अपेक्षा ग्रुप ने 30 रेलकर्मियों से भी ठगे पौने तीन करोड़

अपेक्षा ग्रुप ने 30 रेलकर्मियों से भी ठगे पौने तीन करोड़
कोटा।  अपेक्षा ग्रुप में रेल कर्मचारियों को भी अपना शिकार बनाया है। ग्रुप ने 30 कर्मचारियों से करीब पौने तीन करोड़ रुपए ठगे हैं। कर्मचारियों द्वारा पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है।
ठगी के शिकार यह कर्मचारी विभिन्न विभागों में कार्यरत हैं। ग्रुप ने इन कर्मचारियों से एक से लेकर 65 लाख रुपए तक ठगे हैं। कई कर्मचारियों ने अपनी जीवन भर की कमाई ठगों के हवाले कर दी।
कर्मचारियों ने बताया कि एक अन्य रेलवे कर्मचारी के जाल में सभी फंस गए। इस कर्मचारी का नाम दिवाकर द्विवेदी है। दिवाकर द्वारा दिए लालच में आकर कर्मचारियों ने अपनी जीवन भर की गाढ़ी कमाई ग्रुप में इन्वेस्ट कर दी। दिवाकर अब इस मामले से बचने की कोशिश कर रहा है।
कर्मचारियों ने बताया कि पुलिस द्वारा कुछ आरोपियों के पकड़े जाने के बाद मामले का भंडाफोड़ हुआ। इससे पहले दिवाकर कर्मचारियों को लगातार पैसे लौटाने का आश्वासन देता रहा।
दो थानों में मामले दर्ज
उल्लेखनीय है कि ठगी की इस घटना के दो अलग-अलग थानों में 2 मामले दर्ज हुए हैं। पहला मामला 68 लाख रुपए ठगी के शिकार 2 लोगों ने कुन्हाड़ी थाने में दर्ज कराया था। इस मामले में पुलिस ने शुक्रवार को ही 3 लोगों को धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया है। दूसरा मामला 50 लाख रुपए की ठगी का शनिवार को गुमानपुरा थाने में दर्ज हुआ है। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है।
मुख्य आरोपी फरार
ठगी का मुख्य आरोपी मुरली मनोहर नामदेव फरार है। मुरली ही ग्रुप का मालिक और अध्यक्ष है। ठगी के लिए मुरली ने 38 लोगों को ग्रुप का निदेशक बना रखा था। यह निदेशक पिछले करीब 10 सालों से झांसा देकर लोगों से रकम एकत्रित करते थे। ठगी के लिए मुरली ने अपेक्षा नाम से करीब आधा दर्जन फर्म बना रखी हैं। मुरली द्वारा इन फर्मों में इन्वेस्ट पर 3 साल में पैसा दोगुना करने और जमीन के सौदे में कई गुना फायदा देने के बहाने लोगों को थकता था। इसके द्वारा मुरली लोगों से बाकायदा एग्रीमेंट भी करता था।
मुरली ने कोटा सहित 12 बूंदी और झालावाड़ में भी कई लोगों को सैकड़ों लोगों को अपना ठगी का शिकार बनाया है धीरे-धीरे अभी और भी मामले सामने आएंगे