भारतीय वायु सेना ने पहले ‘युद्ध और एयरोस्पेस रणनीति कार्यक्रम’ के लिए कैपस्टोन सेमिनार का आयोजन किया

भारतीय वायु सेना ने आज पहले युद्ध और एयरोस्पेस रणनीति कार्यक्रम (डब्ल्यूएएसपी) के समापन के अवसर पर नई दिल्ली स्थित वायु सेना सभागार में कैपस्टोन सेमिनार का आयोजन किया। यह सेमिनार कॉलेज ऑफ एयर वारफेयर एंड सेंटर फॉर एयर पावर स्टडीज के तत्वावधान में आयोजित किया गया। इस अवसर पर वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने अपना मुख्य भाषण दिया। इस कार्यक्रम में तीनों सेवाओं के वरिष्ठ अधिकारी, वायु शक्ति के विद्वान और देश के प्रमुख थिंक टैंक व प्रमुख कॉलेजों के शिक्षाविदों ने हिस्सा लिया।

वायु सेना प्रमुख ने अपने संबोधन में बताया कि डब्ल्यूएएसपी का उद्देश्य भारतीय वायुसेना के अधिकारियों में रणनीतिक सोच और समझ पैदा करना है। उन्होंने रेखांकित किया कि इस कार्यक्रम को एक राष्ट्र की व्यापक राष्ट्रीय शक्ति के प्रमुख विषयों से प्रतिभागियों को परिचित कराने के लिए डिजाइन किया गया था, जो उन्हें संपूर्ण सरकार के दृष्टिकोण को समझने व स्वतंत्र विचार प्रस्तुत करने में सक्षम बनाएगा। उन्होंने भारतीय वायुसेना की रणनीतिक प्राथमिकताओं का फिर से मूल्यांकन करने और कार्यों को फिर से संगठित करने की जरूरत पर जोर दिया, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सेवा पीछे न छूट जाए। वायु सेना प्रमुख ने प्रतिभागियों को बधाई दी। उन्होंने आगे प्रतिभागियों से अपने प्राप्त ज्ञान को व्यावहारिक रणनीतियों में रूपांतरित करने और यह याद रखने का अनुरोध किया कि उनके विचार न केवल वायु शक्ति से संबंधित रणनीतियों को आगे बढ़ाएंगे, बल्कि सुसंगत सैन्य और राष्ट्रीय रणनीति बनाने में भी योगदान देंगे। उन्होंने इस तथ्य को भी रेखांकित किया कि एक अच्छी तरह से तैयार की गई रणनीति सफलता की गारंटी नहीं दे सकती है, एक सुसंगत और टिकाऊ रणनीति की अनुपस्थिति निश्चित रूप से विफलता का कारण बनेगी।

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इस सेमिनार के प्रतिभागियों ने हालिया संघर्षों में वायु शक्ति के अनुप्रयोग और राष्ट्रीय सुरक्षा में वायु शक्ति की प्रमुख भूमिका को स्थापित करने वाले बदलते सैद्धांतिक नियमों से संबंधित समकालीन विषयों पर पेपर प्रस्तुत किए।

इसके अलावा सेमिनार में भारतीय वायुसेना के सिद्धांत (डॉक्ट्रिन) के संशोधित संस्करण का विमोचन भी किया गया।

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