पंचायतों द्वारा सेवा वितरण के मैसूर घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए गए

पंचायतों द्वारा सेवा वितरण के मैसूर घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए गए

भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय ने राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान, हैदराबाद तथा अब्दुल नज़ीर उप राज्य ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज संस्थान, मैसूर के सहयोग से आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में 22 नवंबर 2021 को नागरिक चार्टर और पंचायतों द्वारा सेवाओं के वितरण पर एक दिवसीय राष्ट्रीय परामर्श कार्यशाला का आयोजन किया था। 16 राज्यों के प्रतिभागियों ने मैसूर घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए और पहली अप्रैल 2022 से देश भर में पंचायतों द्वारा सामान्य न्यूनतम सेवा वितरण शुरू करने का संकल्प लिया।

घोषणापत्र का उद्देश्य नागरिक केंद्रित सेवाओं को “शासन के केंद्र” के रूप में मान्यता देना है। पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री सुनील कुमार ने सेवा वितरण के विभिन्न पहलुओं पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करके एक टोन सेट किया, जिसमें सेवाएं या तो सीधे पंचायतों द्वारा प्रदान की जाती हैं या फिर अन्य विभागों की वे सेवाएं जिन्हें पंचायतों द्वारा निगरानी तंत्र के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है। उन्होंने सुझाव दिया कि पंचायतों के जरिए प्रदान की जा सकने वाली सामान्य न्यूनतम सेवाओं को विभिन्न राज्यों द्वारा पहुंचाने की आवश्यकता है।

पंचायती राज मंत्रालय में अपर सचिव श्री चंद्रशेखर कुमार ने अपने संबोधन में ग्रामीण क्षेत्रों में समुदाय को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए मंत्रालय के प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने सुझाव दिया कि पंचायतों द्वारा प्रदान की जा सकने वाली सेवाओं को मंत्रालय द्वारा सूचीबद्ध किया गया है और राज्य, मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों पर काम करना शुरू कर सकते हैं। कर्नाटक सरकार के आरडीपीआर में प्रधान सचिव श्रीमती उमा महादेवन ने अपने उद्घाटन भाषण में कर्नाटक में पंचायतों के माध्यम से प्रदान की जाने वाली सेवाओं पर प्रकाश डाला, विशेष रूप से उन स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जो पिछले साल कोविड -19 महामारी के दौरान पंचायतों के जरिये उपलब्ध कराई गई थीं।

 

भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्री आलोक प्रेम नागर ने कहा कि राज्यों में नागरिक केंद्रित सेवाएं प्रदान करने के वर्तमान अभियान को शुरू करने के पीछे सरकार लगातार कार्यरत है। उन्होंने विभिन्न राज्यों द्वारा बुनियादी ढांचे से संबंधित मुद्दों और सेवा वितरण में सुधार के लिए ई-पहलों पर ध्यान केंद्रित करने वाले कदमों पर प्रकाश डाला। इस कार्यशाला में विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों और नीति निर्माताओं तथा नागरिकों को सेवाओं में सुधार करने में लगे हुए संसाधन युक्त व्यक्तियों ने भाग लिया। कार्यशाला के दौरान विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव साझा किए। एएनएसएसआईआरडी एवं पीआर की निदेशक श्रीमती के लक्ष्मी प्रिया और एनआईआरडीपीआर में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ आर चिन्नादुरई ने भी विचार-विमर्श में भाग लिया।

घोषणापत्र की प्रति

हम, प्रतिनिधि और अधिकारी हमारे नागरिकों की प्राथमिकताओं एवं आकांक्षाओं के अनुरूप सेवाओं के वितरण में समावेशी तथा जवाबदेह स्थानीय स्वशासन को बढ़ावा देने के प्रयासों को मान्यता देते हैं।

हम पारदर्शिता को बढ़ावा देने, नागरिकों को सशक्त बनाने और सेवाओं के समय पर तथा गुणवत्तापूर्ण वितरण के लिए नई तकनीकों की शक्ति का दोहन करने हेतु अपनी प्रतिबद्धताओं को मजबूत करने में त्वरित कार्रवाई करने की जिम्मेदारी स्वीकार करते हैं; हम नागरिक सेवा के अनुभवों को बढ़ा रहे हैं।

हम सेवाओं में सुधार के लिए नागरिकों के साथ अपने जुड़ाव में खुलेपन के मूल्य को बनाए रखते हैं, सेवाओं को डिजाइन और वितरित करते समय विविध विचारों को शामिल करते हैं। हम स्थानीय समुदायों के सतत विकास के लिए अधिक समृद्धि, कल्याण और मानवीय गरिमा प्राप्त करने की दृष्टि से पारदर्शिता तथा खुलेपन से सरकार के सिद्धांतों को अपनाते हैं।

साथ में, हम इसके लिए अपनी प्रतिबद्धता की घोषणा करते हैं:

* पहली अप्रैल 2022 से ग्राम पंचायत स्तर पर निम्नलिखित बुनियादी, वैधानिक और/या आवश्यक सेवाओं की पेशकश के साथ कार्य प्रारंभ करते हुए, समयबद्ध और कुशल तरीके से जमीनी स्तर पर नागरिक सेवाओं की उपलब्धता में वृद्धि करना।

* लोक सेवाओं के समय पर वितरण के लिए पेशेवर सत्यनिष्ठा और जवाबदेही के उच्चतम मानकों को लागू करना।

हम उदाहरण के आधार पर नेतृत्व करने और जमीनी स्तर पर सेवा वितरण को आगे बढ़ाने में योगदान करने की प्रतिज्ञा करते हैं। हमारा लक्ष्य नागरिकों को सशक्त बनाने, ग्रामीण भारत के समावेशी और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए समय पर सेवाएं प्रदान करना है।

हम में इन सिद्धांतों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, और जमीनी स्तर पर संस्था-निर्माण को बढ़ावा देने के लिए काम करते हैं जिसका कार्य नागरिकों के लिए सेवाओं को सशक्त और वितरित करना है; पंचायत निवासियों के लिए कुशल और प्रभावी सेवा वितरण तंत्र के माध्यम से जीवन की गुणवत्ता में सुधार, विशेष रूप से महिलाओं, बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों तथा समाज के अन्य कमजोर एवं हाशिए के वर्गों के कल्याण के लिए वचनबद्ध हैं।

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एमजी/एएम/एनके/एके

 

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