Indian Railways: बूंदी रेल खंड में खुली ओएचई की पोल, खंबा हुआ टेड़ा, रेववे गिट्टी से भरा गढ्डा, वीडियो वायरल, प्रधानमंत्री को की जा चुकी है शिकायत
Rail News: कोटा-बूंदी-चित्तोडग़ढ रेल खंड में ट्रेन संचालन के लिए लगे बिजली के तारों (ओएचई) के कामों की पोल खुलने लगी है। घटिया काम के चलते यहां पर ओएचई का एक खंबे का फाउंडेशन हिल गया। इसके चलते खंबा भी थोड़ा टेड़ा हो गया। साथ ही इसके सपोर्ट में लगा फाउंडेशन तो पूरी तरह उखड़ गया। सूचना पर आनन-फानन में इस खंबे को ठीक किया गया। साथ ही सपोर्ट के लिए दूसरा फाउंडेशन खोदा गया। इस फाउंडेशन में भी रेलवे की पटरी किनारे पड़ी रेलवे की गिटिटयां भर दीं।
ठेकेदार के कर्मचारियों द्वारा रेलवे की गिटिटयां भरने का एक वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है।
24 जनवरी की है घटना
सूत्रों ने बताया कि यह घटना 24 जनवरी को पारसोली और बस्सी बेरीसाल के बीच की है। फाउंडेशन हिलने से हाई टेंशन लाइन भी डिस्टर्ब हो गई। सूचना मिलते ही अधिकारियों ने इस रेल खंड पर ट्रेनों का संचालन रुकवाया। इसके बाद मांडलगढ़ से एक टावर वैगन मौके पर भेज कर तारों की मरम्मत करवाई गई। साध ही खंबे के सहारे के लिए दूसरा खढ्डा खोदा गया। इस गढ्डे में ठेकेदार ने रेलवे की गिट्टियां भर दी। इस घटना के चलते
मौके से ट्रेनों को 30 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से निकाला गया।
बड़ी दुर्घटना टली
गनिमत रही की घटना के समय मौके से कोई ट्रेन नहीं गुजर रही थी। अन्यथा बड़ी घटना हो सकती थी। झुके हुए तार इंजन के पेंटोग्राफ में उलझ सकते थे। इसके चलते तार खिंचने से कई और खंबे क्षतिग्रस्त हो सकते थे।
गिर सकते हैं कई खंबे
सूत्रों ने बताया कि बूंदी से चंदेरिया तक 152 किलोमीटर रेल खंड में करीब 1500 खंभे गाड़े गए हैं। इनमें से कई खभों की फाउंडेशन की गुणवत्ता ठीक नहीं है। इसके चलते निकट भविष्य में कई खंबे गिर सकते हैं। कई खंभों के सीमेंट कंक्रीट में दरारें आ चुकी हैं। हांलाकी लीपा पोती कर इन दरारों को भरने की कोशिश भी की गई है।
प्रधानमंत्री को की जा चुकी है शिकायत
उल्लेखनीय है कि करीब सवा दो साल पहले प्रधानमंत्री को इस काम के घटिया होने की शिकायत की गई थी। इस शिकायत के बाद केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन मुख्यालय प्रयागराज ने बंदी रेल खंड में इस काम की जांच भी की थी। साथ ही कोटा रेल मंडल ने भी मामले की जांच करवाई थी। आरपीएफ ने भी मामले की जांच की थी। लेकिन इस जांच का नतीजा अभी तक सामने नहीं आया है और न ही किसी को जिम्मेदार ठहरने की जानकारी सामने आई है। प्रधानमंत्री से पहले कोटा मंडल रेल कार्यालय, पश्चिम-मध्य रेलवे जबलपुर मुख्यालय, उत्तर-पश्चिम रेलवे जयपुर तथा विजिलेंस तक को मामले की शिकायत की गई थी। लेकिन कहीं से भी # कोई कार्यवाही सामने नहीं आई।
2021 में पूरा हुआ है काम
उल्लेखनीय है कि बूंदी-चित्तोडग़ढ रेल खंड के ओएचई का काम 2021 में ही पूरा हुआ है और अभी से काम की पोल खुलने लगी है।