Indian Railways : रेल अधिकारी की स्थानांतरण पार्टी में छलके जाम, डीआरएम ने गाया गाना

Indian Railways : रेल अधिकारी की स्थानांतरण पार्टी में छलके जाम, डीआरएम ने गाया गाना

Rail News kota : कोटा में एक रेलवे अधिकारी की स्थानांतरण पार्टी में जमकर जाम छलकने और डीआरएम द्वारा गाना गाने का मामला सामने आया है। गुरुवार आधी रात के बाद तक यह पार्टी चल रही थी। यहां खाने में भी सभी प्रकार व्यंजन मौजूद थे।
सूत्रों ने बताया कि पिछले दिनों मिशन हाई स्पीड में चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर पद पर कार्यरत अभिमन्यु सेठ का स्थानांतरण दिल्ली में अपर मंडल रेल प्रबंधक पद पर हुआ था। अभिमन्यु को विदाई देने के लिए इस पार्टी का आयोजन किया गया था। धुंधली मध्यम रोशनी वाली इस पार्टी में लगभग सभी अधिकारी शामिल थे। पार्टी में कई अधिकारियों ने शराब का जमकर लुफ्त उठाया। कई अधिकारियों की टेबल पर शराब की बोतलें रखी नजर आई। पीने की कोई लिमिट तय नहीं थी, जो जितना चाहे पी सकता है।
सूत्रों ने बताया कि इसका फायदा उठाते हुए एक-दो अधिकारियों तो पूरी तरह टून्न हो गए। इन्होंने इतनी अधिक शराब पी ली की यह पूरी तरह अपने होशो हवास नजर नहीं आए। कार चालको द्वारा इन्हें बड़ी मुश्किल से बंगलों पर पहुंचाया गया। टून्न होने वालों में वह अधिकारी भी शामिल थे जिन्होंने गत वर्ष 31 दिसंबर की रात नए साल की पार्टी में इसी जगह शराब के नशे में धुत होकर डीजे वाले की जोरदार पिटाई की थी।
तुम हो मेरे दिल की धड़कन…
इस पार्टी में डीआरएम मनीष तिवारी भी मौजूद थे। तिवारी भी पार्टी का जमकर लुफ्त उठाते नजर आए। इस अवसर पर तिवारी ने स्टेज पर एक गाना भी गाया। ‘तुम हो मेरे दिल की धड़कन, तुम बिन लगे ना मन, तुमको ढूंढा करते हैं मेरे यह दो नयन… । तिवारी के इस गाने पर ऐसे मौको की तलाश में रहने वाले अधिकारियों ने प्रशंसा के पुल बांध दिए। नशे में झूमते यह अधिकारी तिवारी के सुर में सुर मिलाते हुए वाह-वाह करते नजर आए।
गौरतलब है कि तिवारी को रात 1:45 बजे मुंबई-अमृतसर डीलक्स ट्रेन से दिल्ली भी जाना था। इसके चलते तिवारी का रात 10:30 बजे स्टेशन पर खड़े सैलून में जाकर सोने का कार्यक्रम था। लेकिन तिवारी रात 12:30 बजे तक भी सैलून पर नहीं पहुंचे थे। स्टेशन स्टाफ सैलून के पास तिवारी के आने का इंतजार कर रहा था।
दुर्घटना के समय नहीं पहुंचते कई अधिकारी
सूत्रों ने बताया कि ऐसे समय में अगर कहीं से दुर्घटना की खबर आती तो कई अधिकारी समय रहते दुर्घटना स्थल पर पहुंचने तक की स्थिति में नहीं थे। अगर जैसे तैसे पहुंची भी जाते हैं शराब के नशे के कारण अधिकारी शायद उतना अच्छा काम कर पाते जितना एक नॉर्मल अधिकारी कर सकता है।