मिजोरम के जेहो ने केआईयूजी 2021 में शानदार रक्षात्मक खेल का प्रदर्शन किया, अपने खेल में कदमों का बेहतरीन इस्तेमाल किया

जब मिजोरम यूनिवर्सिटी के जेहोहिमनाकुलपुइंगेटा की खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2021 में पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला के अंश सभरवाल के खिलाफ खेल की शुरुआत हुई, तो वे सीधे बैकफुट पर आ गए। 2020 खेलो इंडिया यूथ गेम्स के कांस्य पदक विजेता, जेहो, अंश के खिलाफ 0-6 से पीछे चल रहे थे और जीतना मुश्किल लग रहा था। लेकिन शानदार रक्षात्मक तकनीक दिखाते हुए, जेहो ने अपने मानसिक दृढ़ता का प्रदर्शन किया और सीधे गेम में मैच जीत लिया।

जेहो ने मैच के बाद समझाया, “मैं रक्षात्मक तकनीक का खिलाड़ी हूं। ऐसे खिलाड़ियों को रणनीतिक रूप से अपने शॉट्स की योजना बनानी है। उन्हें हार नहीं माननी है और अंत तक लड़ते रहना है, क्योंकि उनकी रणनीति खेल को लम्बा खींचते हुए अपने विरोधियों को थका देने की होती है।” .

वे शनिवार को द जैन स्पोर्ट्स स्कूल में पुरुषों की टीम टेबल टेनिस स्पर्धा में मिजोरम विश्वविद्यालय के स्टार खिलाड़ी थे, क्योंकि उन्होंने पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला के खिलाफ शुरुआती राउंड में अपने दोनों मैचों को सीधे गेम में जीता था। हालांकि, मिजोरम विश्वविद्यालय 2-3 से मैच हार गया, क्योंकि अल्बर्टो रुआटा और जॉन खलहरिंग अपने-अपने मैच हार गए थे, लेकिन 18 वर्षीय जेहो ने अपने पैरों के बेहतरीन इस्तेमाल और अपने तेज रक्षात्मक शॉट्स से सभी को प्रभावित किया।

उन्होंने कहा, “रक्षात्मक तकनीक का खिलाड़ी होने के कारण, मुझे अपने विरोधियों के साथ बिना रुके, लगातार खेलना है और यही रणनीति मैं अपनाता हूं। चूंकि मैं लगातार बचाव कर रहा था, यह विरोधियों को आक्रामक चालों के लिए प्रेरित करता है, जिससे वे थक जाते हैं और गलतियां करते हैं। यह थी मेरी मुख्य रणनीति।“

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18 वर्षीय जेहो ने सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय, पुणे के खिलाफ शाम को तीसरे ग्रुप मैच में अपना शानदार फॉर्म जारी रखा, क्योंकि उन्होंने रजत कदम और शौनक शिंदे को हराया और मिजोरम विश्वविद्यालय को 3-2 से जीत दिलाकर टेबल टेनिस पुरुष टीम को क्वार्टर फाइनल में पहुंचने में मदद की। टेबल टेनिस में मिजोरम से एकमात्र टीम होने के नाते, कदमों का बेहतरीन इस्तेमाल करने वाले इस युवा खिलाड़ी के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि थी।

जेहो ने कहा, “पंजाबी विश्वविद्यालय के खिलाफ अपनी हार के बाद हमने आत्मविश्वास नहीं खोया और हम जानते थे कि जीत के लिए हमें कड़ी मेहनत करनी होगी। हमें खुशी है कि हमने सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय, पुणे के खिलाफ एक करीबी मुकाबला जीता और मैं अपने प्रदर्शन तथा टीम के प्रदर्शन से खुश हूं।”

जेहो मिजोरम के लुंगलेई जिले के एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं और टेबल टेनिस से उनका परिचय उनके इलाके के एक स्थानीय कोच ने कराया था। उनके पिता, जो वर्तमान में एक निजी अस्पताल में एक पुरुष नर्स के रूप में काम कर रहे हैं, अपने युवाकाल में एक फुटबॉल खिलाड़ी थे, लेकिन उस समय समर्थन की कमी के कारण, उन्होंने जेहो को फुटबॉल की बजाय एक व्यक्तिगत खेल चुनने के लिए प्रेरित किया, जबकि फुटबॉल राज्य का सबसे लोकप्रिय खेल है।’’

जेहो ने याद करते हुए कहा, “इन दिनों एथलीटों पर जिस स्तर पर ध्यान दिया जा रहा है, उसे देखकर मेरे पिता ने मुझे व्यक्तिगत खेलों में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।”

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उन्होंने आगे कहा, “जब मैं 9 साल का था, तब मैं टीटी में शामिल हो गया था, क्योंकि मेरे घर के पास एक स्थानीय कोच द्वारा मेरा इस खेल से परिचय कराया गया था। मुझे खेल काफी दिलचस्प लगा और जल्द ही मुझे अकादमी के लिए चुन लिया गया और तब से खेल रहा हूं।’’

जेहो कहते हैं कि अभी टेबल टेनिस उनके राज्य में सबसे लोकप्रिय खेल नहीं है, लेकिन उनका मानना ​​​​है कि खेलो इंडिया गेम्स, सभी खेलों में अनेक खिलाड़ियों के लिए दरवाजे खोल सकते हैं।

जेहो ने कहा, “मिजोरम में टीटी सबसे लोकप्रिय खेल नहीं है- फुटबॉल, बास्केटबॉल और बैडमिंटन अधिक लोकप्रिय हैं। हम राज्य में फुटबॉल में भी आगे बढ़ रहे हैं।”

“लेकिन खेलो इंडिया की वजह से, अन्य खेलों का भी विस्तार हो रहा है। यूथ गेम्स, 2020 में, मिजोरम के एथलीटों ने कई पदक जीते, जिसने राज्य में बहुत से एथलीटों को प्रेरित किया और मुझे यकीन है कि हर साल नए खिलाड़ी आगे आयेंगे।” जेहो ने केआईवाईजी 2020 में अल्बर्टो रुआटा के साथ पुरुष डबल्स में स्वर्ण पदक भी जीता है।

हर एथलीट की तरह, जेहो का भी एक ही सपना है जिसके लिए वे मेहनत कर रहे हैं। अंत में उन्होंने कहा, “हर एथलीट ओलंपिक में खेलने का सपना देखता है। मैं इसके लिए कड़ी मेहनत कर रहा हूं और इस लक्ष्य की ओर बढ़ता रहूंगा।”                      

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