10 लाख रुपए बिजली के तार चोरी का खुलासा, एक गिरफ्तार – रेलवे

10 लाख रुपए बिजली के तार चोरी का खुलासा, एक गिरफ्तार
कोटा।  रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने 10 लाख रुपए बिजली के तार (ओएचई) चोरी का खुलासा कर दिया है। घटना के ढाई महीने बाद मामले में आरपीएफ ने एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया है। आरोपी को शनिवार को कोटा अदालत में पेश किया गया। अदालत ने आरोपी को 16 जुलाई तक रिमांड पर भेजा है।
सूत्रों ने बताया कि आरोपी का नाम हमीद उर्फ बंटी (35) है। यह भोपाल का रहने वाला है। इसे शुक्रवार शाम भोपाल से गिरफ्तार किया गया था। चोरी की इस घटना में आधा दर्जन से अधिक लोग शामिल थे। आरपीएफ द्वारा सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। चोरी के बाद आरोपियों माल को कबाड़ी को बेच दिया था। हमीद की निशानदेही पर आरपीएफ माल बरामदगी में भी जुटी हुई है। सूत्रों ने बताया कि आरोपी पहले भी कई बार ऐसी वारदातें कर चुके हैं। दो मामलों में आरोपी गिरफ्तार भी हुए हैं।
रस्से की मदद से काटते हैं तार
सूत्रों ने बताया कि आरोपी रस्से की मदद से बिजली के तार काटते हैं। कटर फंसा कर आरोपी रस्से को बिजली के तारों पर फेंकते हैं। फिर इस कटर से बिजली के तार काट देते हैं। तार करते ही करंट बंद हो जाता है इसके बाद आरोपी आराम से कई अन्य जगहों से बिजली के तारों को काट कर ले जाते हैं।
सूत्रों ने बताया कि आरोपी हमेशा नई लाइन को अपना निशाना बनाते हैं। चोरी से पहले आरोपी मौके की रेकी भी करते हैं। इस घटना से पहले भी आरोपियों ने मौके की रेकी की थी।
नए मोबाइल नंबर लेते हैं काम
सूत्रों ने बताया कि आरोपी घटना से पहले नए फोन नंबरों का इस्तेमाल करते हैं। यह नंबर व दो-तीन बार बात करने के बाद बंद कर देते हैं। घटना से पहले आरोपी दूर कहीं ढाबे पर अपने फोर व्हीलर वाहन को खड़ा कर देते हैं। चोरी के बाद वाहन को मौके पर बुलाने के लिए नए नंबर का इस्तेमाल करते हैं। वाहन चालक और गैंग के मुखिया के पास यह नंबर होता है। कॉल रिकॉर्डिंग से बचने के लिए आरोपी व्हाट्सएप कॉल का इस्तेमाल करते हैं। बाकी के अन्य मोबाइल आरोपी चोरी चोरी की घटना के 4 घंटे पहले बंद कर देते हैं।
सूत्रों ने बताया कि आरोपी 2017 में भोपाल में और गंजबासौदा में तार चोरी के मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं
तांबे के हैं तार
अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन संचालन के लिए लगे बिजली के यह तार तांबे के हैं। इनकी कीमत अधिक होने के कारण चोरों द्वारा उन्हें बार-बार काटने का प्रयास किया जाता है। इन तारों में 25000 वोल्ट का करंट रहता है। इसके बाद भी चोर तारों को काटने से नहीं चूकते हैं।
यह है मामला
उल्लेखनीय है कि रामगंजमंडी- भोपाल नई झालरापाटन और जूनाखेड़ी स्टेशनों के बीच करीब एक किलोमीटर क्षेत्र से चोर 22 अप्रैल की रात को ट्रेन संचालन के लिए लगे बिजली के तारों (ओएचई) को चोर ले गए थे। इसके बाद भी चोरों ने 28 अप्रैल को यहीं पर फिर से चोरी का प्रयास किया था। लेकिन आरपीएफ के तुरंत हरकत में आने के कारण चोर असफल रहे।
यह चोरी कितनी बड़ी है इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि घटना के तीसरे दिन पश्चिम-मध्य रेलवे के प्रमुख मुख्य सुरक्षा आयुक्त (आईजी) प्रदीप कुमार गुप्ता ने रामगंजमंडी पहुंचकर खुद मौका मुआयना किया था।
आरपीएफ ने बनाया था प्रतिष्ठा का प्रश्न
आरपीएफ ने चोरी की इस घटना को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया था। इसका कारण था कि तार चोरी की कीमत से आरपीएफ पिछले ढाई महीनों में करीब दो गुना यात्रा भत्ता उठा चुकी हैं। इसके चलते आरपीएफ की किरकिरी हो रही थी।
आरोपियों की तलाश में कोटा सहित भोपाल और जबलपुर की खुफियां एवं क्राइम ब्रांच भी जुटी हुई थी।
चोरों की तलाश में आरपीएफ ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी थी। पांच निरीक्षक, छह उप निरीक्षक तथा 2 सहायक उप निरीक्षक सहित करीब 40 जवान चोरों को पकड़ने में जुटे हुए थी। इनमें से 20 जवान मौके पर बाकी तारों की सुरक्षा में अभी भी लगे हुए हैं।