केन्द्रीय मंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह ने नई दिल्ली में जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से मुलाकात की और उनसे जम्मू-कश्मीर के कठुआ क्षेत्र में उझ बहुउद्देशीय परियोजना की प्रगति पर बातचीत की

केन्द्रीय मंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह के आग्रह पर जल शक्ति मंत्रालय में जम्मू-कश्मीर के कठुआ क्षेत्र में उझ बहुउद्देशीय (राष्ट्रीय) परियोजना के कार्य की प्रगति की समीक्षा करने के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक की सह-अध्यक्षता जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने की और इसमें अन्य लोगों के साथ केंद्रीय सचिव, जल शक्ति मंत्रालय भी शामिल हुए।  

पिछले कुछ वर्षों में कई दौर की बैठक होने के बाद, केंद्रीय जल आयोग ने इस परियोजना के लिए एक विस्तृत तकनीकी-आर्थिक समीक्षा प्रस्तुत की और संशोधित प्रस्ताव को जनवरी, 2022 में आयोजित की गई टीएसी की 148वीं बैठक में 11,907.77 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ स्वीकार किया गया। इस परियोजना के पूरा होने की संभावित समय-सीमा लगभग 6 वर्ष है और एक बार इसके पूरा हो जाने के बाद, इस परियोजना के माध्यम से उझ नदी (रावी नदी की एक सहायक नदी) के लगभग 781 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी को संग्रहीत किया जाएगा।

यह भी पढ़ें :   स्ट्रीट वेंडर्स के लिए डिजिटल ऑनबोर्डिंग और प्रशिक्षण के लिए एक विशेष अभियान 'मैं भी डिजिटल 3.0' का शुभारंभ

इस परियोजना के पूरा होने के बाद, उस प्रवाह के माध्यम से सिंधु जल संधि के अनुसार भारत को आबंटित किए गए पूर्वी नदियों के जल के उपयोग को बढ़ाया जाएगा, जो कि वर्तमान समय में सीमा पार पाकिस्तान चला जाता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह की अध्यक्षता में 2020 में जम्मू में हुई एक बैठक में, यह निर्णय लिया गया था कि एक वैकल्पिक नहर प्रणाली या कमांड सिस्टम की योजना तैयार की जाएगी और डीपीआर में इसके अनुसार संशोधन किया जाएगा, जिससे कठुआ जिले के कुछ हिस्सों में उपयोग में नहीं आने वाले अधिशेष पानी को अनजाने में पाकिस्तान में प्रवाहित नहीं किया जा सके। उन्होंने कहा कि शाहपुर-कंडी परियोजना की शुरूआत पहले ही हो चुकी है और जब उझ-बहुउद्देशीय परियोजना भी चालू हो जाएगी,  तब कठुआ जिला और सांबा जिला के आसपास के हिस्सों में फैली हुई कंडी बेल्ट पूरी तरह से सिंचित हो जाएगी और वास्तव में सिंचाई और बिजली सरप्लस हो जाएगा।

यह भी पढ़ें :   केंद्रीय संस्कृति मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी कल हम्पी में भारतीय मंदिर वास्तुकला 'देवायतनम' पर अपनी तरह के पहले सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे

यह उल्लेखनीय है कि उझ-बहुउद्देशीय परियोजना कई दशकों से लंबित थी और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के हस्तक्षेप के बाद इसे पुनर्जीवित किया गया। तब से डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा इसका निरीक्षण किया जा रहा था और उनके आदेश पर, 2014 से लेकर अब तक कई उच्च स्तरीय बैठकें की गईं जिससे छोटी-मोटी बाधाओं को दूर किया जा सके।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने श्री शेखावत के साथ उधमपुर-कठुआ-डोडा लोकसभा क्षेत्र में हर घर नल से जल को भी हरी झंडी दिखाई। बैठक के दौरान, यह इच्छा व्यक्त की गई कि जल जीवन मिशन को मिशन मोड में लागू किया जाएगा जिससे कि निविदा प्रक्रिया में तेजी लाकर जनता को 100% पाइप से पानी का कनेक्शन प्रदान किया जा सके।

***

एमजी/एएम/एके/सीएस