राजा राम मोहन राय की 250वीं जयंती के उपलक्ष्य में साल भर चलने वाला समारोह आरंभ

आजादी का अमृत महोत्सव (एकेएएम) के तत्वावधान में संस्कृति मंत्रालय ने आज से कोलकाता में राजा राम मोहन राय की 250वीं जयंती के उपलक्ष्य में पूरे साल चलने वाले उत्सव का उद्घाटन समारोह आयोजित किया। यह अगले साल 22 मई तक चलेगा। उद्घाटन समारोह राजा राम मोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन, साल्ट लेक, कोलकाता और साइंस सिटी ऑडिटोरियम, कोलकाता में आयोजित हुआ। कार्यक्रम का आयोजन पूर्वी क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र (ईजेडसीसी), संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किया गया। केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास (डोनर) मंत्री श्री जी किशन रेड्डी वर्चुअल माध्यम से समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल श्री जगदीप धनखड़ भी मौजूद थे। राजा राम मोहन राय पुस्तकालय फाउंडेशन का भी आज 50वां स्थापना दिवस है।

श्री रेड्डी ने राजा राम मोहन रॉय लाइब्रेरी फाउंडेशन, कोलकाता में वर्चुअल मोड में राजा राम मोहन राय की एक भव्य प्रतिमा का अनावरण किया।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल श्री जगदीप धनखड़ ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों को राम मोहन राय के विचारों का अनुकरण करते रहना चाहिए।

 

अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री ने कहा ‘‘आज राजा राम मोहन राय जी की 250 वीं जयंती पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी जी और केंद्र सरकार की ओर से मैं भारतीय समाज के उद्धार में, उनके महान योगदान के लिए आभार और श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। यह अद्भुत संयोग है कि आज महान समाज सुधारक की 250वीं जयंती है और राजा राम मोहन राय पुस्तकालय फाउंडेशन के ऐतिहासिक 50 वर्ष भी पूरे हो रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि हम सभी जानते हैं कि ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ हमारे महापुरुषों और नायकों को सम्मान देने और उन्हें याद करने का अवसर है, जिन्होंने हमारे देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। राजा राम मोहन राय की प्रतिमा की स्थापना उन्हें हमारी ओर से सच्ची श्रद्धांजलि है। मैं इस महत्वपूर्ण कदम के लिए राजा राम मोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन को बधाई देता हूं। इस महापुरुष की प्रतिमा हमें और हमारी युवा पीढ़ी को प्रेरणा देगी। यह हम सभी को उनके महान कार्यों, उच्च आदर्शों और उनके जीवन के दर्शन की याद दिलाएगी।

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राजा राम मोहन राय के योगदान को याद करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘उनका नाम लेने पर एक स्वतंत्र और दूरदर्शी विचारक की छवि आती है जो न सिर्फ एक महान समाज सुधारक थे बल्कि एक महान दार्शनिक, शिक्षाविद और महान पत्रकार भी थे। उनकी विद्वता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने 15 साल की उम्र में ही बंगाली, फारसी, अरबी और संस्कृत भाषा सीख ली थी। बाद में उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी भी सीखी। उन्होंने शिक्षा और महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए जो काम किया वह अतुलनीय है। बाल विवाह पर उनका स्पष्ट मानना था कि महिलाओं की शादी की उम्र बढ़ाई जानी चाहिए और महिलाओं को पुनर्विवाह का अधिकार मिलना चाहिए। सही मायने में वह आधुनिक भारत के निर्माता और बंगाल पुनर्जागरण के जनक थे।

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केंद्रीय मंत्री ने देशभर में पुस्तकालयों के संवर्धन और उन्नयन के लिए संस्कृति मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘‘संस्कृति मंत्रालय राष्ट्रीय पुस्तकालय मिशन के तहत एक राज्य, केंद्रीय पुस्तकालय और एक जिला पुस्तकालय के लिए सहायता प्रदान करता है। उन्होंने देशभर में 50 पुस्तकालयों को 54 करोड़ रुपये से अधिक प्रदान किए हैं। हम देशभर में पुस्तकालयों के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ’’आज मैं राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों से अपील करता हूं कि ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ में सार्वजनिक पुस्तकालय प्रणाली को और मजबूत किया जाए। राष्ट्रीय मॉडल पुस्तकालय के कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए और हमें ई-बुक तथा डिजिटल लाइब्रेरी की दिशा में भी बढ़ना चाहिए। मुझे लगता है कि सिर्फ ज्ञान और कौशल ही भारत को एक मजबूत और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाएंगे। हम सभी को नए संकल्प लेने और इस महान राष्ट्र को एक बार फिर से विश्वगुरु बनाने की दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत है।’’

साइंस सिटी ऑडिटोरियम, कोलकाता में कई अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। बच्चों के लिए संगोष्ठी व प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। श्री राजा राम मोहन राय के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर एक मल्टीमीडिया प्रस्तुति भी पेश की गई।

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एमजी/एएम/पीकेजे/वाईबी