प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया का गुरुवार को गुरुग्राम के सेक्टर 25 स्थित शवदाहगृह में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया

पूर्वी राजस्थान के भरतपुर में कस्वा भुसाबर निवासी पहाडिया के अंतिम संस्कार में कोरोना गाइडलाइन्स के चलते केवल उनके परिवार जन मौजूद रहे। गौरतलब है कि 88 वर्षीय पहाड़िया ने कोरोना संक्रमित होने के बाद बुधवार रात गुड़गांव के पार्क अस्पताल में अंतिम सांस ली। पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया के निधन पर भरतपुर जिले में शोक की लहर छाई हुई है। भरतपुर से प्रकाशित साप्ताहिक ‘अधिकार’ के संपादक रहे पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया का जन्म 15 जनवरी 1932 को भरतपुर जिले के भुसावर गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा भरतपुर और वकालत जयपुर के राजस्थान विश्वविद्यालय से की थी। 6 जून 1980 से 14 जुलाई 1981 तक 13 महीने के लिए राजस्थान के प्रथम दलित मुख्यमंत्री रहे पहाडिया चार बार सांसद और चार बार विधायक रहे। संसद सदस्य रहते हुए श्री पहाड़िया राज्य मंत्री, वित्त 1967-69 राज्य मंत्री, खाद्य और कृषि, 1970-71 राज्य मंत्री, आपूर्ति, 1971 राज्य मंत्री, खाद्य और कृषि, 1971-73, राज्य मंत्री, संचार 1973-76 और राज्यमंत्री, श्रम, 1976-77 तथा 1980 में बे केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री जैसे कई मत्वपूर्ण विभागों के मंत्री भी रहे। वे 1989 से 90 तक 1 साल के लिए बिहार और साल 2009 से 2014 तक हरियाणा के राज्यपाल भी रहे।

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