पॉइंट्समैनों को नहीं मिल रहा जोखिम भत्ता, लगातार हो रहे हादसे का शिकार

पॉइंट्समैनों को नहीं मिल रहा जोखिम भत्ता, लगातार हो रहे हादसे का शिकार
कोटा। . लगातार हादसों का शिकार होने के बाद भी पॉइंट्स मैनों को जोखिम भत्ता (रिक्स अलाउंस) नहीं दिया जा रहा है। ऑल इंडिया पॉइंट्स मैन एसोसिएशन (आईपीएमए) द्वारा इसकी बरसों से मांग की जा रही है।
एसोसिएशन के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव दीपक बडगूजर ने बताया कि शुक्रवार को भी ड्यूटी के दौरान एक पॉइंट्स मैन हरिप्रसाद गंभीर रूप से घायल हो गया। इससे पहले भी कई पॉइंट्स मैन काम के दौरान अपनी जान तक गंवा चुके हैं। लेकिन रिक्स अलाउंस के नाम पर रेलवे ने किसी घाय या मृतक कर्मचारियों के परिजनों को एक पैसा भी नहीं दिया है। जबकि अन्य विभागों के कर्मचारियों को यह बराबर दिया जा रहा है। जबकि दोनों का काम लगभग एक समान है। कई मामलों में तो पॉइंटमैन का जोखिम ज्यादा है।
पॉइंट्समैनों को नहीं मिल रहे छुट्टी और रेस्ट
दीपक ने बताया कि स्टाफ की कमी के कारण बढते काम के बोझ के चलते कोटा रेल मंडल में कई स्टेशनों पर पॉइंटमैनों को समय पर छुट्टी और रेस्ट नहीं दिए जा रहे हैं। दीपक ने बताया कि मोतीपुरा चौकी स्टेशन पर भी यही हाल है। काम के बढ़ते बोझ के कारण यहां भी कर्मचारियों को समय पर छुट्टी और रेस्ट नहीं मिल रहा है। इसके चलते कर्मचारी तनाव में काम करने को मजबूर हो रहे हैं। कर्मचारियों के हादसों का शिकार होने का तनाव भी एक बड़ा कारण है। छुट्टी और रेस्ट नहीं मिलने के कारण कर्मचारी अपने परिवार को पर्याप्त समय नहीं दे पा रहा है।
दीपक ने बताया कि इसके अलावा बार-बार मांग के बाद भी रेलवे द्वारा पॉइंट्समैनों को दस्ताने, जूते, हेलमेट और रेनकोट आदि सुरक्षा उपकरण नहीं दिए जा रहे हैं। मंजूरी के बाद भी हर बार बजट की कमी का बहाना बनाकर मामले को लगातार टाला जा रहा है।
दीपक ने चेतावनी दी है की हालात अब बर्दाश्त से बाहर होते जा रहे हैं। यदि प्रशासन द्वारा समय रहते पॉइंट्स मैनों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया तो आंदोलन की रणनीति पर विचार किया जाएगा।
रामप्रसाद का हुआ ऑपरेशन
रामप्रसाद का शनिवार को ऑपरेशन हुआ। ऑपरेशन के दौरान टखने के पास से रामप्रसाद का पांव काट दिया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में साथी कर्मचारी और परिजन अस्पताल में मौजूद रहे। कई कर्मचारियों ने रामप्रसाद को ब्लड भी दिया। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को ड्यूटी के दौरान ट्रेन की चपेट में आने से रामप्रसाद के दाएं पैर के पंजे और एड़ी कट गए थे। रामप्रसाद का इलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा है।