दिल्ली में मीटिंग से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा-कांग्रेस के लिए प्रशांत किशोर कोई खास बात नहीं।

दिल्ली में मीटिंग से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा-कांग्रेस के लिए प्रशांत किशोर कोई खास बात नहीं।
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2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की स्थिति मजबूत करने के लिए अब गांधी परिवार चुनाव धंधेबाज प्रशांत किशोर की सेवाएं ले रहा है। गांधी परिवार के सोनिया गांधी, राहुल गांधी व प्रियंका गांधी के साथ प्रशांत किशोर के बीच वार्ता भी हो गई है। इस वार्ता का निष्कर्ष निकालने के लिए 20 अप्रैल को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी दिल्ली पहुंचे।
असल में धंधेबाज प्रशांत किशोर को करोड़ों रुपए का भुगतान कांग्रेस शासित राजस्थान से ही किया जाएगा। ऐसे में सीएम गहलोत की दिल्ली में उपस्थिति बहुत मायने रखती है। प्रशांत किशोर की धंधेबाजी को सीएम गहलोत अच्छी तरह समझते हैं। इसलिए गांधी परिवार और प्रशांत किशोर के साथ मीटिंग से पहले ही गहलोत ने दो टूक शब्दों में कहा कि कांग्रेस के लिए प्रशांत किशोर कोई खास बात नहीं है। प्रशांत ने एक पेशेवर तरीके से जो सुझाव दिए हैं उस पर विचार किया जाएगा।
गहलोत ने कहा कि कांग्रेस एक राजनीतिक दल हैं, जिसका अपना संगठन है। कांग्रेस को ऐसे सुझाव संगठन के पदाधिकारी भी देते हैं। चूंकि अब प्रशांत किशोर एक ब्रांड बन गया है, इसलिए मीडिया के लिए खबर है। गहलोत ने कहा कि प्रशांत की कंपनी की सेवाएं भाजपा, टीएमसी, जेडीयू आदि राजनीतिक दल भी ले चुके हैं। गहलोत ने जिस हल्के तरीके से प्रशांत किशोर के सुझावों को लिए उससे प्रतीत होता है कि गहलोत की नजर में प्रशांत किशोर की अहमियत कम है।
सब जानते हैं कि इन दिनों प्रशांत किशोर भाजपा के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने में लगे हुए हैं। लेकिन प्रशांत के सामने सबसे बड़ी समस्या क्षेत्रीय दलों और कांग्रेस के बीच तालमेल नहीं होने की है। अब अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी भी स्वयं को कांग्रेस के बराबर समझती है। आम के कार्यकर्ताओं का कहना है कि मौजूदा समय में देश में दो राज्यों में कांग्रेस की सरकार है। इसी प्रकार दो राज्यों में आम आदमी पार्टी की सरकार भी है।
चुनाव परिणाम कुछ भी हो, लेकिन केजरीवाल ने इसी वर्ष गुजरात में होने वाले चुनाव में पूरी ताकत लगा दी है। केजरीवाल का प्रयास है कि कमजोर होती कांग्रेस का विकल्प बन जाए। उल्लेखनीय है कि हाल ही में पंजाब में केजरीवाल ने कांग्रेस से ही सत्ता छीनी है। पंजाब में आम ने जबरदस्त प्रदर्शन कर 117 में से 92 सीटें जीती हैं।