इंग्लैंड से मुफ्त में मिला ऑक्सीजन जेनेरेशन प्लांट

अजमेर के आदर्श नगर के सैटेलाइट अस्पताल में आए विदेशी ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट को शुरू होने में अभी चार पांच दिन लगेंगे।
जेएलएन अस्पताल में उपलब्ध ऑक्सीजन कोविड मरीजों को दी जा रही है। लेकिन मरीजों की संख्या कम होना जरूरी है।
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इंग्लैंड से मुफ्त में मिला ऑक्सीजन जेनेरेशन प्लांट 10 मई को अजमेर के आदर्श नगर स्थित सैटेलाइट अस्पताल के परिसर में आ तो गया है, लेकिन प्लांट के शुरू होने में अभी चार-पांच दिन लगेंगे। अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राकेश पोरवाल ने बताया कि प्लांट बड़े कंटेनर में लदा हुआ है, लेकिन कंटेनर को स्थापित करने के लिए पहले बेस बनाया जाएगा। अस्पताल प्रशासन का प्रयास है कि अस्पताल में पहले से जो पाइप लाइन बिछी हुई है, उसका ही उपयोग हो जाए। लेकिन प्लांट के कंटेनर को स्थापित करने और फिर ऑक्सीजन को पाइप लाइन से जोड़ने में अभी चार-पांच दिन का समय लगेगा। डॉ. पोरवाल ने बताया कि इंग्लैंड से इंजीनियर भी आ गए हैं और उन्होंने 11 मई को ट्रायल भी किया है। यह प्लांट अत्याधुनिक वाला है। प्लांट से उत्पन्न ऑक्सीजन को सिलेंडरों में भरा जाएगा और फिर पाइप लाइन के जरिए मरीजों को उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में पूरे देश में ऐसे 3 प्लांट आए हैं। एक प्लांट झालावाड़ तथा दूसरा प्लांट असम के एक जिले में भेजा गया है। अजमेर के लिए यह महत्वपूर्ण बात है कि जब ऑक्सीजन की कमी है, तब इतना बड़ा प्लांट नि:शुल्क प्राप्त हुआ है। अस्पताल में अभी 70 बेड हैं। लेकिन 35 मरीजों को ही ऑक्सीजन पर रखा जा रहा है। प्लांट के शुरू होने पर सौ मरीजों को ऑक्सीजन दी जा सकेगी।
उपलब्ध ऑक्सीजन दी जा रही है:
संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल के अधीक्षक अनिल जैन ने कहा कि प्रशासन जो ऑक्सीजन उपलब्ध करवा रहा है उसे मरीजों को दिया जा रहा है। अस्पताल प्रबंधन का प्रयास है कि भर्ती होने वाले सभी मरीजों को जरूरत के अनुसार ऑक्सीजन दी जाए। अब किसी भी मरीज को भर्ती होने के लिए अस्पताल के बाहर इंतजार नहीं करना पड़ेगा। भर्ती होने वाले मरीजों के लिए वेटिंग वार्ड बनाया गया है। इस वार्ड में 10 मरीजों को अस्थाई तौर पर रखा जा सकता है। डॉ जैन ने कहा कि इस भयावह स्थिति में हर मरीज का इलाज किया जा रहा है, लेकिन कोविड मरीजों की संख्या का घटना भी जरूरी है। उपलब्ध संसाधनों का उपयोग एक सीमा तक किया जा सकता है। यदि मरीजों के भर्ती होने की स्थिति यही रही तो फिर सभी मरीजों को जरूरत के अनुरूप सुविधाएं मिलना मुश्किल है। लोगों को जागरूकता दिखाने की जरूरत है। सरकार ने जो गाइडलाइन जारी की है उसके अनुरूप व्यवहार करना जरूरी है।