उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडु ने आज संयुक्त परिवार व्यवस्था और बड़ों का सम्मान करने की परंपरा को मजबूत करने का आह्वाहन किया, जो भारत के सभ्यतागत मूल्यों के मूल पहलू हैं।
उन्होंने एक परिवार में खुद से छोटे सदस्यों का मार्गदर्शन करने और सलाह देने के संबंध में बड़ों की निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि अंतरपीढ़ीगत जुड़ाव मूल्य प्रणाली को बचाने और इसे आगे बढ़ावा देने में सहायता करती है।
श्री नायडु ने संक्रांति पर्व के अवसर पर नेल्लोर स्थित स्वर्ण भारत ट्रस्ट नेल्लोर के एक वृद्धाश्रम में रहने वालों के साथ वर्चुअल माध्यम के जरिए बातचीत की। उन्होंने बुजुर्गों से उनकी सेहत और उन्हें मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने ट्रस्ट के कर्मचारियों और अधिकारियों को उनकी इस पहल के लिए बधाई दी।
उपराष्ट्रपति ने भारतीय संस्कृति में त्योहारों के महत्व को रेखांकित किया. श्री नायडु ने कहा कि आज के युवाओं को प्रकृति की उदारता को मनाने, परिवारों को एक साथ लाने और समाज में शांति व सद्भाव लाने में संक्रांति जैसे त्योहारों की विशिष्टता को समझना चाहिए।
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एमजी/एएम/एचकेपी/एसएस