वैक्सीनों के सूची-प्रबंधन और भंडारण तापमान की निगरानी करने के लिये स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा ई-विन का उपयोग

सार्वभौमिक रोग-प्रतिरक्षा कार्यक्रम (यूनिवर्सल इम्यूनाईजेशन प्रोग्राम – यूपीआई) के तहत आने वाली वैक्सीनों के सूची-प्रबंधन और भंडारण तापमान की निगरानी करने के लिये स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा ई-विन का उपयोग

केंद्र सरकार संवेदनशील ई-विन आंकड़ों का दुरुपयोग और उनकी गैर-कानूनी कारोबारी हरकतों को रोकने के लिये प्रतिबद्ध

केंद्र सरकार कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम और उससे सम्बंधित आंकड़ों में पारदर्शिता लाने तथा कोविन पर उसकी उपलब्धता के लिये कटिबद्ध

केंद्र सरकार “समग्र सरकारी तंत्र” की भावना के तहत प्रभावशाली टीकाकरण अभियान चलाने के लिये इस वर्ष 16 जनवरी से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रयासों का सहयोग करती रही है। देशभर में कोविड-19 की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये केंद्र सरकार ने तमाम कदम उठाये हैं। इस सिलसिले में आपूर्ति श्रृंखला और टीकों का भंडारण भी बहुत अहमियत रखता है।

कुछ मीडिया रिपोर्टों में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के उस पत्र का हवाला दिया गया है, जो उन्होंने ई-विन इनवेंट्री (वस्तु सूची या टीकों की फेहरिस्त) और तापमान आंकड़ों के बारे में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को लिखा था।

यह भी पढ़ें :   झारखंड के पलामू जिले में एडीआईपी योजना के तहत दिव्यांगजनों को सहायता और सहायक उपकरणों के वितरण के लिए 'सामाजिक अधिकारिता शिविर'

केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी है कि वे वैक्सीन के भंडार और जहां उन्हें रखा गया है, वहां के तापमान की पूरी जानकारी और मूल्यांकनई-विन के जरिये साझा करने से पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की अनुमति जरूर लें। ऐसा करने का मकसद यही है कि इन आंकड़ों का गलत इस्तेमाल कोई एजेंसी अपने कारोबारी लाभ के लिये न कर सके।

उल्लेखनीय है कि सार्वभौमिक रोग-प्रतिरक्षा कार्यक्रम (यूनीवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम – यूआईपी) के तहत कई वैक्सीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है और उन वैक्सीनों के तापमान के बारे में भी आंकड़े उपलब्ध हैं। किसी खास वैक्सीन के इस्तेमाल के रुझान के बारे में बहुत सी अहम सूचनायें होती हैं। अन्य वैक्सीनों के मद्देनजर सम्बंधित विशेष वैक्सीन से जुड़े अनुसंधान, कोल्ड-चेन उपकरणों की जानकारी के साथ-साथ बाजार में दखलंदाजी करने के लिये आंकड़ों का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है। यह बात बहुत अहम है कि केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ई-विन इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर रहा है, जिसमें यूआईपी के तहत पिछले छह साल से अधिक समय से इस्तेमाल होने वाली वैक्सीनें शामिल हैं। स्टॉक, भंडारण और तापमान से जुड़े संवेदनशील आंकड़ों को स्वास्थ्य मंत्रालय की पूर्वानुमति के बिना साझा नहीं किया जा सकता।

यह भी पढ़ें :   केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने समरसता व सद्भाव के प्रतीक पूजनीय संत श्री रविदास जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी

कोविड-19 वैक्सीन के स्टॉक, खपत, बची हुई वैक्सीन का आंकड़ा कोविन प्लेटफार्म पर उपलब्ध रहता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय इसे नियमित तौर पर और पारदर्शिता के साथ साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस और दैनिक प्रेस विज्ञप्ति के जरिये मीडिया तथा जनता के सामनेपेश करता है।

कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम में पारदर्शिता लाने के लिये केंद्र सरकार कटिबद्ध है। यही कारण है कि केंद्र सरकार नेवैक्सीन की सूचना प्रौद्योगिकी आधारित ट्रैकिंग करने का उपाय किया है। कोविन के जरिये वैक्सीन को लाभार्थियों तक पहुंचने की पूरी ट्रैकिंग की जाती है। इसका मकसद यही है कि नियमित रूप से सूचना को आम जनता के साथ साझा किया जाये।