्टार्ट अप इंडिया इनोवेशन सप्ताह का आयोजन आजादी का अमृत महोत्सव के इस वर्ष में अधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि स्टार्ट अप की भूमिका तभी महत्वपूर्ण होगी जब भारतीय स्वतंत्रता अपने शताब्दी वर्ष तक पहुंच जाएगी। प्रधानमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा, “देश के उन सभी स्टार्ट-अप्स को, सभी इनोवेटिव युवाओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, जो स्टार्ट-अप्स की दुनिया में भारत का झंडा बुलंद कर रहे हैं।

स्टार्ट-अप्स का ये कल्चर देश के दूर-दराज तक पहुंचे, इसके लिए 16 जनवरी को अब नेशनल स्टार्ट अप डे के रूप में मनाने का फैसला किया गया है।”

प्रधानमंत्री ने वर्तमान दशक की अवधारणा को भारत की ‘प्रौद्योगिकी’ के रूप में स्मरण करते हुए, नवाचार, उद्यमिता और स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए इस दशक में सरकार द्वारा किए जा रहे बड़े परिवर्तनों के तीन महत्वपूर्ण पहलुओं को सूचीबद्ध किया। पहला, उद्यमिता और नवाचार को नौकरशाही की सरकारी प्रक्रियाओं के जाल से मुक्त करना। दूसरा, नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक संस्थागत तंत्र बनाना और तीसरा, युवा नवोन्मेषकों और युवा उद्यमों की हैंडहोल्डिंग। उन्होंने इन प्रयासों के हिस्से के रूप में  स्टार्टअप इंडिया और स्टैंडअप इंडिया जैसे कार्यक्रमों को सूचीबद्ध किया। ‘एंजेल टैक्स’ की समस्याओं को दूर करने, कर प्रक्रिया को सरल बनाने, सरकारी फंडिंग की व्यवस्था करने, 9 श्रम और 3 पर्यावरण कानूनों के स्व-प्रमाणन की अनुमति देने और 25 हजार से अधिक अनुपालनों को हटाने जैसे उपायों ने प्रक्रिया को और आगे बढ़ाया है। गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) प्लेटफॉर्म पर स्टार्टअप रनवे, सरकार को स्टार्टअप सेवाओं के प्रावधान की सुविधा प्रदान कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास बचपन से ही छात्रों में नवोन्मेष के प्रति आकर्षण पैदा कर देश में नवोन्मेष को संस्थागत बनाना है। 9 हजार से अधिक अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं बच्चों को स्कूलों में कुछ नया करने और नए विचारों पर काम करने का अवसर प्रदान कर रही हैं। उन्होंने कहा कि ड्रोन के नए नियम हों या नई अंतरिक्ष नीति, सरकार की प्राथमिकता अधिक से अधिक युवाओं को नवोन्मेष के अवसर उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने आईपीआर पंजीकरण से संबंधित नियमों को भी सरल बनाया है।

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प्रधानमंत्री ने नवाचार के संकेतकों में तीव्र वृद्धि को उधृत किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013-14 में 4 हजार पेटेंट स्वीकृत किए गए थे। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 28 हजार से अधिक पेटेंट प्रदान किए गए थे। वर्ष 2013-14 में जहां लगभग 70 हजार ट्रेडमार्क पंजीकृत थे, वहीं 2020-21 में 2.5 लाख से अधिक ट्रेडमार्क पंजीकृत किए गए हैं। वर्ष 2013-14 में, जहां केवल 4 हजार कॉपीराइट दिए गए थे, वहीं पिछले वर्ष उनकी संख्या 16 हजार को पार कर गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नवाचार के लिए भारत के अभियान के परिणामस्वरूप वैश्विक नवाचार सूचकांक में भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत नवाचार सूचकांक में 81 वें स्थान पर था लेकिन अब भारत इस सूचकांक में 46वें स्थान पर आ गया है।

श्री मोदी ने बताया कि भारत के स्टार्टअप 55 अलग-अलग उद्योगों के साथ काम कर रहे हैं और स्टार्टअप की संख्या जहाँ पांच साल पहले 500 से कम थी, वहीं यह बढ़कर आज 60 हजार से अधिक हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहा, ”हमारे स्टार्ट-अप लीक से हटकर व्यापक बदलाव ला रहे हैं, इसलिए मेरा मानना है कि स्टार्ट-अप नए भारत की रीढ़ बनने जा रहे हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साल देश में 42 यूनीकॉर्न तैयार हुए थे। हजारों करोड़ रुपए की ये कंपनियां आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी भारत की पहचान हैं। श्री मोदी ने कहा, “आज भारत तेज़ी से यूनिकॉर्न की सेंचुरी लगाने की तरफ बढ़ रहा है और मैं मानता हूं, भारत के स्टार्ट-अप्स का स्वर्णिम काल तो अब शुरु हो रहा है”।

प्रधानमंत्री ने विकास और क्षेत्रीय-लैंगिक असमानताओं की समस्याओं को दूर करने में उद्यमिता द्वारा सशक्तिकरण की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि आज देश के 625 जिलों में से प्रत्येक में कम से कम एक स्टार्टअप है और आधे से अधिक स्टार्टअप दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में हैं। ये आम गरीब परिवारों के विचारों को व्यवसाय में बदल रहे हैं और लाखों युवा भारतीयों को रोजगार मिल रहा है।

श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की विविधता को भारत की वैश्विक पहचान की एक प्रमुख शक्ति और आधारशिला बताया। उन्होंने कहा कि भारतीय यूनिकॉर्न और स्टार्टअप इस विविधता के वाहक हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के स्टार्ट-अप आसानी से दुनिया के अन्य देशों तक पहुंच सकते हैं। उन्होंने नवप्रवर्तकों का आह्वान किया, “आप अपने सपनों को सिर्फ लोकल ना रखें ग्लोबल बनाएं। इस मंत्र को याद रखें- आइए भारत के लिए नवोन्मेष करें, भारत से नवोन्मेष करें।”

प्रधानमंत्री ने कई क्षेत्रों का सुझाव दिया जहां स्टार्टअप इकोसिस्टम एक प्रमुख भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान में अतिरिक्त जगह का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग ढांचा बनाने के लिए किया जा सकता है। इसी तरह, रक्षा निर्माण, चिप निर्माण जैसे क्षेत्र कई संभावनाएं प्रदान करते हैं। उन्होंने ड्रोन सेक्टर पर ध्यान दिया और कहा कि नई ड्रोन नीति के बाद कई निवेशक ड्रोन स्टार्टअप्स में निवेश कर रहे हैं। सेना, नौसेना और वायुसेना ने ड्रोन स्टार्टअप्स को 500 करोड़ रुपये के ऑर्डर दिए हैं। प्रधानमंत्री ने शहरी नियोजन में, संभावित क्षेत्रों के रूप में ‘वॉक टू वर्क कॉन्सेप्ट’, एकीकृत औद्योगिक सम्पदा और स्मार्ट मोबिलिटी के बारे में भी बातचीत की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज मिलेनीअल अपने परिवारों की समृद्धि और राष्ट्र की आत्मनिर्भरता दोनों के आधार हैं। ‘ग्रामीण अर्थव्यवस्था से लेकर उद्योग 4.0 तक, हमारी जरूरतें और हमारी क्षमता दोनों ही असीमित हैं। उन्होंने कहा, “भविष्य की प्रौद्योगिकी से संबंधित अनुसंधान और विकास पर निवेश आज सरकार की प्राथमिकता है।”

भविष्य की संभावनाओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी हमारी आधी आबादी ही इन्टरनेट का उपयोग कर रही है, इसलिए इस क्षेत्र में भविष्य की संभावनाएं अपार हैं। उन्होंने स्टार्टअप्स से भी गांवों की ओर बढ़ने की अपील की। उन्होंने कहा, “चाहे वह मोबाइल इंटरनेट हो, ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी हो या वास्तविक सम्पर्क, गांवों की आकांक्षाएं बढ़ रही हैं और ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्र विस्तार की एक नई लहर की प्रतीक्षा कर रहे हैं।”

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प्रधानमंत्री ने स्टार्टअप्स कारोबारियों से कहा कि यह नवाचार यानी विचार, उद्योग और निवेश का नया दौर है और आपका श्रम भारत के लिए है। आपका उद्यम भारत के लिए है। आपका धन सृजन और रोजगार सृजन भारत के लिए है। उन्होंने अंत में कहा, “मैं आपके साथ खड़ा हूं, सरकार आपके साथ है और पूरा देश आपके साथ खड़ा है।”

देश के उन सभी स्टार्ट-अप्स को, सभी इनोवेटिव युवाओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, जो स्टार्ट-अप्स की दुनिया में भारत का झंडा बुलंद कर रहे हैं।स्टार्ट-अप्स का ये कल्चर देश के दूर-दराज तक पहुंचे, इसके लिए 16 जनवरी को अब नेशनल स्टार्ट अप डे के रूप में मनाने का फैसला किया गया है: PM

इस दशक को भारत का techade कहा जा रहा है।इस दशक में Innovation, entrepreneurship और start-up इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए सरकार जो बड़े पैमाने पर बदलाव कर रही है, उसके तीन अहम पहलू हैं: PM @narendramodi

पहला, Entrepreneurship को, इनोवेशन को सरकारी प्रक्रियाओं के जाल से, bureaucratic silos से मुक्त कराना।दूसरा, इनोवेशन को प्रमोट करने के लिए institutional mechanism का निर्माण करना।और तीसरा, युवा innovators, युवा उद्यम की handholding करना: PM @narendramodi

हमारा प्रयास, देश में बचपन से ही Students में innovation के प्रति आकर्षण पैदा करने, innovation को institutionalise करने का है।9 हजार से ज्यादा अटल टिंकरिंग लैब्स, आज बच्चों को स्कूलों में innovate करने, नए Ideas पर काम करने का मौका दे रही हैं: PM @narendramodi

चाहे नए drone rules हों, या फिर नई space policy, सरकार की प्राथमिकता, ज्यादा से ज्यादा युवाओं को innovation का मौका देने की है।हमारी सरकार ने IPR registration से जुड़े जो नियम होते थे, उन्हें भी काफी सरल कर दिया है: PM @narendramodi

वर्ष 2013-14 में जहां 4 हजार patents को स्वीकृति मिली थी, वहीं पिछले वर्ष 28 हजार से ज्यादा patents, ग्रांट किए गए हैं।वर्ष 2013-14 में जहां करीब 70 हजार trademarks रजिस्टर हुए थे, वहीं 2020-21 में ढाई लाख से ज्यादा trademarks रजिस्टर किए गए हैं: PM @narendramodi

वर्ष 2013-14 में जहां सिर्फ 4 हजार copyrights, ग्रांट किए गए थे, पिछले साल इनकी संख्या बढ़कर 16 हजार के भी पार हो गई है: PM @narendramodi

Our Start-ups are changing the rules of the game.इसलिए मैं मानता हूं- Start-ups are going to be the backbone of new India: PM @narendramodi

बीते साल तो 42 यूनिकॉर्न देश में बने हैं।हज़ारों करोड़ रुपए की ये कंपनियां आत्मनिर्भर होते, आत्मविश्वासी भारत की पहचान हैं।आज भारत तेज़ी से यूनिकॉर्न की सेंचुरी लगाने की तरफ बढ़ रहा है।और मैं मानता हूं, भारत के स्टार्ट-अप्स का स्वर्णिम काल तो अब शुरु हो रहा है: PM

भारत के स्टार्ट-अप्स खुद को आसानी से दुनिया के दूसरे देशों तक पहुंचा सकते हैं।इसलिए आप अपने सपनों को सिर्फ local ना रखें global बनाएं।इस मंत्र को याद रखिए- let’s Innovate for India, innovate from India: PM @narendramodi

Millennial आज अपने परिवारों की समृद्धि और राष्ट्र की आत्मनिर्भरता, दोनों के आधार हैं।Rural economy से लेकर Industry 4.0 तक हमारी ज़रूरतें और हमारा potential, दोनों असीमित हैं।Future technology से जुड़ी रिसर्च और डेवलपमेंट पर इन्वेस्टमेंट आज सरकार की प्राथमिकता है: PM

ये innovation यानि ideas, industry and investment का नया दौर है।आपका श्रम भारत के लिए है।आपका उद्यम भारत के लिए है।आपकी wealth creation भारत के लिए है, Job Creation भारत के लिए है: PM @narendramodi

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