भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) का अनावरण

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की अपनी यात्रा के दौरान 28 मार्च 2022 को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) के अनावरण की घोषणा की। श्री गोयल दुबई में 28 मार्च 2022 को आयोजित होने वाले ‘इन्वेस्टोपिया समिट’ और 29 मार्च 2022 को ‘वर्ल्‍ड गवर्नमेंट समिट’ में भाग लेने के लिए संयुक्त अरब अमीरात में हैं। इस लॉन्च के साथ ही भारत- यूएई सीईपीए का पाठ अब सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध है।

भारत- यूएई सीईपीए पर 18 फरवरी 2022 को नई दिल्ली में भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी और अबु धाबी के क्राउन प्रिंस, यूएई सशस्त्र बलों के उप सर्वोच्च कमांडर और कार्यकारी परिषद के चेयरमैन महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल-नाहयान के बीच आयोजित भारत- यूएई वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे।

 

भारत- यूएई सीईपीए की मुख्य विशेषताएं :

भारत- यूएई सीईपीए पिछले एक दशक में किसी भी देश के साथ भारत द्वारा हस्ताक्षरित पहला गहरा एवं पूर्ण मुक्त व्यापार समझौता है। यह एक व्यापक समझौता है जिसमें वस्‍तुओं का व्‍यापार, मूल स्‍थान के नियम, सेवाओं का व्‍यापार, व्‍यापार की तकनीकी बाधाएं (टीबीटी), स्वच्छता एवं साइटोसैनिटरी (एसपीएस) उपाय, विवाद निपटान, नैचुलर पर्सन की आवाजाही, दूरसंचार, सीमा शुल्क संबंधी प्रक्रिया, फार्मास्युटिकल उत्पाद, सरकारी खरीद, आईपीआर, निवेश, डिजिटल व्यापार और अन्य क्षेत्रों में सहयोग शामिल होंगी।

 

प्रभाव अथवा लाभ:

सीईपीए दोनों देशों के बीच व्यापार को प्रोत्साहित करने और उसे सुधारने के लिए एक संस्थागत तंत्र प्रदान करता है। भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच सीईपीए में भारत (11,908 टैरिफ लाइन) और संयुक्त अरब अमीरात (7,581 टैरिफ लाइन) लगभग सभी मौजूदा टैरिफ लाइनों को शामिल किया गया है। भारत को अपनी 97 प्रतिशत से अधिक टैरिफ लाइनों पर संयुक्त अरब अमीरात द्वारा प्रदान की जाने वाली तरजीही बाजार पहुंच का लाभ मिलेगा जो मूल्य के संदर्भ में यूएई को भारतीय निर्यात का 99 प्रतिशत हिस्सा है। इसमें विशेष तौर पर व्‍यापक श्रम वाले लगभग सभी क्षेत्र शामिल हैं जैसे रत्न एवं आभूषण, कपड़ा, चमड़ा, फुटवियर, खेल के सामान, प्लास्टिक, फर्नीचर, कृषि एवं लकड़ी के उत्पाद, इंजीनियरिंग उत्पाद, चिकित्सा उपकरण और ऑटोमोबाइल। भारत भी अपनी 90 प्रतिशत से अधिक टैरिफ लाइनों पर यूएई को तरजीही पहुंच प्रदान करेगा जिसमें यूएई के लिए निर्यात लाइनें भी शामिल हैं।

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जहां तक सेवाओं के व्‍यापार का सवाल है तो भारत ने लगभग 100 उप-क्षेत्रों में संयुक्त अरब अमीरात को बाजार पहुंच की पेशकश की है, जबकि भारतीय सेवा प्रदाताओं के पास 11 व्यापक सेवा क्षेत्रों के तहत लगभग 111 उप-क्षेत्रों तक पहुंच होगी। इन सेवा क्षेत्रों में ‘व्यावसायिक सेवाएं’, ‘संचार सेवाएं’, ‘निर्माण एवं संबंधित इंजीनियरिंग सेवाएं’, ‘वितरण सेवाएं’, ‘शैक्षिक सेवाएं’, ‘पर्यावरण सेवाएं’, ‘वित्तीय सेवाएं’, ‘स्वास्थ्य संबंधी एवं सामाजिक सेवाएं’, ‘पर्यटन एवं यात्रा संबंधी सेवाएं’, ‘मनोरंजक सांस्कृतिक एवं खेल सेवाएं’ और ‘परिवहन सेवाएं’ शामिल हैं।

दोनों पक्षों ने फार्मास्‍युटिकल्‍स पर एक अलग अनुलग्‍नक तैयार करने पर भी सहमति जताई ताकि भारतीय फार्मास्‍युटिकल उत्‍पादों के लिए पहुंच सुनिश्चित हो सके, विशेष तौर पर निर्दिष्ट मानदंडों को पूरा करने वाले उत्पादों के लिए स्‍वचालित पंजीकरण और 90 दिनों में विपणन मंजूरी मिल सके।

 

समयरेखा:

भारत- यूएई सीईपीए के लिए बातचीत 88 दिनों की रिकॉर्ड अवधि में संपन्न हुई। समझौता 1 मई 2022 को लागू होने की उम्मीद है।

 

पृष्ठभूमि:

भारत और संयुक्त अरब अमीरात उत्कृष्ट द्विपक्षीय संबंधों का लाभ उठा रहे हैं जिनकी जड़ें काफी गहरी, ऐतिहासिक और घनिष्ठ सांस्कृतिक एवं सभ्यतागत समानताएं, लगातार उच्च स्तरीय राजनीतिक बातचीत एवं लोगों से लोगों के बीच जीवंत संबंधों द्वारा पोषित हैं। भारत- यूएई व्यापक रणनीतिक भागीदारी 16-17 अगस्त 2015 को भारत के प्रधानमंत्री की संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा के दौरान शुरू हुई थी जो हमारे बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों की बुनियाद है।

बढ़ते भारत- यूएई आर्थिक एवं वाणिज्यिक संबंध दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में गहराई और तेजी से विविधीकरण को स्थिरता एवं मजबूती देने में योगदान करते हैं। भारत और संयुक्त अरब अमीरात एक-दूसरे के प्रमुख व्यापारिक भागीदार रहे हैं। दोनों देशों के बीच उत्कृष्ट द्विपक्षीय आर्थिक एवं वाणिज्यिक संबंध समय के साथ लगातार बढ़ते और गहरे होते रहे हैं। भारत और यूएई के बीच द्विपक्षीय व्यापार 1970 के दशक में 18 करोड़ डॉलर प्रति वर्ष से लगातार बढ़कर वित्त वर्ष 2019-20 में 60 अरब डॉलर (4.55 लाख करोड़ रुपये) हो गया और इस प्रकार यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बन गया है। वर्ष 2019-20 में यूएई को 29 अरब डॉलर के निर्यात के साथ यूएई भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य भी है जबकि यूएई से भारत का आयात मूल्य लगभग 30 अरब डॉलर था जिसमें 21.83 एमएमटी (यूएस 10.9 अरब डॉलर) कच्‍चा तेल शामिल है। यूएई भारत के लिए ऊर्जा आपूर्ति का एक महत्वपूर्ण स्रोत है और वह सामरिक पेट्रोलियम भंडार, अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम पेट्रोलियम क्षेत्रों के विकास में भारत का एक प्रमुख भागीदार है।

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संयुक्त अरब अमीरात 18 अरब डॉलर के अनुमानित निवेश के साथ भारत में आठवां सबसे बड़ा निवेशक भी है। इसके अलावा, भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने हाल में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) में किया है जिसके तहत यूएई ने भारत में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 75 अरब डॉलर की प्रतिबद्धता जताई है। इसके अलावा, अक्टूबर 2021 में दुबई सरकार ने रियल एस्टेट, औद्योगिक पार्क, आईटी टावर, बहुउद्देश्यीय टावर, लॉजिस्टिक, मेडिकल कॉलेज, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल आदि के विकास के लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

भारत- यूएई सीईपीए दोनों देशों के बीच पहले से ही गहरे, घनिष्ठ और रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करेगा। इसके अलावा यह समझौता दोनों देशों के लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा, जीवन स्तर को बेहतर करेगा और कल्याण में सुधार करेगा।

 

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एमजी/एएम/एसकेसी