केंद्र ने ई-कॉमर्स खाद्य व्यवसाय संचालकों को उपभोक्ता शिकायत निवारण तंत्र में सुधार करने के लिए 15 दिनों के भीतर प्रस्ताव जमा करने का निर्देश दिया

उपभोक्ता कार्य विभाग ने प्रमुख ई-कॉमर्स खाद्य व्यवसाय संचालकों (एफबीओ) को वर्तमान व्यवस्था के साथ-साथ उपभोक्ता शिकायत निवारण तंत्र में सुधार के प्रस्ताव को 15 दिनों के भीतर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

उपभोक्ता कार्य विभाग के सचिव श्री रोहित कुमार सिंह की अध्यक्षता में प्रमुख ई-कॉमर्स खाद्य व्यवसाय संचालकों के साथ बैठक के दौरान इस क्षेत्र में उपभोक्ताओं को प्रभावित करने वाले प्रासंगिक मुद्दों पर चर्चा करने के निर्देश दिए गए।

पिछले 12 महीनों के दौरान, राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (1915) पर स्विगी के लिए 3,631 से अधिक और जोमैटो के लिए 2,828 शिकायतें दर्ज की गई हैं। दोनों कंपनियां राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर शामिल होने वाले भागीदार हैं, जिनका विवरण इस प्रकार है:-

कंपनी का नाम – स्विगी

क्रम संखाया

शिकायत की प्रकृति

पंजीकृत डॉकेट

प्रतिशत

1

सेवाओं में कमी

803

22

2

उत्पाद की डिलीवरी में नहीं / देरी

628

17

3

दोषपूर्ण/क्षतिग्रस्त उत्पाद को सुपुर्द करना

456

13

4

गलत उत्पाद की डिलीवरी

401

11

5

भुगतान की गई राशि वापस नहीं की गई

391

11

6

उत्पाद / उत्पाद सहायक सामाग्री की अनुपलब्धता

240

7

7

अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक मूल्य लेना

213

6

8

शाकाहारी की जगह मांसाहारी खाना दिया गया और मांसाहारी की जगह शाकाहारी खाना दिया गया

105

3

9

वादा किया गया उपहार नहीं दिया गया/गलत वादे

99

3

10

राशि काट ली गई लेकिन लाभार्थी को वापस जमा नहीं की गई

58

2

11

अन्य

135

4

12

क्षेत्र पूछताछ (शिकायत प्रबंधन विवरण के बारे में)

102

3

 

कुल योग

3631

100

 

कंपनी का नाम  – ज़ोमेटो

क्रम संखाया

शिकायत की प्रकृति

पंजीकृत डॉकेट

प्रतिशत

1

सेवाओं में कमी

707

25

2

उत्पाद की डिलीवरी में नहीं / देरी

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499

18

3

दोषपूर्ण/क्षतिग्रस्त उत्पाद को सुपुर्द करना

319

11

4

भुगतान की गई राशि वापस नहीं की गई

307

11

5

गलत उत्पाद उपलब्द्ध कराया गया

298

11

6

उत्पाद / उत्पाद सहायक सामाग्री की अनुपलब्धता

153

5

7

शाकाहारी की जगह मांसाहारी खाना दिया गया और मांसाहारी की जगह शाकाहारी खाना दिया गया

109

4

8

अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक मूल्य लिया गया

90

3

9

वादा किया गया उपहार नहीं दिया गया/गलत वादे

78

3

10

अकाउंट ब्लॉक करना/सेवाएँ रोकना

20

1

11

अन्य

112

4

12

क्षेत्र पूछताछ (शिकायत प्रबंधन विवरण के बारे में)

136

5

 

कुल योग

2828

100

 

बैठक के दौरान, उपभोक्ता कार्य विभाग-डीओसीए की राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर उपभोक्ताओं द्वारा उठाए गए प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई, जिसमें डिलीवरी और पैकिंग शुल्क की मात्रा की सत्यता और ऐसे शुल्कों की तर्कसंगतता, प्लेटफॉर्म पर दिखाए गए खाद्य पदार्थों की कीमत और मात्रा के बीच असमानता, रेस्तरां द्वारा की पेशकश की गई वास्तविक कीमत, एक ऑर्डर देने के समय उपभोक्ताओं को दिखाए गए डिलीवरी समय में असंगतता और जिस समय ऑर्डर वास्तव में वितरित किया जाता है तथा नकली समीक्षाओं से वास्तविक समीक्षाओं को अलग करने के लिए किसी भी तंत्र का ना होना शामिल हैं।

भारतीय राष्ट्रीय रेस्तरां संघ (एनआरएआई) ने ई-कॉमर्स खाद्य व्यवसायों के संचालकों द्वारा रेस्तरां के साथ ग्राहक की जानकारी साझा नहीं किए जाने का मुद्दा उठाया, जो उपभोक्ता की जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा करने की उनकी क्षमता को प्रभावित करता है। इसके अलावा, डिलीवरी शुल्क खाद्य व्यवसायों के संचालकों द्वारा निर्धारित और लागू किए जाते हैं। इसके अलावा, प्रत्येक ऑनलाइन ऑर्डर पर खाद्य व्यवसायों के संचालकों द्वारा लगभग 20 प्रतिशत का कमीशन भी लिया जाता है।

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विभाग द्वारा ई-कॉमर्स खाद्य व्यवसायों के संचालकों को निर्देश दिया गया था कि वे उपभोक्ताओं को ऑर्डर राशि में शामिल सभी शुल्कों जैसे डिलीवरी शुल्क, पैकेजिंग शुल्क, कर, मूल्य में वृद्धि आदि का पारदर्शी रूप से विवरण दें। प्लेटफ़ॉर्म को व्यक्तिगत उपभोक्ता समीक्षाओं को पारदर्शी रूप से दिखाना चाहिए और केवल समीक्षाओं का संग्रह दिखाने से बचना चाहिए। इस बात पर बल दिया गया कि उपभोक्ता के लिए पसंद के अधिकार का सम्मान किया जाना चाहिए और ई-कॉमर्स खाद्य व्यवसायों के संचालकों को सलाह दी गई थी कि वे उपभोक्ताओं को अपनी संपर्क जानकारी रेस्तरां के साथ साझा करने की अनुमति दें, यदि उपभोक्ता ऐसा चाहते हैं।

 

बैठक में स्विगी और ज़ोमैटो के साथ-साथ एनआरएआई सहित प्रमुख ऑनलाइन खाद्य व्यवसाय संचालकों ने भाग लिया।

 

सुश्री निधि खरे, अपर सचिव एवं श्री अनुपम मिश्रा, संयुक्त सचिव भी बैठक में शामिल हुए।

 

ई-कॉमर्स खाद्य व्यवसायों के संचालकों ने देखा कि खाद्य पदार्थों की कीमतें रेस्तरां द्वारा तय की जाती हैं और उनके पास उपलब्ध एक शिकायत निवारण तंत्र में उपभोक्ताओं द्वारा दर्ज की गई शिकायतों की संख्या और प्रकृति को देखते हुए सुधार की गुंजाइश है।

 

बैठक के दौरान, हितधारकों ने उपभोक्ता शिकायतों का बारीकी से निवारण करने और एक मजबूत शिकायत निवारण ढांचा विकसित करने की आवश्यकता को स्वीकार किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि बैठक में उठाई गई चिंताओं पर विधिवत विचार किया जाएगा और प्रस्तावित बेहतर और पारदर्शी ढांचे को 15 दिनों में विभाग के साथ साझा किया जाएगा।

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