पोलियो उप-राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस 19 जून, 2022 से 11 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों में आयोजित किया जाएगा

पोलियो ड्रॉप पिलाने के लिए 2022 के लिए पहला उप-राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस 19 जून, 2022 से देश के 11 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों- बिहार, चंडीगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में आयोजित किया जा रहा है।

इस पोलियो अभियान के दौरान बूथ, घर-घर, मोबाइल और ट्रांजिट टीमों के माध्यम से 5 साल से कम उम्र के लगभग 3.9 करोड़ बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया है। बच्चों को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करने के लिए, भारत सरकार ने अपने नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में इंजेक्टेबल इनएक्टिवेटेड पोलियोवायरस वैक्सीन को भी शामिल किया है।

डब्ल्यूएचओ के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के 10 अन्य देशों के साथ भारत को 27 मार्च 2014 को पोलियो मुक्त प्रमाणित किया गया था। देश में पोलियो का आखिरी मामला 13 जनवरी 2011 को पश्चिम बंगाल के हावड़ा में सामने आया था।

यह भी पढ़ें :   प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि, लोगों को बिचौलियों की बेड़ियों से मुक्त कराया: पूर्व उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडु

वैश्विक स्तर पर, पोलियो का अभी भी दो देशों, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में अस्तित्‍व बना हुआ है। हालांकि भारत को “पोलियो-मुक्त” प्रमाणित किया गया है, लेकिन जंगली पोलियोवायरस के इंपोर्टेशन या वैक्सीन से उत्पन्न पोलियोवायरस के उभरने का जोखिम वैश्विक उन्मूलन तक बना रहता है, जो देश में उच्च जनसंख्या प्रतिरक्षा और संवेदनशील निगरानी बनाए रखने की आवश्यकता रेखांकित करती है।

भारत जहां सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) के तहत अतिरिक्त टीके लगाने के द्वारा अपने बच्चों को अधिक से अधिक टीके-निवारक रोगों (वीपीडी) से बचाने का प्रयास कर रहा है, वहां यह महत्वपूर्ण है कि देश के प्रत्‍येक बच्चे को सभी टीके लगाए जाएं। राष्ट्रीय पोलियो कार्यक्रम के तहत सीखे गए सबक और प्रणाली का उपयोग नियमित टीकाकरण को मजबूत करने और 90 प्रतिशत से अधिक पूर्ण टीकाकरण कवरेज प्राप्त करने के लिए किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें :   आपदा मोचन निधि से विभिन्न विभागों को आवंटित कार्यो को शीघ्र पूर्ण करें - मुख्य सचिव

राज्य सरकारों और डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, रोटरी इंटरनेशनल जैसे संगठनों और अन्य भागीदारों ने न केवल पोलियो उन्मूलन में बल्कि नियमित टीकाकरण पहलों में सुधार लाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

सभी माता-पिता से आग्रह है कि वे अपने 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को पोलियो का टीका अवश्‍य लगवाएं।

***

एमजी/एमए/एसकेजे/एमबी