प्रदेश में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण व निर्धारित समयावधि में हो पूर्ण -चिकित्सा शिक्षा मंत्री

प्रदेश में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण व निर्धारित समयावधि में हो पूर्ण -चिकित्सा शिक्षा मंत्री

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प्रदेश में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण व निर्धारित समयावधि में हो पूर्ण-चिकित्सा शिक्षा मंत्रीचिकित्सा शिक्षा मंत्री ने ली विभाग की समीक्षा बैठक, दिए आवश्यक दिशा निर्देशजयपुर, 11 जनवरी। चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री परसादी लाल मीणा ने प्रदेश के 16 निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेजों का कार्य निर्धारित समयावधि में गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराने के निर्देश दिए हैं। श्री मीणा ने मंगलवार को चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि सभी मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कर वर्ष 2023 तक पूर्ण हो जाए ताकि प्रदेश में चिकित्सकों की कमी ना रहे। उन्होंने संबंधित मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों को भी निर्माण कार्य की नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में कोविड के दौरान आमजन को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी। तीसरी लहर से बचाव के लिए भी सभी संस्थान पूर्णतया तैयार हैं।चिकित्सा शिक्षा मंत्री को बताया गया कि राजमेस सोसायटी के प्रथम चरण में 7 मेडिकल कॉलेज (भरतपुर, भीलवाड़ा, चूरू, सीकर, पाली, बाड़मेर व डूंगरपुर) कॉलेज स्वीकृत किए गए। द्वितीय चरण में धौलपुर एवं तृतीय चरण में नागौर, अलवर, चित्तौड़गढ़, बांसवाडा, बूंदी, बारां, श्रीगंगानर, सिरोही, करौली, जैसलमेर, झुंझूनूं, टोंक, दौसा, सवाईमाधोपुर एवं हनुमानगढ में मेडिकल कॉलेज स्वीकृत हैं। इनमें से 5 मेडिकल कॉलेजों (भरतपुर, भीलवाड़ा, चुरू, पाली व डंूगरपुर) में वर्ष 2018 से बाड़मेर में 2019 से एवं सीकर में वर्ष 2020 में मेडिकल कॉलेज प्रारंभ कर दिया गया। स्वीकृत मेडिकल कॉलेजों के बाद प्रदेश में प्रतापगढ़, जालौर एवं राजसमंद जिलों को छोड़कर सभी जिलों में मेडिकल कॉलेजों की सुविधा उपलब्ध होगी। इन तीनों जिलों में भी नवीन मेडिकल कॉलेज खोलना केंद्र स्तर पर प्रस्तावित है। बैठक में पीजी और यूजी सीट, बजट घोषणा की नर्सिंग कॉलेजों के कार्यों की समीक्षा, कैंसर केयर सेंटर, कौशल प्रशिक्षण केंद्र, ऑक्सीजन प्लांट, लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन, जीनोम सिक्वेंसिंग सहित कई विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। इस दौरान प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में बने नीकू और पीकू का वीडियो प्रस्तुतिकरण भी किया गया।बैठक में चिकित्सा विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री वैभव गालरिया, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा श्रीमती शिवांगी स्वर्णकार, श्री गौरव चौधरी उपस्थित रहे जबकि संबंधित मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य व निर्माण कंपनियों के प्रतिनिधि व अन्य अधिकारीगण वर्चुअल जुड़े रहे।

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