राजस्थान के भाजपा सांसदों से मिलने से पहले पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से मिले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

राजस्थान के भाजपा सांसदों से मिलने से पहले पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से मिले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
राजे 23 मार्च को पुष्कर सिंह धामी के शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित रही और अब 25 मार्च को योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में भी भाग लेंगी।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राजस्थान के भाजपा सांसदों से 25 मार्च को सुबह मिलना निर्धारित है। हालांकि राज्यों के सांसदों के साथ प्रधानमंत्री अक्सर मुलाकात करते रहते हैं। लेकिन राजस्थान के सांसदों से मुलाकात करने से पहले 24 मार्च को प्रधानमंत्री ने संसद भवन परिसर में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे से मुलाकात की। राजनीतिक क्षेत्रों में इस मुलाकात को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। असल में पिछले तीन वर्षों से राजे प्रदेश के भाजपा नेतृत्व से खुश नहीं है, इसलिए वे समय समय पर अपना राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन करती रहती है। गत 8 मार्च को ही अपने जन्मदिन पर बूंदी में राजे ने केशोराय पाटन मंदिर में अपना जन्मदिन धार्मिक अनुष्ठान के साथ मनाया। इस अवसर पर प्रदेश के कई सांसद और करीब चालीस विधायक उपस्थित रहे। राजे के शक्ति प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री से मुलाकात होना महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जानकारों का मानना है कि मोदी और राजे के बीच प्रदेश के राजनीतिक हालातों पर भी चर्चा हुई है। पिछले दो तीन दिनों से राष्ट्रीय राजनीति में राजे की सक्रियता अचानक बढ़ गई है। 23 मार्च को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के शपथ ग्रहण समारोह में राजे भाजपा शासित मुख्यमंत्रियों के साथ शामिल हुई। 25 मार्च को लखनऊ में होने वाले योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में भी राजे को आमंत्रित किया है। योगी के समारोह में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ साथ भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे। जानकार सूत्रों के अनुसार 24 मार्च की मुलाकात का निर्णय 23 मार्च को उत्तराखंड में ही हुआ। मालूम हो कि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष होने के बाद भी राजे राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय नहीं देखी गई। राजे ने राष्ट्रीय नेतृत्व को पहले ही सूचित कर दिया कि उनकी रुचि राजस्थान में ही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद माना जा रहा है कि वसुंधरा राजे की राजनीतिक सक्रियता राजस्थान में ही देखने को मिलेगी। उल्लेखनीय है कि राजस्थान में अगले वर्ष विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व चाहता है कि भाजपा के सभी नेता एकजुट होकर काम करे। भाजपा के मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और संगठन महामंत्री चंद्रशेखर ने प्रदेशभर में मंडल स्तर पर भाजपा को मजबूत करने का काम पूरी मेहनत के साथ किया है। कई मौकों पर राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ आंदोलन भी किए हैं। लेकिन पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की वजह से संगठन में खींचतान की खबरें आती रही। हालांकि की दोनों ही पक्षों में खींचतान होने से इंकार किया। डॉ. पूनिया ने हर बार यही कहा कि वसुंधरा राजे पार्टी की वरिष्ठ नेता हैं।