वैज्ञानिकों ने इंसानों के फेफड़े जैसी गति करने वाला नया और सस्ता 3डी रोबोटिक मोशन फैंटम विकसित किया; इससे कैंसर के मरीजों में केंद्रित रेडिएशन देने में सहायता मिलेगी

वैज्ञानिकों ने इंसानों के फेफड़े जैसी गति करने वाला नया और सस्ता 3डी रोबोटिक मोशन फैंटम विकसित किया; इससे कैंसर के मरीजों में केंद्रित रेडिएशन देने में सहायता मिलेगी

  • फिलहाल परीक्षण के अंतिम चरण में, उपकरण ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अनुसार
  • वैज्ञानिकों के एक समूह द्वारा स्वेदशी स्तर पर विकसित;3डी प्लेटफॉर्म की लागत काफी कम

 

भारत में डॉक्टरों को जल्द ही कैंसर के मरीज के पेट के ऊपरी हिस्से या वक्ष क्षेत्र में रेडिएशन में मदद करने के लिए फेफड़ों की गति की नकल की सुविधा मिल जाएगी।

पेट के ऊपरी हिस्से या वक्ष क्षेत्रों से जुड़े कैंसर ट्यूमर पर केंद्रित रेडिएशन की डोज देने में श्वास की गति एक बाधा है। इस गति से कैंसर के उपचार के दौरान रेडिएशन में ट्यूमर से ज्यादा बड़े क्षेत्र पर असर पड़ता है, जिससे ट्यूमर के आसपास के ऊतक प्रभावित होते हैं। किसी भीमरीज के फेफड़ों की गति पर नजर रखकर मरीज के लिये केंद्रित रेडिएशन को उसके मुताबिक किया जा सकता है जिसके बाद रेडियेशन देने से वहन्यूनतम खुराक के साथ प्रभावी हो सकता है। एक मानव पर ऐसा करने से पहले, एक रोबोट फैंटम पर इसकी जांच किए जाने की जरूरत है।

हाल में तकनीक विकास के चलते गेटिंग और ट्रैकिंग जैसी अत्याधुनिक गति प्रबंधन तकनीक सामने आई हैं। भले ही श्वसन संबंधी गतिशील लक्ष्यों के रेडिएशन उपचार में निरंतर विकास हुआ है, लेकिन इसके समानांतर गुणवत्ता आश्वासन (क्यूए) टूल विकसित नहीं हुए हैं। श्वसन संबंधी गति प्रबंधन तकनीकों की उपचार प्रक्रिया में एक विशेष प्रकार की सटीकता के उद्देश्य से मरीज के एक अंग में अवशोषित खुराक की मात्रा के निर्धारण के लिए अतिरिक्त श्वसन संबंधी गतिशील फैंटम की जरूरत होती है।

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भारतीय वैज्ञानिकों के एक समूह ने एक नवीन और सस्ती 3डी रोबोटिक मोशन फैंटम का विकास किया है, जो श्वास लेने के दौरान एक मानव के फेफड़ेजैसी गति पैदा कर सकते हैं। फैंटम एक ऐसे प्लेटफॉर्म का हिस्सा है, जो न सिर्फ एक मरीज के श्वास लेने के दौरान मानव फेफड़े जैसी गति पैदा करता है, बल्कि यह जांच करने के लिए भी उसका इस्तेमाल किया जा सकता है कि क्या रेडिएशन का एक गतिशील लक्ष्य पर सही प्रकार से केंद्रित उपयोग हो रहा है। फैंटम को इंसान की जगह सीटी स्कैनर के अंदर बेड पर रखा जाता है और यह उपचार के दौरान रेडिएशन के समय मानव फेफड़े की तरह गति करता है। इर्रेडिएशन के दौरान, मरीज और कर्मचारियों पर न्यूनतम असर के साथ निरंतर उन्नत 4डी रेडिएशन थेरेपी उपचारों की उच्च गुणवत्ता वाली छवियां प्राप्त होती हैं। एक मानव पर लक्षित रेडिएशन से पहले, फैंटम के साथ सिर्फ ट्यूमर पर केंद्रित इसके प्रभाव की जांच की जाती है।

आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर आशीष दत्ता ने संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (एसपीजीआईएमएस), लखनऊ के प्रोफेसर के. जे. मारिया दास के साथ मिलकर रेडिएशन थेरेपी में श्वसन संबंधी गतिशील प्रबंधन तकनीकों की गुणवत्ता आश्वासन के लिए प्रोग्राम करने योग्य रोबोटिक मोशन प्लेटफॉर्म विकसित किया है।

फैंटम का बड़ा भाग एक गतिशील प्लेटफॉर्म है, जिस पर कोई भी डोसिमिट्रिक या तस्वीर की गुणवत्ता सुनिश्चित करने वाली डिवाइस लगाई जा सकती है और प्लेटफॉर्म तीन स्वतंत्र स्टेपर मोटर प्रणालियों के इस्तेमाल से 3डी ट्यूमर मोशन की नकल कर सकता है। यह प्लेटफॉर्म एक बेडपर रखा जाता है, जहां मरीज रेडिएशन थेरेपी के दौरान लेटता है। एक फैंटम जैसे ही फेफड़ों की गति की नकल करता है, वैसे ही रेडिएशन मशीन से रेडिएशन को गतिशील ट्यूमर पर केंद्रित करने के लिए एक गतिशील या गेटिंग विंडो का इस्तेमाल किया जाता है। फैंटम में लगे डिटेक्टर्स से यह पता लगाने में मदद मिलती है कि ट्यूमर पर रेडिएशन कहां किया गया है।

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उपचार के दौरान डोज के प्रभाव की जांच की जाती है। शोधकर्ता एक फैंटम पर प्रणाली की जांच की प्रक्रिया का काम कर रहे हैं। इसके पूरा होने के बाद, वे मानव पर इसकी जांच करेंगे।

इस प्रकार के रोबोटिक फैंटम के निर्माण का काम भारत में पहली बार हुआ है और बाजार में उपलब्ध अन्य आयातित उत्पादों की तुलना में यह ज्यादा किफायती है, क्योंकि फेफड़ों की विभिन्न प्रकार की गति पैदा करने के लिए इस प्रोग्राम को लागू किया जा सकता है।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार के उन्नत तकनीक निर्माण कार्यक्रम की सहायता से विकसित और ‘मेक इन इंडिया’ पहल के साथ जुड़ी यह तकनीक वर्तमान में एसजीपीजीआईएमएस, लखनऊ में अंतिम दौर के परीक्षण से गुजर रही है।

इनोवेटर इस उत्पाद के व्यवसायीकरण की कोशिश कर रहे हैं, जिसे विदेशी मॉडल के स्थान पर इस्तेमाल किया जा सकता है। विदेशी मॉडल खासा महंगा होने के साथ ही इसके सॉफ्टवेयर पर नियंत्रण भी हासिल नहीं होता है।

 

Text Box: An artificial lung with a tumor inside or a set of radiation detectors will be placed on this table and it will be moved to emulate human lung tumor motion while it is being irradiated. https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0036XO4.jpg

चित्र 13 अक्षीय एक्स-वाई-जेड प्लेटफॉर्म जो मानव श्वास के दौरान फेफड़े के ट्यूमर की गति की नकल करते प्लेटफॉर्म में बदलाव कर सकता है

 

 

 

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चित्र 2. मानव फेफड़े जैसी गति पैदा करने के लिए रोबोटिक फैंटम को गतिशील बनाने के लिए प्रोग्राम किया गया सॉफ्टवेयर।