जेएनसीएएसआर में स्कूल ऑफ एडवांस्ड मैटेरियल्स (एसएमैट) की आधारशिला का अनावरण किया गया

जवाहरलाल नेहरू उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र (जेएनसीएएसआर) की सभी सामग्री अनुसंधान गतिविधियों को एक साथ लाने के लिए स्कूल ऑफ एडवांस्ड मैटेरियल्स (एसएमैट) की आधारशिला का कल अनावरण किया गया। बीते 30 साल के दौरान यह देश और दुनिया में सामग्री अनुसंधान के क्षेत्र में एक अग्रणी केंद्र के रूप में उभरा है।
जेएनसीएएसआर, जक्कुर परिसर में आधारशिला अनावरण समारोह के दौरान डॉ. एस. चंद्रशेखर, सचिव, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार ने कहा, ’’गैर-सरकारी कोष के आधार पर जेएनसीएएसआर परिसर में एसएमैट के लिए भवन का सपना वैसे ही सच होने जा रही है जैसे कि प्रो. सीएनआर राव ने कल्पना की थी।

 

 

एसएमैट की टीम को बधाई देते हुए उन्होंने कहा, ’’नई भवन सुविधा की होने से नए विचारों, नई चिंतन-प्रक्रियाओं, नई सुविधाओं को बढ़ावा मिलेगा।’’ उन्होंने कहा, ’’जैसा कि भारत 2047 में देश की स्वतंत्रता के 100 साल मनाने की ओर अग्रसर है, एसएमैट और जेएनसीएएसआर की गतिविधियों से क्षेत्र व उससे आगे भारत की महत्वाकांक्षाओं को साकार करने का प्रयास किया जाएगा।

यह भी पढ़ें :   मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम को अधिक प्रभावी बनाने के लिए नेशनल लॉजिस्टिक पोर्टल (एनएलपी) को यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म से एकीकृत किया जाएगा

जेएनसीएएसआर के अध्यक्ष प्रोफेसर जी यू कुलकर्णी ने कहा, ’’जेएनसीएएसआर की अनुसंधान गतिविधियों को निश्चित रूप से विश्व स्तर पर पहचान मिली है और संस्थान के संकाय ने भारत समेत पूरी दुनिया में कुछ सर्वश्रेष्ठ में अपनी जगह बनाई है।’’

डीएसटी के तहत एक स्वायत्त संस्थान और विश्वविद्यालय के रूप में मान्य संस्थान, जवाहरलाल नेहरू उन्नत अनुसंधान केंद्र (जेएनसीएएसआर) में भारत रत्न प्रोफेसर सी एन आर राव, एफआरएस की उपस्थिति में एसएमैट भवन की आधारशिला का अनावरण किया गया।
इस समारोह में सेंटर फॉर नैनो एंड सॉफ्ट मैटर साइंसेज (सीईएनएस) और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (आईआईएपी) के निदेशकों के साथ-साथ डीन, यूनिटों के अध्यक्ष, संकाय सदस्य और केंद्र के अधिकारियों ने शिरकत की। इस अवसर पर एसएमैट के प्रस्तावित भवन का वॉक-थ्रू वीडियो दिखाया गया।

यह भी पढ़ें :   महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने नारी शक्ति पुरस्कार-2022 के लिए आवेदन पत्र/नामांकन आमंत्रित किए

केमिस्ट्री एंड फिजिक्स ऑफ मैटेरियल्स यूनिट (सीपीएमयू) के अध्यक्ष और एसएमैट समन्वयक प्रो. ए. सुंदरसन ने बताया, ’’संस्कृत में समत का अर्थ समभाव है। एसएमैट यानी समत के सृजन का विचार 2018 में आया। इसमें 28 संकाय सदस्य शामिल हैं, जो कई इकाइयों से लिए गए हैं।’’

सामग्री अनुसंधान के व्यापक स्पेक्ट्रम में शामिल संकाय सदस्यों की संख्या को देखते हुए, जिसमें नैनो-सामग्री, ऊर्जा सामग्री, सॉफ्ट सामग्री, जैव सामग्री और सिद्धांत शामिल हैं, केंद्र में सभी सामग्री अनुसंधान गतिविधियों को एक साथ लाने के लिए एक व्‍यापक संरचना होना आवश्यक था।

श्री जॉयदीप देब, प्रशासनिक कार्यालय, जेएनसीएएसआर द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ बैठक का समापन हुआ।

 

एमजी/एएम/पीकेजे/वाईबी