प्रधानमंत्री ने ग्लोबल पाटीदार बिजनेस समिट का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सरदारधाम द्वारा आयोजित ग्लोबल पाटीदार बिजनेस समिट (जीपीबीएस) का उद्घाटन किया। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्रभाई पटेल, कई केन्द्रीय मंत्री और उद्योग जगत की शीर्ष हस्तियां मौजूद थीं।

इस अवसर पर बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने सूरत शहर को दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते शहरों में से एक के रूप में रेखांकित किया। सरदार पटेल के कथन को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत के पास इतना कुछ है। “हमें बस अपने आत्मविश्वास को, आत्मनिर्भरता के जज्बे को मजबूत करना है। यह आत्मविश्वास तभी आएगा जब विकास में सबकी भागीदारी होगी, सबका प्रयास लगेगा।”

देश में उद्यमिता की भावना को बढ़ाने के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि अपनी नीतियों, अपने एक्शन के माध्यम से सरकार का यह निरंतर प्रयास है कि देश में ऐसा माहौल बने कि सामान्य परिवार के युवा भी उद्यमी बनें, उसके लिए सपने देखें और अपनी उद्यमिता पर गर्व करें। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुद्रा योजना आज देश के उन लोगों को भी अपना बिजनेस करने का हौसला दे रही है, जो कभी इसके बारे में सोचते भी नहीं थे। इसी तरह, स्टार्ट अप इंडिया से वो इनोवेशन, वो टैलेंट भी आज यूनिकॉर्न के सपने को साकार होते देख रहा है, जिसको पहले कोई रास्ता नहीं दिखता था। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव पारंपरिक क्षेत्रों में नई ऊर्जा का संचार तो कर ही रहा है, नए क्षेत्रों में भी नई संभावनाएं पैदा कर रहा है। उन्होंने बताया कि महामारी की चुनौतियों के बावजूद देश का एमएसएमई क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ा है। बड़े पैमाने पर वित्तीय सहायता से इस क्षेत्र में लाखों रोजगार सुरक्षित हुए और अब यह क्षेत्र रोजगार के कई नए अवसर सृजित कर रहा है। पीएम-स्वनिधि योजना ने स्ट्रीट वेंडर्स को औपचारिक बैंकिंग और वित्तीय सुविधा प्रदान करके विकास की कहानी में शामिल किया है। उन्होंने बताया कि इस योजना को हाल ही में दिसंबर 2024 तक बढ़ा दिया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हर छोटा एवं बड़ा व्यवसाय देश की प्रगति में अपना योगदान दे रहा है और ‘सबका प्रयास’ की यही भावना अमृत काल में नए भारत की ताकत बन रही है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि इस वर्ष के शिखर सम्मेलन में इस पहलू पर विस्तार से चर्चा हो रही है।

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गुजराती में संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने पाटीदार समुदाय से राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर काम करने और विभिन्न विचारों, वैश्विक स्तर की अच्छी कार्यप्रणाली एवं सरकारी नीतियों को संकलित व उनका विश्लेषण करने के लिए अनुभवी एवं युवा सदस्यों के समूह बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि सरकार और शिक्षा जगत को उपयुक्त उपाय सुझाने के लिए फिनटेक, कौशल विकास, वित्तीय समावेशन आदि विषयों को लिया जा सकता है। इसी तरह, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के समग्र कार्यान्वयन के लिए सर्वश्रेष्ठ तरीके की खोज की जा सकती है और हर स्तर पर उपयोगी उपाय सुझाए जा सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने इस शिखर सम्मेलन के प्रतिभागियों से कृषि के आधुनिकीकरण और कृषि में निवेश लाने के तरीकों का पता लगाने के लिए भी कहा। उन्होंने सुझाव दिया कि कृषि के नए तरीकों और नई फसलों के बारे में सुझाव देने के उद्देश्य से गुजरात की भूमि का अध्ययन करने के लिए टीमें गठित की जा सकती हैं। उन्होंने कुछ दशक पहले गुजरात में डेयरी आंदोलन की अवधारणा को अपनाए जाने का उदाहरण दिया जिसने गुजरात के किसानों के आर्थिक परिदृश्य को बदल दिया। उन्होंने कहा कि हमें कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के तरीके खोजने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयासों से खाद्य तेल के आयात को कम करने में मदद मिल सकती है। उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की व्यापक संभावनाओं पर भी जोर दिया। उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय से उभरते हुए एफपीओ की ओर देखने के लिए भी कहा क्योंकि इन संगठनों के उभार के साथ कई अवसर भी खुल रहे हैं। प्रधानमंत्री ने प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में काम करने को भी कहा। प्रधानमंत्री मोदी ने खेतों में अतिरिक्त जगहों का उपयोग सौर पैनल के लिए करने की संभावनाओं पर जोर दिया। उन्होंने लोगों से हाल ही में शुरू किए गए अमृत सरोवर अभियान में योगदान देने के लिए कहा। हाल ही में आयोजित आयुर्वेद शिखर सम्मेलन के बारे में बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि हर्बल और आयुष क्षेत्र में नई संभावनाओं को तलाशा जा सकता है।

प्रधानमंत्री ने वित्तीय साम्राज्यों के प्रति एक नया दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उद्योगों के बड़े शहरों के बजाय छोटे शहरों में स्थापित करने का  निर्णय लिया सकता है। उन्होंने ज्योतिग्राम योजना का उदाहरण दिया जिसने गांवों में औद्योगिक गतिविधियों को गति दी। उन्होंने कहा कि अब ऐसा काम छोटे शहरों और कस्बों के लिए भी किया जा सकता है।

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पाटीदार समुदाय के सामाजिक-आर्थिक विकास को गति प्रदान करने के उद्देश्य से सरदारधाम ‘मिशन 2026’ के तहत ग्लोबल पाटीदार बिजनेस समिट (जीपीबीएस) का आयोजन कर रहा है। यह शिखर सम्मेलन हर दो साल में आयोजित किया जाता है। पहले दो शिखर सम्मेलन 2018 और 2020 में गांधीनगर में आयोजित किए गए थे और अब वर्तमान शिखर सम्मेलन सूरत में हो रहा है। जीपीबीएस 2022 का मुख्य विषय “आत्मनिर्भर समुदाय से आत्मनिर्भर गुजरात एवं भारत” है। इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य पाटीदार समुदाय के भीतर के छोटे, मध्यम और बड़े उद्यमों को एक साथ लाना, नए उद्यमियों को प्रोत्साहित व समर्थन करना और शिक्षित युवाओं को प्रशिक्षण तथा रोजगार संबंधी सहायता प्रदान करना है। 29 अप्रैल से लेकर 1 मई तक चलने वाले इस तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन में सरकारी औद्योगिक नीति, एमएसएमई, स्टार्ट-अप, नवाचार से संबंधित विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया है।

Speaking at the Global Patidar Business Summit. https://t.co/S2KDxpYTSJ

आज भारत के पास इतना कुछ है।हमें बस अपने आत्मविश्वास को, आत्मनिर्भरता के अपने जज्बे को मज़बूत करना है।ये आत्मविश्वास तभी आएगा जब विकास में सबकी भागीदारी होगा, सबका प्रयास लगेगा: PM @narendramodi

अपनी नीतियों, अपने एक्शन के माध्यम से सरकार का ये निरंतर प्रयास है कि देश में ऐसा माहौल बने कि सामान्य से सामान्य परिवार का युवा भी entrepreneur बने, उसके लिए के सपने देखे, entrepreneurship पर गर्व करे: PM @narendramodi

मुद्रा योजना आज देश के उन लोगों को भी अपना बिजनेस करने का हौसला दे रही है, जो कभी इसके बारे में सोचते भी नहीं थे।स्टार्ट अप इंडिया से वो इनोवेशन, वो टैलेंट भी आज यूनिकॉर्न के सपने साकार होते देख रहा है, जिसको कभी रास्ता नहीं दिखता था: PM @narendramodi

Production Linked incentive यानि PLI योजना ने पुराने सेक्टरों में तो मेक इन इंडिया का उत्साह तो भरा ही है, सेमीकंडक्टर जैसे नए सेक्टर्स के विकास की संभावनाएं भी बनी हैं: PM @narendramodi

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