एक कोविड पेशेंट की कहानी…..
- जब तक कोविड नहीं हुआ- टीका नहीं लगवाया, दिन भर यहां वहां घूमा, कोविड तो है ही नहीं, सरकार और पूंजिपतियों का षड़यंत्र है, रिश्तेदारों में गए, शादी विवाह निपटाया….
- एक दिन बुखार महसूस हुआ- वायरल है यार, कोविड-वोविड कुछ नहीं, एक पैरासिटामोल ले लेता हूं।
- बुखार के दूसरे दिन-
मेडिकल स्टोर से एंटिबायोटिक्स ले लेता हूं, करोना टेस्ट की जरूरत नहीं है, जबरदस्ती पाज़ीटिव बता देंगे।
- बुखार के तीसरे दिन-
बुखार के साथ खांसी भी आ रही है। सिरप ले लूंगा , ठीक हो जाएगी।
- बुखार के चौथे दिन- आज भी बुखार है, चलो ब्लड टेस्ट करा लेता हूं ( ब्लड टेस्ट में क्रास रिएक्शन की वजह से फाल्स टायफाइड पाज़िटिव दिखता है ये इसे नहीं मालूम) ओ तेरी…, ये तो टायफाइड हो गया है।
6.बुखार के पांचवें दिन- अब टायफाइड का पता चल ही गया है तो मेडिकल स्टोर से एंटिबायोटिक्स ले लेता हूं, जबरन डाक्टर दो-चार सौ ले लेगा। - बुखार के छठवें दिन- एंटिबायोटिक्स चल रही हैं, पर कमजोरी बहुत लग रही है।
- बुखार के सातवें दिन- डाक्टर मित्र को फोन करके पूछा तो उसने कहा CT स्कैन और आरटीपीसीआर करवाओ, सरकारी सेंटेट पर पहुंचे तो बड़ी भीड़ थी बड़ी मुश्किल से टेस्ट हुआ, अब रिपोर्ट तीन दिन में आएगी।
CT स्कैन महंगा है इसलिए उसे टाल दिया।
9.बुखार के आठवें दिन-
अब तो उठने बैठने में सांस फूलने लगी, आक्सीजन लेवल चैक करवाया तो 85 निकला डाक्टर ने फौरन भर्ती हो कर आक्सीजन लगवाने को कहा, अब ना कहीं बेड मिल पा रहा और ना आक्सीजन ( सरकार को गरियाना शुरू, साला कोई व्यवस्था नहीं, कोई सुनवाई नहीं)
जैसे तैसे बेड और आक्सीजन की व्यवस्था हुई।
- कोई राहत नहीं (अस्पताल को गरियाना शुरू) आक्सीजन लेवल और कम हो गई।
11.आज डाक्टर ने कहा वेंटिलेटर लगाना पड़ेगा (डाक्टर को गरियाना शुरू) साले लूटते हैं।
12.कहानी खत्म…!!
(परिजनों का अस्पताल में हंगामा, पत्रकारों को मसाला)
- इसी कोविड साइकिल का अगला मरीज लाईन में है जो इसी तरह की प्रवित्ति के चलते अपनी संख्या तेजी से बढ़ाते जा रहे है। तो भाईयो, बुखार आते ही क्वालिफाइड डाक्टर से मिलें, उटपटांग सलाह और मनमर्जी से निर्णय नहीं लें, और जांच जरूर करवाएं।
धन्यवाद