इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के निर्यात में 2013-14 से 88 प्रतिशत की वृद्धि हुई

भारत की इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का निर्यात 2013-14 के 6600 मिलियन डॉलर से 88 प्रतिशत बढ़कर 2021-22 में 12,400 मिलियन डॉलर का हो गया है। इस क्षेत्र में प्रमुख रूप से निर्यात की जाने वाली वस्तुओं में मोबाइल फोन, आईटी हार्डवेयर (लैपटॉप, टैबलेट), उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स (टीवी तथा ऑडियो), औद्योगिक इलेक्ट्रॉनिक्स तथा ऑटो इलेक्ट्रॉनिक्स हैं।

World wants ‘Made In India’. 🇮🇳8⃣8⃣% jump in exports of Electronic Goods in Apr-Jan 2021-22 over same period in 2013-14.Government’s initiatives are boosting domestic manufacturing of quality & globally competitive products. pic.twitter.com/bqCqIStpYS

राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स नीति 2019 (एनपीई 2019) का उद्देश्य भारत को इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन तथा मैन्युफैक्चरिंग (ईएसडीएम) के लिए वैश्विक केंद्र बनाना है। वैश्विक केंद्र बनाने के लिए नीति का उद्देश्य मुख्य घटकों के लिए देश में क्षमताओं को प्रोत्साहन देना और प्रेरित करना तथा विश्व में स्पर्धा करने के लिए उद्योग के अनुकूल वातावरण बनाना है। इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र को प्रोत्साहित करने तथा आवश्यक इकोसिस्टम बनाने के लिए बड़े इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई), इलेक्ट्रॉनिक घटकों तथा सेमी कंडक्टरों के प्रोत्साहन के लिए योजना (एसपीईसीएस), संशोधित इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कलस्टर्स योजना (ईएमसी 2.0) तथा आईटी हार्डवेयर के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना लागू की गई है।

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भारत का निर्यात निरंतर रूप से बढ़ रहा है। यह ध्यान देने की बात है कि भारत का व्यापारिक निर्यात जनवरी 2022 में 23.69 प्रतिशत बढ़कर 34.06 बिलियन डॉलर का हो गया, जो जनवरी 2021 में जनवरी 2020 के 25.85 बिलियन डॉलर से 31.75 प्रतिशत बढ़कर 27.54 बिलियन डॉलर था।

भारत का व्यापारिक निर्यात 2021-22 (अप्रैल-जनवरी) में 46.53 प्रतिशत बढ़कर 335.44 बिलियन डॉलर हो गया, जो 2020-21 (अप्रैल-जनवरी) में 2019-20 (अप्रैल-जनवरी) के 264.13 बिलियन डॉलर से 27.0 प्रतिशत बढ़कर 228.9 बिलियन डॉलर था।

सरकार निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक सक्रिय कदम उठा रही है। निर्यात क्षेत्र बाधाओं को विशेषकर महामारी के दौरान की बाधाओं को समाप्त करने के लिए एक निर्यात निगरानी डेस्क बनाया गया है।

वाणिज्य विभाग के अंतर्गत विभिन्न अधिनियमों की अधिकता तथा पुराने प्रावधानों को समाप्त करने लिए समीक्षा की जा रही है। अत्यधिक उत्साह के साथ अनेक द्विपक्षीय व्यापार समझौते किए जा रहे हैं। सरकार एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) जैसी पहलों के माध्यम से भारत में प्रत्येक जिले को निर्यात केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में संकल्पबद्ध है। विभिन्न निर्यातमुखी योजनाओं के माध्यम से निर्यातकों को समर्थन दिया जा रहा है। अनुपालन बोझ को युक्तिसंगत तथा अपराधमुक्त बनाए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं और व्यावसायिक सुगम्यता सुधारने के लिए अनेक कदम उठाए जा रहे हैं।

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निर्यातकों को लाइसेंस प्रदान करने तथा उनकी समस्याओं के समाधान के लिए एक आईटी आधारित प्लेटफॉर्म बनाया गया है। सरकार भारतीय निर्यात को विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में वैश्विक स्थान दिलाने के लिए निर्यात के ब्रांड वैल्यू बढ़ाने का काम कर रही है तथा देश को वैश्विक मूल्य श्रृंखला से जोड़ने के लिए सक्रिय कदम उठाए जा रहे हैं। 

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