Indian Railways: रेलवे मजिस्ट्रेट कार्यवाही बेअसर: नहीं रुका अवैध पानी का कारोबार
Indian Railways: रेलवे मजिस्ट्रेट कार्यवाही बेअसर: नहीं रुका अवैध पानी का कारोबार

Indian Railways: रेलवे मजिस्ट्रेट कार्यवाही बेअसर: नहीं रुका अवैध पानी का कारोबार

Indian Railways: रेलवे मजिस्ट्रेट कार्यवाही बेअसर: नहीं रुका अवैध पानी का कारोबार

Rail News:  रेलवे मजिस्ट्रेट और डीसीएम की कार्यवाही के बाद भी कोटा मंडल में पानी का अवैध कारोबार लगातार जारी है। मंडल के कई स्टेशनों से घटिया लोकल ब्रांड (अनअप्रूव्ड) पानी की बोतलें जिम्मेदारों की मौजूदगी में ट्रेनों में खुले आम चढ़ाई जा रही हैं। ताजा मामला श्रीमाहावीर जी स्टेशन का सामने आया है। यहां से बड़ी संख्या में नकली पानी की बोतलें ट्रेनों में चढ़ाई जा रही है। पहले इन बोतलों को बयाना स्टेशन से ट्रेनों से चढ़ाया जा रहा था। पिछले दिनों बयाना स्टेशन का मामला सामने आने के बाद अब अवैध वेंडर श्री महावीरजी स्टेशन से इन बोतलों को चढ़ाने में लगे हैं।
उल्लेखनीय है कि 6 अप्रेल को रेलवे मजिस्ट्रेट ने एक कार्यवाही करते हुए मुंबई-बरौनी अवध ट्रेन की पेंट्रीकार से अमानक पानी की 684 बोतलें जप्त की थीं। इन बोतलों को कोटा में उतारा गया था। मामले में आरपीएफ ने पेंट्रीकार मैनेजर को भी गिरफ्तार किया था। इसके बाद मंडल वाणिज्य प्रबंधक (डीसीएम ) किशोर पटेल ने भी 15 अप्रेल को कार्यवाही करते हुए अप एंड डाउन अवध एक्सप्रेस तथा बांद्रा-गाजीपुर ट्रेन से लोकर ब्रांड पानी की 920 बोतलें जप्त की थीं। बाद में बोतलों को कोटा, सवाईमाधोपुर और गंगापुर स्टशनों पर उतारा गया था।
रोजाना सवा दो लाख का कारोबार
पूरे कोटा मंडल में रेलवे की ओर से अप्रूव्ड करीब 15 हजार ‘रेल नीर’ पानी की बोतलें बिकती हैं। और माना जाता है कि करीब इतनी ही बोतलों का अवैध कारोबार भी है। एक बोतल 15 रुपए के हिसाब से रोजाना करीब सवा दो लाख का अवैध पानी बिकता है। यह राशि तब है जब बोतल 15 रुपए में बेची जाए, लेकिन अधिकतर बोतलों के 20 रुपए वसूले जाते हैं इसके चलते यह आंकड़ा और ज्यादा होता है।
रेल नीर बेचना अनिवार्य
उल्लेखनीय है कि रेलवे ने कोटा, सवाईमाधोपुर और बयाना आदि स्टेशनों पर केवल रेल नीर बेचना अनिवार्य कर रखा है। इन स्टेशनों पर ट्रेनों में भी रेलनीर चढ़ाना जरुरी है। इसके अलावा अन्य स्टेशनों पर रेल नीर के साथ रेलवे द्वारा अप्रूव्ड पानी ही बेचा जा सकता है। लेकिन कई स्टेशनों पर इन नियमों की धज्जियां उड़ते सरे आम देखा जा सकता है। आए दिन यात्रियों की शिकायतें प्राप्त होती हैं। लेकिन इसके बाद भी इस समस्या का ठोस समाधान आज तक नहीं हुआ। रेलनीर का काम भरतीय रेलवे पर्यटन और खानपान इकाई (आईआरसीटीसी) द्वारा देखा जाता है। इसके चलते कोटा मंडल द्वारा इसके लिए आईआरसीटीसी को जिम्मेदार ठहराया जाता है।
गर्मी में बढ़ जाता है कारोबार
वैसे तो यह अवैध धंधा साल भर चलता है। लेकिन गर्मी में यह गई गुना बढ़ जाता है। इसलिए कई स्टेशनों और ट्रेनों में रेल नीर के अलावा दूसरे ब्रांड की पानी की बोतले भी बेचते हैं। इस अवैध धंधे को रोकने के लिए रेलवे के पास हर महिने लाखों रुपए वेतन लेने वाला प्रर्याप्त स्टॉफ भी मौजूद है। इन कर्मचारियों की ड्यूटि भी लगाई जाती है। स्टेशन पर अनधिकृत लोगों के प्रवेश रोकने के लिए भी कर्मचारी तैनात रहते हैं। लेकिन इसके बाद भी बड़ी संख्या में नकली पानी की बोतलें बिना किसी रोक टोक के आराम से स्टेशन पर पहुंचती हैं। जाहिरहै जिम्मेदारों की मिली भगत के चलते यह गोरखधंधा लगभग हर ट्रेन लंबे समय से चल रहा है। आए दिन इसके मामले भी सामने आते हैं। लेकिन कभी कोई ठोस कार्यवाही की बात सामने नहीं आती।
वसूल रहे अधिक किमत
यात्रियों ने बताया कि इस नकली पानी भी वेंडर मनमानी किमत वसूल रहे हैं। 15 वाली बोतल 20-20 रुपए में बेची जा रही है। रविवार को कोटा में ऐसे ही मामला सामने आया है। एक ट्रॉली वाले ने पानी की बोतल के 20-20 रुपए वसूले। मामले की शिकायत कोटा मंडल रेल प्रशासन से भी गई, लेकिन सच्चाई जानने के लिए औचक जांच की जगह अधिकारी यात्री का ही मोबाइल नंबर मांगने लगे।
सवाईमाधोपुर में अवैध करोबार बंद, खबर का असर
सवाईमाधोपुर में अवैध रुप से ट्रेनों में चढ़ाई जा रही खाद्य सामग्री पर फिलहाल रोक लग गई है। खाने के बाद यहां से अब कोल्ड ड्रिंक आदि भी चढऩा बंद हो गया है। हालांकि यहां पर बिना परमिशन के अवैध रुप से लस्सी बेचने का काम मामला सामने आने के बाद भी जारी है। इसके अलावा यहां 10 रुपए कीमत की चाय भी 20 में बेची जा रही है। जब कि स्टॉल पर 10 रुपए लिख रखा है। उल्लेखनीय है कि जी न्यूज़ पोर्टल में सवाईमाधोपुर का यह मामला रविवार को ही प्रमुखता से उठाया गया था। मामला सामने आते ही फिलहाल यह अवैध कारोबार रुक गया है।