तेज बारिश से इंद्रगढ़-आमली के बीच बही गिट्टियां, तीन जगह हुई घटना, दिनभर रुक-रुक के चली गाडियां

तेज बारिश से इंद्रगढ़-आमली के बीच बही गिट्टियां, तीन जगह हुई घटना, दिनभर रुक-रुक के चली गाडियां
कोटा।  कोटा रेल मंडल के इंदरगढ़ और आमली स्टेशन के बीच सोमवार को जमकर बारिश हुई। पानी के तेज बहाव में तीन जगह रेल पटरियों के नीचे से गिट्टी और मिट्टी बह गई। इसके चलते दिनभर रेल यातायात रुक-रुक के चला। मौके पर ट्रेनें घंटों खड़ी रहीं।
सूत्रों ने बताया कि आमली और इंदरगढ़ स्टेशन के आसपास रविवार रात से ही लगातार बारिश हो रही थी। सुबह करीब 6 बजे से बारिश और तेज हो गई। बारिश के पानी से इंदरगढ़ और आमली स्टेशन के आसपास रेल पटरियां लगभग पूरी तरह पानी में डूब गईं। पानी के तेज बहाव में एक आमली स्टेशन के पास और दो जगह आमली-इंद्रगढ़ के बीच अपलाइन के नीचे से गिट्टी और मिट्टी बह गई। डाउनलाइन अपेक्षाकृत सुरक्षित रही।
तेज बारिश से इंद्रगढ़-आमली के बीच बही गिट्टियां तीन जगह हुई घटना दिनभर रुक-रुक के चली गाडियां
मौके पर खड़ी हुई श्रीगंगानगर
गिट्टी और मिट्टी बहन से रेल पटरी हवा में झूल गई। तभी सबह करीब 8 बजे मौके पर श्रीगंगानगर और कोटा ट्रेन पहुंच गई। लेकिन आगे खतरा महसूस होने पर चालक ने सूझबूझ दिखाते हुए ट्रेन को मौके पर ही खड़ा कर लिया। अगर ट्रेन आगे बढ़ती तो इस के वजन में रेल पटरी और नीचे बैठ सकती थी। इससे ट्रेन के पटरी से उतरने का खतरा था।
इसी समय डाउन लाइन से गुजरी मुंबई-जयपुर सुपरफास्ट के चालक ने आमली स्टेशन मास्टर को श्रीगंगानगर ट्रेन के रास्ते में खड़े होने की जानकारी दी। स्टेशन मास्टर ने मामले से रेल पथ इंजीनियर को अवगत कराया। चालक द्वारा भी कोटा कंट्रोल को सूचना दी गई। इसके बाद मौके पर पहुंचे इंजीनियर ने रेल पटरियों की मरम्मत का काम शुरू कराया। करीब सवा घंटे बाद बहुत धीमी रफ्तार से श्रीगंगानगर ट्रेन को निकाला गया। इसके बाद फिर से पटरियों की मरम्मत का काम शुरू किया। ट्रैक्टर ट्रॉली में भरकर मौके पर पत्थर और गिट्टियां मंगवाई गई।
पटरियों का मरम्मत काम दिनभर चला। इसके चलते अमृतसर मुंबई स्वर्ण मंदिर मेल 2 घंटे मौके पर खड़ा रहा। देहरादून-कोटा नंदा देवी और पटना कोटा ट्रेन भी रास्ते में अटकी रही। निजामुद्दीन-कोटा जनशताब्दी एक्सप्रेस घंटों देरी से कोटा पहुंची। इसके अलावा अन्य कई ट्रेनें भी रुक रुक कर चलीं।
कंट्रोल रूम में जमे अधिकारी
इस घटना के चलते अधिकारी कोटा कंट्रोल रूम में जमें रहे। अधिकारी ट्रैक मरम्मत ट्रेन संचालन के जरूरी निर्देश देते रहे। कोटा से मौके पर भी अधिकारी भेजे गए।