रघु शर्मा की वजह से गुजरात में कांग्रेस का बुरा हाल। घमंड वाले व्यवहार के कारण कांग्रेसी अब आप में जा रहे हैं।

रघु शर्मा की वजह से गुजरात में कांग्रेस का बुरा हाल। घमंड वाले व्यवहार के कारण

कांग्रेसी अब आप में जा रहे हैं।

गुजरात कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष और पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के साथ टकराव चरम पर।
गुजरात को केकड़ी समझ लिया है रघु शर्मा ने। आजादी की गौरव यात्रा में भी शामिल नहीं हुए हार्दिक पटेल।
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गुजरात में कांग्रेस के प्रभारी रघु शर्मा और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यवाहक अध्यक्ष हार्दिक पटेल के बीच टकराव चरम पर पहुंच गया है। रघु ने हार्दिक पटेल को हैसियत में रहने की नसीहत दी है, तो वहीं हार्दिक पटेल का कहना है कि वे सच को लिखते रहेंगे। भले ही इसके परिणाम कुछ भी हों। पिछले कुछ दिनों से हार्दिक पटेल ट्विटर पर पार्टी को लेकर प्रतिकूल टिप्पणियां कर रहे हैं। सब जानते हैं कि गुजरात में हार्दिक पटेल पाटीदार समुदाय के मजबूत नेता है। हार्दिक के नेतृत्व में ही गुजरात में पटेलों के लिए आरक्षण आंदोलन भी चला। पिछले 25 वर्षों से सत्ता में रहने वाली भाजपा भी हार्दिक पटेल की ताकत को समझती है।
लेकिन राजस्थान के केकड़ी कस्बे के विधायक रघु शर्मा पाटीदार समुदाय की अहमियत को नहीं समझ रहे हैं, इसलिए हार्दिक पटेल को हैसियत में रहने की नसीहत दे रहे हैं। रघु शर्मा के बयानों से पाटीदार समाज और कांग्रेस के आम कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। गुजरात में छह माह बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं। हार्दिक पटेल के साथ साथ कांग्रेस के नेता भी चाहते हैं कि मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया जाए। कांगे्रस में जिस तरह पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया, इसी प्रकार गुजरात में भी चेहरा घोषित करने की मांग हो रही है। लेकिन इसमें सबसे बड़ी बाधा प्रदेश प्रभारी रघु शर्मा है। रघु शर्मा नहीं चाहते कि हार्दिक पटेल को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया जाए। रघु ने कांग्रेस हाईकमान को भी सलाह दी है कि गुजरात में बिना चेहरे के ही विधानसभा का चुनाव लड़ा जाए। जबकि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का मानना है कि यदि चेहरा घोषित होता है तो कांग्रेस को फायदा होगा। गुजरात में पाटीदार समुदाय की अनदेखी नहीं की जा सकती है। एक ओर रघु शर्मा और हार्दिक पटेल के बीच टकराव चरम पर है तो वहीं रघु शर्मा के घमंड पूर्ण व्यवहार से कांग्रेस के नेता भी मायूस हैं। यही वजह है कि कांग्रेस के जिला स्तर और ब्लॉक स्तर के नेता अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी में शामिल हो रहे हैं। विगत दिनों ही केजरीवाल ने अहमदाबाद में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ रोड शो भी किया था।
इस रोड शो के बाद आम आदमी पार्टी में शामिल होने वाले नेताओं की लाइन लग गई है। केजरीवाल का भी प्रयास है कि वे गुजरात में कांग्रेस का स्थान ले लें। केजरीवाल की नजर हार्दिक पटेल पर भी लगी हुई है। एक ओर गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह का विजन लगा हुआ है तो वहीं आम आदमी पार्टी ने भी पूरी ताकत लगा रखी है। जबकि कांग्रेस ने कस्बाई सोच रखने वाले केकड़ी के विधायक रघु शर्मा को गुजरात की बागडोर दे रखी है। रघु शर्मा मौजूदा समय में राजस्थान के जिस केकड़ी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं उस केकड़ी के नागरिक भी रघु शर्मा के घमंड पूर्ण व्यवहार से परिचित हैं। रघु शर्मा जब चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री थे तब केकड़ी में गुड़ की गजक बनाने वाले छोटे दुकानदारों पर भी स्वास्थ्य विभाग के छापे पड़वाए गए। असल में रघु शर्मा को विरोध करने वाले पसंद नहीं है। केकड़ी के लोग इस घमंड का जवाब देने के लिए राजस्थान में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव का इंतजार कर रहे हैं। रघु शर्मा को यह समझना चाहिए कि गुजरात, केकड़ी नहीं है। गुजरात देश का सबसे प्रगतिशील राज्य है और गुजरात के लोगों ने अपनी योग्यता देश विदेश में दिखाई है। गुजरात में लोग सम्मान चाहते हैं। इसमें कांग्रेस के कार्यकर्ता भी शामिल हैं। यदि कांग्रेस हाईकमान ने गुजरात के हालात नहीं संभाले तो रघु शर्मा की वजह से कांग्रेस को भारी नुकसान होगा।
गौरव यात्रा में भी शामिल नहीं हुए हार्दिक:
देश में भाईचारा और सद्भावना के संदेश देने के लिए कांग्रेस सेवादल की ओर से गुजरात के साबरमती आश्रम से दिल्ली के राजघाट तक आजादी की गौरव यात्रा निकाली जा रही है। यह यात्रा 6 अप्रैल को साबरमती से शुरू हुई और 1 जून को दिल्ली के राजघाट पर समाप्त होगी। 15 अप्रैल को जब यह गौरव यात्रा राजस्थान और गुजरात की सीमा के रतनपुर पर पहुंची तो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी अजय माकन, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ साथ कई मंत्रियों ने स्वागत किया। इस यात्रा का नेतृत्व सीमा पर गुजरात के प्रभारी रघु शर्मा ने किया। रघु शर्मा के साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जगदीश ठाकुर, राष्ट्रीय महासचिव मुकुल वासनिक थे, लेकिन प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हार्दिक पटेल नजर नहीं आए। जानकारों के अनुसार रघु शर्मा के साथ टकराव के चलते ही हाॢदक पटेल इस यात्रा में शामिल नहीं हुए। यह यात्रा राजस्थान का सफर 42 दिनों में पूरा करेगी। यानी भले ही यह यात्रा गुजरात, हरियाणा, दिल्ली से गुजरे लेकिन अधिकांश समय राजस्थान में ही रहेगी। राजस्थान के सात जिलों में यात्रा का ठहराव रहेगा। 1984 के बाद यह पहला मौका है, जब कांग्रेस कोई पद यात्रा निकाल रही है।