केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने देश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कुछ राज्यों में कोविड-19 मामलों की बढ़ोतरी को देखते हुए आज प्रमुख विशेषज्ञों और अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक के दौरान मंत्रालय में राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रविण पवार और नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के पॉल भी उपस्थित थे।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री लव अग्रवाल ने देश में कोविड मामलों की बढ़ोतरी के वैश्विक परिदृश्य और देश में कोविड की स्थिति पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। इनमें कोविड-19 मामलों की प्रवृत्ति की प्रस्तुति व विश्लेषण, दैनिक व सक्रिय मामले, संक्रमण और मृत्यु, प्रति 10 लाख राज्यवार साप्ताहिक जांच के साथ परीक्षण की स्थिति, साप्ताहिक परीक्षणों में आरटी-पीसीआर की हिस्सेदारी, जीनोम सीक्वेंसिंग (अनुक्रमण) और टीकाकरण की स्थिति शामिल हैं।

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने अधिक संक्रमण दर वाले जिलों पर ध्यान केंद्रित करने और समयबद्ध तरीके से संक्रमण के प्रसार का आकलन व नियंत्रण करने के लिए पर्याप्त परीक्षण (आरटी-पीसीआर के उच्च अनुपात के साथ) और प्रभावी कोविड-19 निगरानी करने की जरूरत पर जोर दिया। इसके अलावा डॉ. मांडविया ने अधिकारियों को किसी भी संभावित वायरस म्यूटेशन का पता लगाने के लिए निगरानी और संपूर्ण जीनोम सीक्वेंसिंग (डब्ल्यूजीएस) पर ध्यान केंद्रित करने को जारी रखने का निर्देश दिया। उन्होंने कोविड-19 और एसएआरआई/आईएलआई मामलों के कारण अस्पताल में भर्ती होने वाले रोगियों की निगरानी करने के लिए भी निर्देश दिए।

उन्होंने संक्रमितों की अधिक संख्या वाले जिलों में बूस्टर खुराक सहित टीकाकरण की गति बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने आगे निर्देश दिया, “चूंकि टीकों की पर्याप्त खुराक उपलब्ध है, इसलिए पात्र और कमजोर समूहों के बीच टीकाकरण में तेजी लाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए इसकी बर्बादी नहीं होने दें।”

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इस बैठक में सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. अजय के सूद, डीबीटी के सचिव डॉ. राजेश गोखले, आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव, आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा, एएस व एमडी डॉ. मनोहर अगनानी, एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया, एनटीएजीआई के कोविड कार्य समूह के प्रमुख डॉ. एन के अरोड़ा, एनसीडीसी के निदेशक डॉ. सुजीत सिंह और स्वास्थ्य मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।  

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