संस्कृति मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी के दौरान लोक कलाकारों को सहायता प्रदान करने के लिए सक्रिय कदम उठाए : श्री जी. किशन रेड्डी

महाराष्ट्र सहित पूरे देश में लोक नृत्यों और कलाओं को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने सात क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र (जेडसीसी) स्थापित किए हैं। महाराष्ट्र दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एससीजेडसीसी), नागपुर और पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (डब्ल्यूजेडसीसी), उदयपुर का सदस्य राज्य है। सभी सात जेडसीसी महाराष्ट्र सहित पूरे भारत में नियमित रूप से सांस्कृतिक गतिविधियों और कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। महाराष्ट्र सहित देश के विभिन्न हिस्सों से विभिन्न कला रूपों के लोक कलाकारों को इन कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए सभी जेडसीसी द्वारा लगाया जाता है, जिसके लिए इन कलाकारों को मानदेय, यात्रा भत्ता / महंगाई भत्ता, भोजन व्‍यवस्‍था, आश्रय स्‍थल और स्थानीय परिवहन प्रदान किया जाता है, ताकि वे अपनी आजीविका कमा सकें।

 

महामारी को देखते हुए लोक कलाकारों को सहायता प्रदान करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए गए हैं:

 

(i) पूर्वी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (ईजेडसीसी), कोलकाता ने शिल्पग्राम, शांतिनिकेतन में ऑनलाइन कार्यक्रमों और शिल्पकारों के लिए उत्पादन उन्मुख कार्यशालाओं के माध्यम से 12000 से अधिक कलाकारों का समर्थन किया है ताकि उनकी आर्थिक मदद की जा सके।

 

(ii) दक्षिण मध्य क्षेत्र संस्कृति केंद्र (एससीजेडसीसी), नागपुर ने ऑनलाइन कार्यक्रमों का आयोजन किया और कलाकारों को 2020-21 और 2021-22 के दौरान 2,13,46,786/- रुपये का पारिश्रमिक देकर उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान की।

 

(iii) दक्षिण क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एसजेडसीसी), तंजावुर ने महामारी के दौरान कलाकारों को 8,93,85,000/- रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की।

 

(iv) उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनजेडसीसी), पटियाला ने ऑनलाइन कार्यक्रमों का आयोजन किया और कलाकारों को 2020-21 और 2021-22 के दौरान (31.12.2021 तक) 2,59,08,000/-  रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की।

 

(v) पूर्वोत्तर  क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनईजेडसीसी), दीमापुर ने कोविड-19 महामारी के दौरान वर्चुअल सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया, जिससे 2020-21 के दौरान 1725 कलाकार और 2021-22 के दौरान 5750 कलाकार (अब तक) लाभान्वित हुए।

 

(vi) क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्रों (जेडसीसी) ने कलाकारों के ऑनलाइन कार्यक्रमों का आयोजन किया है और इसे फेसबुक तथा यूट्यूब जैसे विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित किया है। कलाकारों को उनके ऑनलाइन प्रदर्शन के लिए पारिश्रमिक का भुगतान किया गया है।

यह भी पढ़ें :   आरआईएनएल के विपणन विभाग के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रभाग को निर्यात उत्कृष्टता के लिए स्टार परफॉर्मेंस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया

 
इन कलाकारों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए संस्कृति मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी के दौरान संकट में फंसे कलाकारों की मदद के लिए कई पहल की हैं। कोविड महामारी के दौरान कलाकारों की मदद के लिए उठाए गए कदम इस प्रकार हैं:

 
(i) वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए, संस्कृति मंत्रालय ने वर्चुअल  मोड पर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए कला संस्कृति विकास योजना (केएसवीवाई) के विभिन्न योजना घटकों के अंतर्गत  कलाकारों / संगठनों की मदद करने के लिए अक्टूबर, 2020 में दिशा-निर्देश जारी किए थे। इससे उन्हें इन योजनाओं के तहत लाभ प्राप्त करने में सहायता मिलेगी, भले ही वे पहले की तरह रंगमंच पर भौतिक प्रारूप में कार्यक्रमों का मंचन करने में सक्षम न हों, लेकिन इससे वर्तमान संकट से निपटने के लिए निरंतर वित्तीय सहायता सुनिश्चित हो सकेगी।

 
(ii) संस्कृति मंत्रालय की विभिन्न वित्तीय योजनाओं के तहत पहले से ही अनुमोदित अनुदानग्राहियों को राशि जारी करने के सभी प्रयास किए गए हैं। वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही के दौरान जारी की गई धनराशि वित्त वर्ष 2019-2020 की पहली तिमाही के दौरान जारी की गई राशि की तुलना में बहुत अधिक थी। इसी तरह के प्रयास इस वित्तीय वर्ष में भी किए जा रहे हैं।
 
 (iii) कोविड-19 के मद्देनज़र, रिपर्टरी ग्रांट की योजना के तहत संगठनों को वार्षिक अनुदान जारी करने के लिए अनिवार्य निरीक्षण से छूट प्रदान की गई है।

 
(iv) अनिवार्य ईएटी मॉड्यूल के अनुपालन जैसी विभिन्न प्रक्रियात्मक औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए अनुदान प्राप्तकर्ताओं को सभी प्रकार की सहायता प्रदान की गई है। सांस्कृतिक समारोह और उत्पादन अनुदान (सीएफपीजी) के योजना घटक के संबंध में, सीएफपीजीएस की 43वीं और उससे पहले की बैठकों के अनुदानकर्ताओं को पहली किश्त जारी करने के लिए ईएटी मॉड्यूल में व्यय का विवरण दाखिल करने से संगठनों को एकमुश्त छूट दी गई है।

 
(v) कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए छात्रवृत्ति एवं फैलोशिप योजना के तहत कोविड-19 के मद्देनजर बैच वर्ष 2019-20 के लिए वरिष्ठ अध्येताओं (सीनियर फैलोज)  का चयन एवं पूर्व बैचों की 06 मासिक रिपोर्टों का मध्यावधि एवं अंतिम मूल्यांकन (बैच वर्ष 2017-18 तक) दोनों कनिष्ठ / वरिष्ठ अध्येताओं के संबंध में विशेषज्ञ समिति के सदस्यों की बड़ी संख्या को देखते हुए वर्चुअल मोड के माध्यम से आयोजित किया गया है।

यह भी पढ़ें :   बांस और इसके उपयोग पर पश्चिम जयंतिया हिल्स जिला, मेघालय के 40 ग्राम समुदाय समन्वयक और अग्रणी किसानों के लिए प्रदर्शन भ्रमण सह संवाद कार्यक्रम

 
(vi) कलाकार पेंशन योजना के तहत पेंशनभोगियों द्वारा अनिवार्य वार्षिक आय प्रमाण पत्र जमा करने के संबंध में एकमुश्त छूट प्रदान की गई है।
 
(vii) सभी क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्रों ने लोक कलाकारों/हस्तशिल्पियों को राज्यों द्वारा घोषित योजनाओं का लाभ उठाने के लिए अपने सदस्य राज्यों के साथ पंजीकृत होने के लिए प्रोत्साहित किया है।
 
(viii) दक्षिण क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एसजेडसीसी), तंजावुर ने चेन्नई स्थित एक गैर सरकारी संगठन समर्पण के सहयोग से एक ऑनलाइन कोष जुटाने का कार्यक्रम “नोट्स ऑफ़ नेक्टर फॉर 1000 ” का आयोजन किया, जिसमें उत्तर और दक्षिण के प्रख्यात कलाकारों ने भाग लिया। फंड जुटाने की इस पहल ने लोक कलाकारों के 1200 परिवारों को कोविड -19 महामारी के दौरान वित्तीय सहायता, किराने का सामान आदि प्राप्त करने में सक्षम बनाया है।
 
(ix) सभी क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्रों (जेडसीसी) ने अस्पतालों / नर्सिंग होम में भर्ती कलाकारों की देखभाल की और उनके लिए सर्वोत्तम उपचार सुनिश्चित करने के लिए डॉक्टरों के साथ परामर्श किया। कोलकाता में एक मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल के सहयोग से टीकाकरण शिविरों का आयोजन ईजेडसीसी द्वारा सीएसआर फंड के माध्यम से उनके कलाकारों के लिए किया गया था। राज्य सरकारों के स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से अस्पताल में भर्ती कुछ कलाकारों के लिए आवश्यक आपातकालीन जीवन रक्षक दवाओं / इंजेक्शन की व्यवस्था जेडसीसी द्वारा की गई थी।
 
(x) स्मारक कार्यक्रमों के दौरान कलाकारों को उनमें शामिल करने के प्रयास किए गए हैं ताकि वे मंत्रालय द्वारा जारी अनुदानों से वित्तीय लाभ प्राप्त कर सकें।
 
यह जानकारी आज राज्यसभा में संस्कृति, पर्यटन एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने दी है।

********

एमजी / एएम / एसटी/वाईबी