उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने आज प्रख्यात शिक्षाविद्, शिक्षक और दार्शनिक, श्री कोनेरू रामकृष्ण राव के निधन पर दुःख व्यक्त किया।
उपराष्ट्रपति ने एक शोक-संदेश में कहा कि वह प्रो. राव को व्यक्तिगत रूप से कई दशकों से जानते थे और उनका निधन उनके लिए एक व्यक्तिगत क्षति है।
उन्होंने कहा कि प्रो. राव एक बहुआयामी व्यक्ति थे और वह आंध्र विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर, आंधप्रदेश राज्य के उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त कार्यालय के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष सहित विभिन्न पदों पर रहे। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में उनका अमूल्य योगदान और गांधीवादी विचार अनेक लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
श्री नायडू ने बताया कि उन्होंने आंध्र विश्वविद्यालय में परामनोविज्ञान विभाग की स्थापना की और कई पुस्तकें और शोध पत्र प्रकाशित किए।
उपराष्ट्रपति ने शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की।
उपराष्ट्रपति के शोक संदेश का पूरा पाठ इस प्रकार है-
“मैं प्रख्यात शिक्षाविद्, शिक्षक और दार्शनिक, श्री कोनेरू रामकृष्ण राव के निधन से बहुत दुःखी हूं, जिनको मैं व्यक्तिगत रूप से कई दशकों से जानता था।
प्रो. राव एक बहुआयामी व्यक्ति थे और वह आंध्र विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर, आंध्रप्रदेश राज्य के उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त कार्यालय के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष सहित विभिन्न प्रमुख पदों पर रहे। शिक्षा के क्षेत्र में उनका अमूल्य योगदान और गांधीवादी विचार कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
प्रो. राव ने आंध्र विश्वविद्यालय में परामनोविज्ञान विभाग की स्थापना की थी और विदेशों में कई विश्वविद्यालयों में व्याख्यान दिया था। वह एक मनोवैज्ञानिक और परामनोवैज्ञानिक भी थे और उन्होंने कई किताबें और शोध पत्र प्रकाशित किए थे।
उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। मैं शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। ॐ शांति!’’
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एमजी/एएम/पीकेजे/एसके
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