📔 नो बैग डे: स्कूलों में लागू करने के लिए सरकारी आदेश जारी, लेकिन संचालकों को सता रही परिणाम की चिंता
स्कूल चला रहे प्रिंसिपल्स का कहना है कि कोरोना के चलते पहले ही सैशन देरी से शुरु हुआ है, अब एक दिन भी खराब करेंगे तो कोर्स कैसे पूरा होगा….
एनजीओ की मांग और सर्वे के आधार पर सरकार ने शनिवार को दो स्कूलों में नो बैग डे घोषित करने के आदेश जारी कर दिए हैं, जबकि स्कूल चला रहे प्रिंसिपल्स का कहना है कि कोरोना के चलते पहले ही सैशन देरी से शुरु हुआ है, अब एक दिन भी खराब करेंगे तो कोर्स कैसे पूरा होगा। दरअसल बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए किताबी माहौल से दूर कर नो बैग डे घोषित किया है। इसमें शनिवार को दो स्कूलों में इसकी व्यवस्था शुरूआती दौर में रखी गई है।
एनजीओ के प्रतिनिधि बच्चों को इस दिन जीवन जीने का अधिकार, संरक्षण का अधिकार, बराबरी का अधिकार की जानकारी दी गई। इसके अलावा सुरक्षित और असुरक्षित स्पर्श के बारे में बच्चों को बताया गया। बालविवाह के नुकसान बताए गए। इसके अलावा सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देकर बेसहारा, शोषित, छात्रवृति, पेंशन, मेडिकल इंश्योरेंस जैसी योजनाओं का लाभ उठाने की जानकारी दी जाती है।
कुछ जगहों पर एनजीओ के मेंबर भी बच्चों के साथ समय गुजारते है। इस बार कोरेाना संक्रमण के कारण सभी स्कूल इसे लागू करने में आनाकानी कर रहे हैं। उनका कहना है कि पहले की बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हो चुका है, ऐसे में अब इस तरह से उनका समय गंवाएंगे तो नुकसान होगा, अभी तो कोर्स भी पूरा नहीं हुआ है।
वहीं चाइल्डलाइन के समन्वयक राहुल दानोदिया का कहना है कि बच्चों पर पढ़ाई का प्रेशर अधिक होता है। स्कूल से लेकर घर पर ट्यूशन तक बच्चे किताबों में उलझे रहते है। सरकार की मंशा है कि किताबी ज्ञान के अलावा शारीरिक, मानसिक स्तर के अलावा बौद्धिक स्तर को बढ़ाने के लिए एक दिन बगैर बैग लिए बच्चों को स्कूल में गुजारना है। इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी ने कलेक्टर से मीटिंग के बाद आदेश जारी कर दिए है।
📔🏆 शिक्षा विभाग समाचार 🏆📔
No comments yet. Be the first to comment!
Please Login to comment.
© G News Portal. All Rights Reserved.