भारतीय ज्ञान प्रणाली और भाषा में बुनियाद मजबूत करते हुये भारतीय उच्च शिक्षा आयोग को रोजगार योग्यता, रोजगार सृजन और वैश्विक दृष्टिकोण सुनिश्चित करना चाहियेः श्री धर्मेन्द्र प्रधान

केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आज भारतीय उच्च शिक्षा आयोग (एचईसीआई) के गठन के लिये किये जाने वाले उपायों को मद्देनजर रखते हुये गहन विचार-विमर्श में हिस्सा लिया।

बैठक के दौरान श्री प्रधान ने कहा कि एचईसीआई को रोजगार योग्यता, रोजगार सृजन और वैश्विक दृष्टिकोण सुनिश्चित करना चाहिये। उन्होंने कहा कि आयोग को वैश्विक अकादमिक मानकों को सुनिश्चित करना चाहिये और उच्च शिक्षा संस्थानों को अधिक अकादमिक स्वायत्तता देनी चाहिये।

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श्री प्रधान ने आगे कहा कि एनईपी-2020 की यह महत्त्वपूर्ण सिफारिश देश की शिक्षा प्रणाली को उपनिवेशवादी तत्त्वों से मुक्त करने की दिशा में उठाये गये अनेक कदमों में से एक है।

प्रस्ताव किया गया कि एचईसीआई को देश के सभी शिक्षा संस्थानों के मार्गदर्शन के लिये एक प्रकाश स्तंभ के रूप में विकसित किया जा सकता है।

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एमजी/एएम/एकेपी