राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने नैसकॉम की सहभागिता में ‘आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) – डिजिटल स्वास्थ्य में क्रांति’ विषयवस्तु पर एक सम्मेलन का आयोजन किया

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) और नैसकॉम (नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज) ने संयुक्त रूप से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन – डिजिटल हेल्थ में क्रांति लाने पर एनएचए- नैसकॉम सम्मेलन- 2022 का आयोजन किया है। आज बेंगलुरू में इस सम्मेलन का आयोजन हाइब्रिड (शारीरिक/आभासी) मोड में किया गया, जिसमें भारत के स्वास्थ्य सेवा व प्रौद्योगिकी क्षेत्र के 400 से अधिक हितधारकों और उद्योग के दिग्गजों के साथ-साथ निवेशक समुदाय ने हिस्सा लिया।

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कर्नाटक सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण व चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के. सुधाकर ने कहा, “सभी को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करके आयुष्मान भारत या सभी भारतीयों की दीर्घायु सुनिश्चित की जा सकती है। यह न केवल बुनियादी ढांचा बल्कि तकनीकी मंच प्रदान करके पूरा किया जा सकता है, जिसके निर्माण की परिकल्पना एबीडीएम करता है। यह मंच धीरे-धीरे स्वास्थ्य प्रणाली को प्रोत्साहक और निवारक स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करने वाली प्रणाली से आगे बढ़ने में सहायता करेगा, जो कि भावी स्वास्थ्य पर भी ध्यान केंद्रित करेगा।”

डॉ. सुधाकर ने डिजिटल स्वास्थ्य पर कर्नाटक सरकार की सोच पर अपने विचार को साझा किया। उन्होंने कहा, “कोविड-19 महामारी के खिलाफ अपनी लड़ाई के दौरान हमने स्वास्थ्य सेवा वितरण के लिए डिजिटल सेवाओं के महत्व को देखा है। टेली-परामर्श, ऑनलाइन अपॉइंटमेंट बुकिंग, आसानी से उपलब्ध स्वास्थ्य जानकारी और विशेषज्ञों तक पहुंच का लोगों पर अभूतपूर्व प्रभाव पड़ा। इस बारे में हमारी सकारात्मक सोच है कि एबीडीएम मंच, प्रयासों को बढ़ाने और उत्साही सार्वजनिक व निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ एक संवाहक वातावरण बनाने में हमारी सहायता करेगा। हम एबीडीएम को मिशन मोड में कार्यान्वित करने के लिए तैयार हैं और इसे गति, मापनीयता और समर्थन प्रदान करते हैं, जो हम सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा के आधारभूत लक्ष्य को प्राप्त करने को लेकर राज्य स्तर पर प्रदान कर सकते हैं।

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एनएचए के सीईओ डॉ. आर. एस. शर्मा ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के पीछे की सोच के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि भारत, डिजिटल क्रांति में सबसे आगे है। विश्व ने हमारे देश की सफलता की कहानी को सबसे बड़े डिजिटल पहचान कार्यक्रम, रिकॉर्ड संख्या में डिजिटल भुगतान को अपनाने और हालिया कोविन प्लेटफॉर्म के माध्यम से राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के माध्यम से देखा है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का उद्देश्य एक समान, सुलभ व समावेशी वातावरण का निर्माण करके स्वास्थ्य सेवा वितरण में इस सफलता को दोहराना है, जो सरकार और निजी क्षेत्र के सहयोगात्मक प्रयासों पर आधारित है।”

कर्नाटक सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री जावेद अख्तर ने डिजिटल नवाचारों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा में सुधार के महत्व पर अपना विशेष संबोधन दिया। एनएचए के अतिरिक्त सीईओ और एबीडीएम के मिशन निदेशक डॉ. प्रवीण गेदाम ने इस कार्यक्रम के माध्यम से पूरे इकोसिस्टम के लिए प्रस्तुत अवसरों के बारे में विस्तार से बताया।

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नैस्कॉम ने डिजिटल स्वास्थ्य के उपयोग और डिजिटल स्वास्थ्य क्षेत्र में नवोन्मेषकों की भूमिका पर पैनल चर्चा के लिए स्वास्थ्य व तकनीक क्षेत्र के चिंतक हस्तियों को एक साथ लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन पैनलिस्टों में भारत स्थित स्वास्थ्य तकनीकी संगठनों के प्रमुख (किसी विशेष क्रम में नहीं) शामिल थे। इनमें आर्थर डी लिटिल इंडिया, मणिपाल अस्पताल, बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, रॉयल फिलिप्स, इंडिजीन, क्वाड्रिया कैपिटल, मेडी असिस्ट, टाटा एलेक्सी, नारायण हेल्थ, ड्रिफकेस, क्रेलियो हेल्थ, प्लस91 और एका.केयर (कनेक्टेड केयर) शामिल हैं।

स्वास्थ्य सेवा इकोसिस्टम व यूनिफाइड हेल्थ इंटरफेस (यूएचआई) और स्वास्थ्य दावा विनिमय (एचसीएक्स) को लेकर डिजिटल स्वास्थ्य के लिए एक्सीलरेटर के रूप में एबीडीएम के तहत अवसरों पर समर्पित सत्र भी आयोजित किए गए। इन सत्रों व पैनल चर्चाओं के अलावा स्वास्थ्य से संबंधित तकनीक नवप्रवर्तक आर्टिवेटिक, अला केयर और रक्सा हेल्थ ने समारोह स्थल पर नवाचार बूथ लगाए। प्रमुख विचारकों ने भारत में टेली-परामर्श को अपनाने के तरीकों पर एक रोमांचक विचार-मंथन सत्र के साथ एनएचए-नैस्कॉम सम्मेलन- 2022 का समापन किया।

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