कतर के दोहा मे 6 जून, 2022 को सामुदायिक स्वागत समारोह में उपराष्ट्रपति के भाषण का मूल पाठ

यहां कतर में उपस्थित मेरे प्यारे भारतीय भाईयों एवं बहनों,

नमस्कारम, वनक्कम, असलाम अलेकुम, गुड इवनिंग, यहां उपस्थित सभी लोगों को बधाई

मेरे साथ यहां स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार (महाराष्ट्र से), सांसद श्री सुशील कुमार मोदी (बिहार से), सांसद श्री विजय पाल सिंह तोमर (उत्तर प्रदेश से) तथा श्री पी रविन्द्रनाथ (तमिलनाडु से) हैं।

हम आपके लिए भारत के 1.35 बिलियन भाईयों और बहनों की हार्दिक शुभकामनाएं लाए हैं। 

मैं आप सभी को आज व्यक्तिगत रूप से देख कर प्रसन्न हूं। अपने जीवन के अंतिम दो वर्षों में, हममें से अधिकांश लोगों को खुद को वर्चुअल व्यस्तताओं तक ही सीमित रहना पड़ा था।

मैं इस कमरे में एक लघु-भारत को देख रहा हूं। हमारे पास : हमारी भविष्य की पीढ़ी के मशाल वाहक -युवा छात्र तथा उनके दिमाग को आकार देने वाले लोग-शिक्षक हैं

यहां मछुआरे भाई हैं जो कतर की खाद्य सुरक्षा में योगदान दे रहे हैं, मजदूर हैं जो अपनी ईमानदार आजीविका के लिए प्रति दिन कड़ी मेहनत कर रहे हैं, डॉक्टर, इंजीनियर, नर्स, चार्टर्ड अकाउंटैंट, वैज्ञानिक सहित प्रोफेशनल हैं जो अपने उत्साह और सरलता के साथ अपनी स्थिति में मूल्यवर्धन कर रहे हैं, भारत के सभी क्षेत्रों से आए प्रवासी सदस्य हैं जो हमारी सांस्कृतिक विरासत के साथ मजबूत संबंधों को बढ़ावा दे रहे हैं तथा स्थानीय भारतीय समुदाय की जोश के साथ सेवा कर रहे हैं,

भारतीय कारोबारी लोग हैं जो व्यापार एवं आर्थिक साझीदारियों को सुदृढ़ बना रहे हैं और

भारतीय सशस्त्र बलों के पूर्व सैनिक हैं जो लगन के साथ भारत की सेवा करने के बाद हमारे भरोसेमंद साझीदार कतर के लिए हमारे अनुभवों के माध्यम से मूल्यवर्धन कर रहे हैं,

वास्तव में, कतर में हमारे समुदाय की विविधता असाधारण है।

मैं तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से एक मजबूत प्रतिनिधित्व देख कर प्रसन्न हूं। मैं आप सबको कतर में देख कर खुश हूं। मैं उम्मीद करता हूं कि हर कोई अच्छा कर रहा है। 

मेरे भाईयों एवं बहनों,

मैं आपको बताना चाहता हूं कि पिछले दो दिनों में मैंने महामहिम, फादर अमीर, शेख हमीद बिन खलीफा अल थानी, प्रधानमंत्री तथा आंतरिक मंत्री खालिद बिन खलीफा बिन अब्दुल अजीज अल थानी, शुरा काउंसिल के स्पीकर तथा कतर के अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ मुलाकात की है। उन सभी ने समस्त भारतीय समुदाय के बारे में बहुत अच्छी बातें कीं तथा देश के विकास में आपके सकारात्मक योगदान को महत्व दिया। मैंने उन्हें बताया कि कतर में भारतीय समुदाय उन्हें दिए गए अवसर की सराहना करता है और उन्हें कतर पर उतना ही गर्व है जितना उन्हें उनकी भारतीय विरासत पर है।

मैं महामहिम, अमीर, महामहिम फादर अमीर, महामहिम शेखा मोजा, डिप्टी अमीर तथा कतर के प्रधानमंत्री को कतर में भारतीय समुदाय को उनके अनवरत संरक्षण तथा सहायता के लिए धन्यवाद देता हूं।

बहनों और भाईयों,

कतर में 7.80 लाख की जनसंख्या वाला भारतीय समुदाय दोनों देशों के बीच एक जीवंत सेतु हैं। आप में से कुछ यहां 40 वर्षों से अधिक समय से रह रहे हैं। आपने देखा होगा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पश्चिम की ओर देखो नीति को सक्रिय किए जाने के बाद भारत-कतर संबंधों में कितनी अधिक प्रगति हुई है। उन्होंने कतर के नेतृत्व के साथ सक्रिय रूप से जुड़ने में व्यक्तिगत दिलचस्पी ली है। 

हम भारत और कतर के बीच संबंधों को प्रगाढ़ होता देख रहे हैं। मैं एक सकारात्मक वातावरण बनाने में, जिसमें द्विपक्षीय संबंध निरंतर बढ़ते और समृद्ध होते जा रहे हैं, आप में से प्रत्येक का योगदान स्वीकार करता हूं।

कोविड-19 की चुनौतियों के बावजूद, हमने पिछले वर्ष 15 बिलियन डॉलर से अधिक का द्विपक्षीय व्यापार दर्ज किया। भारत कतर का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार था। मार्च 2020 के बाद से, कतर का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश पांच गुना अधिक बढ़ गया है। कतर में बुनियादी ढांचे, सूचना प्रौद्योगिकी तथा ऊर्जा जैसे विविध क्षेत्रों में 50 से अधिक संपूर्ण स्वामित्व वाली भारतीय कंपनियां हैं तथा 15,000 संयुक्त स्वामित्व वाली कंपनियां भारत-कतर आर्थिक साझीदारी को गति प्रदान कर रही हैं।

हम एक व्यापक ऊर्जा साझीदारी का निर्माण कर रहे हैं। रक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य तथा शिक्षा में भारत और कतर के बीच सहयोग और सुदृढ़ हो रहा है। कल, हमने कतर विश्वविद्यालय में एक भारतीय पीठ स्थापित करने तथा खेल और संस्कृति के क्षेत्रों में सहयोग को और आगे बढ़ाने पर सहमति जताई। हमने दोनों देशों के बीच नवोन्मेषी इकोसिस्टम को लिंक करने के लिए भारत और कतर के बीच एक स्टार्टअप सेतु भी लांच किया।

भारत और कतर जल्द ही भारत और कतर की पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने की 50वीं वर्षगांठ मनाएंगे। मुझे विश्वास है कि आप कतर की तरफ से संयुक्त रूप से नियोजित कार्यक्रमों में उत्साहपूर्वक भाग लेंगे। 

मित्रों,

भारत दूर नहीं है और मैं निश्चिंत हूं कि आप अक्सर घर आते ही होंगे। मुझे भरोसा है कि आपने देश के भीतर हो रहे सकारात्मक परिवर्तन पर ध्यान दिया होगा।

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यह बदलाव कोविड-19 महामारी के दौरान दिखाई दे रहा था। भारतीयों को इस बात पर गर्व होना चाहिए कि भारत ने किस प्रकार पूरी दुनिया के सामने सबसे कठिन चुनौतियों में से एक को पार करने में अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया।  हमारा कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम विश्व का सबसे बड़ा कार्यक्रम है और देश की 90 प्रतिशत आबादी को पूरी तरह से टीका लगाया जा चुका है।

देश में दो बिलियन से अधिक टीके लगाये जा चुके हैं। हमारे मेड इन इंडिया टीकों ने हमें टीकाकरण के प्रयासों को तेजी से और कुशलतापूर्वक बढ़ाने में सक्षम बनाया। हमने इन टीकों की 95 देशों को आपूर्ति भी की।

यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है कि हम महामारी के कारण उत्पन्न व्यवधान के नकारात्मक प्रभाव को कम करने में सफल रहे।

मित्रों,

सरकार भविष्य के लिए एक विजन के साथ काम करती रही है, एक नए भारत, जिस पर हम सभी गर्व कर सकें, का निर्माण करने का विजन।

आज सरकार लोगों के कल्याण के लिए प्रौद्योगिकी को अपनी मूल प्रणाली में समेकित कर रही है और शासन को रूपांतरित करने तथा सेवाओं के वितरण के लिए इसे लोक-केंद्रित बना रही है। हमारा फोकस लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के उपयोग का लाभ उठाने पर है।

कुछ वर्ष पूर्व, सरकार ने डिजिटल इंडिया के एक महत्वाकांक्षी मिशन की शुरुआत की थी। 

यह कोविड-19 महामारी के दौरान सार्थक साबित हुआ क्योंकि प्रत्येक पात्र लाभार्थी को बैंक खातों में मदद को सीधे हस्तांतरण के द्वारा सहायता उपलब्ध कराई गई।

पिछले कुछ वर्षों में सृजित डिजिटल अवसंरचना ने शिक्षा को ऑनलाइन होने में सक्षम बनाया जब पूरे देश में स्कूल तथा विश्वविद्यालय बंद हो गए। आरेग्य सेतु ऐप ने प्रभावी कांटैक्ट ट्रेसिंग में सक्षम बनाया। कोविन प्लेटफॉर्म कोविड टीकाकरण में सहायता कर रहा है।

इसने नवोन्मेषकों तथा उद्यमियों को सबसे प्रमुख डिजिटल बाजार का लाभ उठाने में सक्षम बनाया। और इस परिवर्तन ने सभी को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है।

यहां तक कि अब भारत में स्थानीय सब्जी विक्रेता भी यूपीआई के माध्यम से अपना पैसा ले पा रहा है।

वैश्विक रूप से रियल टाइम डिजिटल भुगतान में भारत की अब लगभग 40 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।

अब हमने जी5 पेश करने की यात्रा आरंभ की है जो अगले डेढ़ दशक में भारत की अर्थव्यवस्था में 450 बिलियन डॉलर का योगदान देगा। हमने 6जी सेवाओं पर भी काम करना आरंभ कर दिया है और अगले 10 वर्षों के भीतर इसे लांच करने के लिए एक कार्य बल ने पहले ही काम करना आरंभ कर दिया है। भारत का दूरसंचार क्षेत्र अब रीच, रिफॉर्म, रेगुलेट, रिस्पांड तथा रेवोलुशनाइज करने के ‘पंचामृत’ के मंत्र के साथ काम कर रहा है।

युवा आज खुद को सशक्त महसूस कर रहा है। सरकार ने उद्यमिता के लिए तथा नया स्टार्ट अप आरंभ करने के लिए उनकी क्षमता का दोहन करने के लिए उन्हें एक नवोन्मेषी इकोस्स्टिम उपलब्ध कराया है। आज, हमारे देश में लगभग 70 हजार मान्यता प्राप्त स्टार्ट अप्स हैं। यह एक सक्रिय स्टार्ट अप नीति का परिणाम है। आज, भारत में विश्व की तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट अप इकोसिस्टम है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति रचनाशीलता तथा उत्कृष्टता पर फोकस के साथ एक सुलभ, उच्च गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक प्रणाली उपलब्ध कराती है।

भारत अपने बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण तथा पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। विशेष रूप से कनेक्टिविटी अवसंरचना में 1.3 ट्रिलियन डॉलर का निवेश किया जा रहा है। भारत ने बेहतर योजना निर्माण तथा अवसंरचना कनेक्टिविटी परियोजनाओं के समन्वयन के लिए गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान भी लांच किया है। पिछले सात वर्षों में, राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई में कोविड-19 प्रतिबंधों के बावजूद 50 प्रतिशत से अधिक वृद्धि हुई है। हम जीवन जीने की सरलता तथा व्यवसाय करने की सुगमता पर जोर दे रहे हैं।

आज भारत जीवन की गुणवत्ता, रोजगार की सरलता, शिक्षा की गुणवत्ता, गतिशीलता की सरलता, यात्रा की गुणवत्ता तथा सेवाओं एवं उत्पादों की सहज गुणवत्ता में नए बेंचमार्क स्थापित कर रहा है।

आज, भारत विश्व के लिए निर्माण कर रहा है तथा हमारा वस्तु निर्यात भारत के इतिहास में पहली बार 400 बिलियन डॉलर के लक्ष्य से आगे निकल चुका है।

मित्रों,

किसी को भी वंचित न रहने देने के लिए हमारे संवैधानिक ढांचे के नीचे ‘समावेशन’ की एक मजबूत आधारशिला है। यह वह दृष्टि है जो प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार के व्यापक दर्शन में एक प्रतिध्वनि पाती है जो ‘‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” में विश्वास करती है।

हम हर किसी की, विशेष रूप से सीमांत तथा जिन्हें सहायता की आवश्यकता है, की परवाह करते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कोविड-19 महामारी के दौरान कोई भी गरीब परिवार भूखा न सो जाए, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 80 करोड़ से अधिक लोगों को खाद्यान्न का नि:शुल्क वितरण तथा आयुष्मान भारत जो 50 करोड़ से अधिक लोगों को स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराने के द्वारा स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित कराता है, के द्वारा यह कदम रेखांकित किया गया है।

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मित्रों,

भारत ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम” या ‘विश्व एक परिवार है’ में देश के दृढ़ विश्वास को दर्शाते हुए अंतरराष्ट्रीय नीतियों में योगदान देने में सबसे आगे है।

भारत ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ के विजन का अनुसरण कर रहा है। ‘विश्व की फार्मेसी’ के रूप में अपनी प्रतिष्ठा पर कायम रखते हुए हमने 150 से अधिक देशों को आवश्यक दवाओं तथा टीके उपलब्ध कराने के जरिये लाखें लोगों की जान बचाई।

इस वर्ष, अप्रैल में पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए तथा इसे विश्व में प्रत्येक व्यक्ति के लिए उपलब्ध कराने के लिए भारत में ‘‘डब्ल्यूएचओ पारंपरिक केंद्र” की नींव रखी।

भारत ने हमारी विकास चुनौतियों तथा ऐतिहासिक रूप से बहुत निम्न उत्सर्जन के बावजूद 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन लक्ष्य की भी घोषणा की है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने ग्रीन ग्रिड पहल-एक सूर्य एक विश्व एक ग्रिड की अवधारणा दी है जिसे पिछले वर्ष नवंबर में ब्रिटेन के साथ लांच किया गया था। हमने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन तथा आपदा अनुकूल अवसंरचना गठबंधन लांच करने में अग्रणी भूमिका निभाई है।

पहलों की सूची लंबी और प्रभावशाली है, लेकिन उनमें प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र भाई मोदी का व्यापक विजन अंतर्निहित है जो ‘सुधार, निष्पादन, रूपांतरण’ के मंत्र में विश्वास करते हैं तथा चाहते हैं कि प्रत्येक भारतीय एक परिवर्तन एजेंट बने।

मेरे साथी भारतीयों,

आपकी शक्ति भारत की शक्ति है और भारत की ताकत आपकी ताकत है।

आज, देश के बाहर एक व्यक्ति निश्चिंत हो सकता है कि भारत सरकार उसकी देखभाल करेगी। कोविड-19 महामारी के दौरान, वंदे भारत मिशन किसी भी भारतीय सरकार द्वारा सबसे बड़ा प्रत्यावर्तन मिशन था। अभी हाल में, ऑपरेशन गंगा की बदौलत 23,000 से अधिक भारतीय नागरिक वापस लाए गए जिनमें अधिकतर छात्र थे जो यूक्रेन में युद्ध क्षेत्र में फंस गए थे। ऑपरेशन देवी शक्ति अफगानिस्तान में कठिन परिस्थितियों में किया गया एक और निकासी प्रयास था।

सरकार प्रवासी भारतीयों के साथ संबंध सुदृढ़ कर रही है। आप में से प्रत्येक और प्रवासी भारतीय परिवार के अन्य सदस्यों की सफलता ने भारतीयों तथा भारत के बारे में विश्व की धारणा को प्रभावशाली तरीके से बदल दिया है। आपका कल्याण हमारी प्राथमिकता बनी हुई है।

मित्रों,

यह भारत की ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ का समय है। जब भारत महोत्सव के माध्यम से अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्षों का समारोह मना रहा है, प्रत्येक भारतीय को आजादी के बाद से हमारी उपलब्धियों पर गर्व होना चाहिए तथा एक नए भारत और एक आत्मनिर्भर भारत को साकार करने के लिए आत्म विश्वास तथा प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ना चाहिए।

इसी के साथ साथ, हमें यह भी सोचना चाहिए कि हमें अगले 25 वर्षों में या अमृत काल में क्या करने की आवश्यकता है। आजादी का अमृत महोत्सव नये तथा शक्तिशाली भारत का संकल्प करने का एक अवसर है। मुझे विश्वास है कि आप सभी अपने सामूहिक प्रयास से इस महत्वाकांक्षा की दिशा में काम करेंगे।

मुझे यह जान कर प्रसन्नता हो रही है कि कतर में भारतीय समुदाय सक्रिय रूप से आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। अपनी उत्साही भागीदारी के माध्यम से, आप हमारी सांस्कृतिक विरासत और मूल्यों का समारोह मना रहे हैं। देश के साथ एक मजबूत संबंध बनाना न केवल हमारी समृद्ध विरासत को संरक्षित करने बल्कि इसे अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए भी अनिवार्य है।

मेरे भारतीय साथी,

मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि जन्मभूमि के साथ आपका संबंध बनाये रखना महत्वपूर्ण है। आपकी कर्मभूमि कतर है और आपको कतर की प्रगति के लिए खुद को समर्पित कर देना चाहिए। इसी के साथ साथ, अपनी मातृभूमि, भारत को मत भूलिये। आप में से प्रत्येक भारत में हो रहे तेज सामाजिक-आर्थिक विकास तथा रूपांतरण में योगदान दे सकता है। हम प्रवासी भारतीयों के कौशल तथा प्रतिभा से अत्यधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। मैं हमेशा कहता हूं कि जाओ, सीखो, कमाओ तथा मातृभूमि पर लौट आओ। यह पता करने की कोशिश करें कि आप अपने साथी भारतीयों के जीवन में बदलाव लाने के राष्ट्रीय प्रयासों में किस प्रकार शामिल हो सकते हैं।

आईये, हम सभी एक नए भारत की दिशा में काम करने का संकल्प लें जो सभी के साथ विकास का फल साझा करता है और एक संकल्पित भारत, सशक्त भारत, आत्मनिर्भर भारत तथा एक श्रेष्ठ भारत का अर्जित करता है।

धन्यवाद

जय हिंद 

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