Indian Railways: जीएम की मनाही के बाद भी चौमहला में बनाया अंडर ब्रिज, कोटा अधिकारियों ने की अपनी ही रिपोर्ट अनदेखी

Indian Railways: जीएम की मनाही के बाद भी चौमहला में बनाया अंडर ब्रिज, कोटा अधिकारियों ने की अपनी ही रिपोर्ट अनदेखी

Rail News: कोटा-नागदा रेल खंड स्थित चौमहला स्टेशन के पास बने अंडर ब्रिज में एक चौकाने वाला खुलासा हुआ है। यहां पर पश्चिम-मध्य रेलवे महाप्रबंधक (जीएम) के मना करने बाद भी अंडर ब्रिज बनाया गया है। इसके चलते नियम विरुद्ध बने इस अंडर का चौमहला निवासियोंं द्वारा जोरदार विरोध किया जा रहा है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि चौमहला में गेट नंबर 32 की जगह लोगों ने अंडर ब्रिज की मांग की थी। ताकि बार-बार गेट बंद होने से होने वाली परेशानी से लोगों को मुक्ति मिल सके। कई लोगों ने इसकी शिकायत प्रधानमंत्री से भी की थी। पोर्टल के माध्यम से भेजी गई यह शिकायत बाद बाद में प्रधानमंत्री कार्यालय से पश्चिम-मध्य रेलवे भेजी गई। इसके बाद जीएम ने कोटा मंडल अधिकारियों से अंडर ब्रिज बनाने की संभावना तलाशने को कहा था। इसके बाद कोटा मंडल अधिकारियों ने मौका मुआयना यहां पर अंडर ब्रिज बनाने से साफ मना कर दिया।
अधिकारियों की रिपोर्ट के बाद जीएम ने प्रधानमंत्री कार्यालय भेजे अपने जवाब में बताया कि चौमहला स्टेशन स्थित यार्ड मे फाटक संख्या 32 के बदले ऊपरी पुल (आरओबी) का कार्य स्वीकृत है। इसके अलावा छोटे वाहनो के निकलने के लिए एक अण्डर पास का निर्माण भी किया जाना है। स्थानीय निवासियों की मांग पर गहनता से अध्ययन करने पर ज्ञात हुआ है कि यह गेट नंबर 32 मुख्य बाजार से निकलने वाली सडक पर स्थित है। इसके चलते अंडर ब्रिज निर्माण के लिए जरुरी पहुंच मार्ग बनाने के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध नही है। इसके अलावा यहां बनने वाले ब्रिज से बारिश का पानी निकालने की व्यवस्था करना भी तकनीकि रूप से सभंव नही है। जीएम ने अपने जवाब में कहा था कि यदि इस स्थान पर अण्डरपास बनाया जाता है तो उसमे बारिश का पानी भरने की पूरी सभांवना है। इसके अलावा पहुंच मार्ग बनाने के लिए वर्तमान सडक को करीब 2.5 मीटर गहराई तक खोदना होगा। जिससे निर्माण कार्य के दौरान आस-पास के भवनों के नुकसान होने की भी संभावना है। साथ ही पहुंच मार्ग का निर्माण करने के बाद आस-पास की दुकानों तक आने जाने के लिए पर्याप्त जगह भी उपलब्ध नहीं रहेगी। ऐसी स्थिति में समपार फाटक संख्या 32 पर अण्डरपास का निर्माण करना तकनीकि रूप से सही नहीं है।
इसके बाद भी बनाया ब्रिज
उल्लेखनीय है कि जीएम के इस जवाब के बाद भी कोटा मंडल अधिकारियों ने ठीक उसी जगह पर अंडर ब्रिज बना दिया। जब कि जीएम ने यह जवाब कोटा मंडल अधिकारियों के मौके पर पुल नहीं बनने की रिपोर्ट के बाद ही दिया था। ऐसे मेें अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट के विरुद्ध यहां पर पुल का निर्माण करा दिया। इसके लिए अधिकारियों को अब यहां लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। लोगों के विरोध के चलते विछले कई दिनों से यहां काम भी बंद हैं। ठेकेदार द्वारा भी यहां से अपनी मशीनें हटा ली हैं। ठेकेदार द्वारा इसका कारण समय पर बिलों का भुगतान नहीं होना बताया जा रहा है। पुल का काम अटकने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
अधिकारियों ने नहीं दिया जवाब
मामले की जानकारी के लिए वरिष्ठ मंडल वाण्ज्यि प्रबंधक रोहित मालवीय को फोन किया गया था। लेकिन हमेशा की तरह मालवीय ने फोन उठाना जरुरी नहीं समझा।