Indian Railways : दुर्घटना के बाद जागा रेल प्रशासन, पार्सल कार्यालय की ली सुध

Indian Railways : दुर्घटना के बाद जागा रेल प्रशासन, पार्सल कार्यालय की ली सुध

Rail News :  पिछले दिनों हुई दुर्घटना के बाद रेल प्रशासन ने कोटा पार्सल कार्यालय की सुध ली है। इसके तहत प्रशासन द्वारा यहां पर 10 दिवसीय विशेष संरक्षा अभियान चलाया जा रहा है। 28 नवंबर तक चलने वाले इस अभियान के तहत यहां पर विशेष रूप से पार्सल परिवहन में काम आने वाले ठेलों की जांच की जा रही है। जिसमें ठेलों में टूट-फूट, निर्धारित से अधिक वजन रखने, पार्सल को ट्रेन आने से पहले प्लेटफार्म पर पहुंचाने तथा ठेलों को प्लेटफार्म के किनारे से दूर चले ने आदि पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
ठेलों की हालत खस्ता
उल्लेखनीय है कि पार्सल कार्यालय में माल लाने और ले जाने के काम आने वाले ठेलों की हालत खस्ता है। बरसों पुराने यह ठेले टूट-फूट और नट-बोल्ट ढीले होने से चलते समय यह ठेले हिलते हैं। जिसके चलते प्लेटफार्म पर दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है। दुर्घटना की स्थिति में यात्री भी चोटिल हो सकते हैं।
4 दिन पहले हो चुका है हादसा
उल्लेखनीय है कि 18 नवंबर को प्लेटफार्म नंबर 2 पर यह हादसा हो भी चुका है। पार्सल से भरा एक ठेला प्लेटफार्म पर प्रवेश करती निजामुद्दीन-एर्नाकुलम ट्रेन के आगे रेल पटरी ऊपर गिर गया था। यह ठेला इंजन के नीचे आकर फंस गया था। बाद में बड़ी मुश्किल से टुकड़े टुकड़े हो चुके ठेले के कलपुर्जे और पार्सल को इंजन के नीचे से निकाला गया। इसके चलते ट्रेन करीब 45 मिनट लेट हो गई थी।
असामाजिक तत्वों का जमावड़ा
इसके अलावा पार्सल कार्यालय में असामाजिक तत्वों का भी जमावड़ा लगा रहता है। प्रशासन द्वारा इस की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यही कारण है कि पार्सल कार्यालय में कई बार मारपीट की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। पिछले दिनों यहां पर एक बाबू के साथ भी मारपीट और चाकू दिखाने का मामला सामने आ चुका है।
इसके अलावा यहां पर काम करने वाले ठेका कर्मचारियों की वर्दी और पहचान पत्र भी नहीं है। यहां पर सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगे हैं। इसका फायदा यहां पर असामाजिक तत्व उठाते हैं। इसके अलावा यहां पर आरपीएफ भी नहीं होती है। जबकि यहां पर लाखों रुपए का माल पड़ा रहता है।