तेजस के रेक साथ दौड़ी राजधानी, यात्रियों के मिला नया अनुभव

तेजस के रेक साथ दौड़ी राजधानी, यात्रियों के मिला नया अनुभव
कोटा। . रेलवे ने मुंबई-दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस (02951-52) को तेजस के रेक में परिवर्तित किया है। सोमवार को राजधानी एक्सप्रेस मुंबई से पहली बार तेजस के रेक साथ दौड़ी। मंगलवार को यह दिल्ली से चलेगी। तेजस के रेक के साथ यात्रियों ने सफर के नए अनुभव हासिल किए। यात्रियों ने तेजस रेक की नई सुविधाओं का लाभ उठाया।
पश्चिम-मध्य रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी राहुल जयपुरिया ने बताया कि रेलवे की सबसे प्रतिष्ठित और प्रीमियम ट्रेनों में से एक राजधानी स्पेशल एक्सप्रेस के मौजूदा रेक को नए तेजस टाइप के स्लीपर कोच के साथ बदला गया है। ऐसे दो तेजस टाइप स्लीपर कोच रैक राजधानी एक्सप्रेस के रूप में चलाने के लिए तैयार किए गए हैं। इन दो रैकों में से एक रैक में विशेष तेजस स्मार्ट स्लीपर कोच शामिल हैं, जो भारतीय रेलवे पर शुरू होने वाला अपनी तरह का पहला कोच है। जिसमें यात्री सुरक्षा, आरामदायक विशेष स्मार्ट फीचर्स हैं । स्मार्ट कोच का उद्देश्य इंटेलिजेंट सेंसर-आधारित सिस्टम की मदद से यात्रियों को विश्व स्तरीय सुविधाऍं प्रदान करना है। यह जीएसएम नेटवर्क कनेक्टिविटी के साथ प्रदान की गई यात्री सूचना और कोच कम्प्यूटिंग यूनिट (पीआईसीसीयू) से लैस है, जो रिमोट सर्वर को रिपोर्ट करता है। पीआईसीसीयू डब्ल्यूएसपी, सीसीटीवी रिकॉर्डिंग, टॉयलेट गंध सेंसर, पैनिक स्विच और आग का पता लगाने और अलार्म सिस्टम के साथ एकीकृत अन्य वस्तुओं, वायु गुणवत्ता और चोक फिल्टर सेंसर और ऊर्जा मीटर का डेटा रिकॉर्ड करेगा।
यात्रियों को मिलेगी सूचना
यात्रियों को सूचना के लिए ट्रेन में उद्घोषणा प्रणाली लगाई गई है। प्रत्येक कोच के अंदर लगी दो एलसीडी पर अगला स्टेशन, शेष दूरी, आगमन का अपेक्षित समय, देरी और सुरक्षा सम्बंधी संदेश प्रदर्शित होते हैं ।
इसके अलावा टाइप एलईडी डिजिटल डेस्टिनेशन बोर्ड प्रत्येक कोच पर प्रदर्शित डेटा को दो पंक्तियों में विभाजित करके स्थापित किया गया है। पहली पंक्ति ट्रेन संख्या और कोच प्रकार प्रदर्शित करती है जबकि दूसरी पंक्ति गंतव्य और मध्यवर्ती स्टेशन के स्क्रॉलिंग टेक्स्ट को कई भाषाओं में प्रदर्शित करती है।
हर कोच में कैमरे
यात्रियों की सुरक्षा के लिए प्रत्येक कोच में छह कैमरे लगे हैं, जो लाइव रिकॉर्डिंग करते हैं। दिन-रात दृष्टि क्षमता वाले सीसीटीवी कैमरे, कम रोशनी की स्थिति में भी चेहरे की पहचान, नेटवर्क वीडियो रिकॉर्डर लगाए गए हैं।
इसके अलावा सभी मुख्य प्रवेश द्वार गार्ड द्वारा केंद्रीकृत नियंत्रित हैं। जब तक सभी दरवाजे बंद नहीं हो जाते तब तक ट्रेन शुरू नहीं होती है।
साथ ही सभी कोचों में ऑटोमैटिक फायर अलार्म और डिटेक्शन सिस्टम लगाए गए हैं। पेंट्री और पावर कारों में आग लगने का पता चलने पर स्वचालित अग्नि शमन प्रणाली कार्य शुरू कर देती है।.आपातकालीन चिकित्सा या सुरक्षा जैसी आपात स्थिति में टॉक बैक पर बात की जा सकती है।
एंटी-ग्रैफिटी कोटिंग, जेल कोटेड शेल्फ, नए डिजाइन का डस्टबिन, डोर लैच एक्टिवेटेड लाइट, एंगेजमेंट डिस्प्ले के साथ लगाए गए हैं।
शौचालय ऑक्यूपेंसी सेंसर
लहुल ने बताया कि प्रत्येक कोच के अंदर शौचालय ऑक्यूपेंसी को स्वचालित रूप से प्रदर्शित किया जाता है। इसके अलावा किसी भी आपात स्थिति के लिए इस बटन को प्रत्येक शौचालय में लगाया गया है।
साथ ही प्रत्येक कोच में दो टॉयलेट एनुसिएशन सेंसर इंटीग्रेशन लगे हैं, जो उपयोग के समय ‘शौचालयों में क्या करें और क्या न करें’ की घोषणा को प्रसारित करेंगे।
बायो-वैक्यूम शौचालय प्रणाली: बेहतर फ्लशिंग के कारण शौचालय में बेहतर स्वच्छता की स्थिति प्रदान करता है और प्रति फ्लश पानी भी बचाता है।
एयर सस्पेंशन बोगियां
इन कोचों के यात्री आराम और सवारी की गुणवत्ता में सुधार के लिए बोगियों में एयर स्प्रिंग सस्पेंशन लगाया गया है। संरक्षा में सुधार के लिए बेयरिंग, व्हील के लिए ऑन बोर्ड कंडीशन मॉनिटरिंग सिस्टम है।
साथ ही एयर कंडीशनिंग सिस्टम के लिए वायु गुणवत्ता माप, वास्तविक समय के आधार पर पानी की उपलब्धता को इंगित करने के लिए जल स्तर सेंसर तथाबनावट वाली बाहरी पीवीसी फिल्म लगाई गई है ‌।
बेहतर इंटीरियर
आग प्रतिरोधी सिलिकॉन फोम वाली सीटें और बर्थ यात्रियों को बेहतर आराम और सुरक्षा प्रदान करते हैं।
इसके अलावा खिड़की पर रोलर ब्लाइंड.पर्दों के बजाय आसान सैनिटाइजेशन के लिए रोलर ब्लाइंड्स दिए गए हैं। मोबाइल चार्जिंग पॉइंट प्रत्येक यात्री के लिए प्रदान किया गया है। बर्थ रीडिंग लाइट प्रत्येक यात्री के लिए प्रदान किया गया है।
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