ऊपर चल रही थी चैन माउंटिंग मशीन, नीचे ट्रैकमेन कर रहे थे काम, घटना के 2 महीने बाद वीडियो आया सामने, मिट्टी दरकने से वसीम की मौत का मामला
कोटा। न्यूज़. ट्रैकमेंटेनर वसीम खान की मिट्टी में दबने से हुई मौत के मामले में 2 महीने बाद बड़ा खुलासा हुआ है। सूत्रों ने बताया कि ऊपर चैन माउंटेन मशीन चलवाई जा रही थी और नीचे ट्रैकमेंटेनरों से काम कराया जा रहा था।
इस मौके पर अधिकारी भी मौजूद थे। लेकिन किसी ने भी ऊपर से मशीन को हटाना जरूरी नहीं समझा। ट्रैकमेंटेनर मिट्टी दरकने का एक कारण इस मशीन को भी मान रहे हैं। इसी मिट्टी में दबकर वसीम की मौत हुई थी। ऊपर मशीन चलने का एक वीडियो भी सामने आया है। इस मशीन द्वारा भी मिट्टी को सही करने का प्रयास किया जा रहा था।
आनन-फानन में हटाई मशीन
सूत्रों ने बताया कि इस घटना के बाद होश में आए अधिकारियों ने आनन-फानन में ऊपर से मशीन को हटाया। अगर समय रहते इसे हटाया नहीं जाता तो संभव है मिट्टी के साथ मशीन भी नीचे गिर जाती। ऐसे में यहां होने वाली जनहानि का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। दर्जनों ट्रैकमेन इस मशीन के नीचे दबकर हाताहत हो सकते थे।
जांच रिपोर्ट में नहीं जिक्र
सूत्रों ने बताया कि इतना बड़ा मामला हो गया। अधिकारियों की लापरवाही के चलते एक ट्रैकमैन की मौत हो गई। लेकिन इसके बाद भी जांच रिपोर्ट में मशीन चलने का कहीं भी जिक्र नहीं है। जबकि वायरल वीडियो में यह मशीन ऊपर साफ चलती नजर आ रही है। सूत्रों ने बताया कि घटना के बाद यह मशीन ऊपर से अचानक गायब हो गई।
ऐसे में साफ समझा जा सकता है कि अधिकारियों को बचाने के लिए जांच रिपोर्ट में लीपापोती की गई है।
यही कारण है कि मामले के 2 महीने बाद भी किसी अधिकारी को दोषी ठहराने की बात सामने नहीं आई है।
यह है मामला
उल्लेखनीय है कि कोटा-डकनिया स्टेशन के बीच रेलवे द्वारा अंडर पास बनाया जा रहा है। इस काम को नगर विकास न्यास द्वारा ठेके सर कराया जा रहा है। 3 मई को यहां पर मिट्टी में दबने से एक ट्रैकमेंटेनर वसीम खान की मौत हो गई थी तथा तीन जने घायल हो गए थे। इस घटना से पहले इसी दिन सुबह मिट्टी ढहने से मुंबई-जयपुर सुपरफास्ट ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त होने से बाल-बाल बची थी।
मिट्टी को दुरुस्त करने के लिए यहां पर बड़ी संख्या में ट्रैकमेंटेनरोन को काम पर लगाया गया था। मिट्टी ढहने का एक अन्य कारण यहां पर डाली गई निर्धारित से छोटी गर्डर को भी माना जा रहा है। हालांकि इस गर्डर को अब हटा दिया गया है। घटना के बाद से यहां काम भी बंद है।
रेलवे ने प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए तीन सुपरवाइजरों को चार्ज शीट जारी की है। लेकिन घटना के 2 महीने बाद भी किसी अधिकारी को दोषी ठहराने की बात सामने नहीं आई है।