पिटलाइन पर 20 दिन से नहीं हुई सफाई, लगा गंदगी का अंबार, ट्रेनों का रखरखाव हो रहा प्रभावित

पिटलाइन पर 20 दिन से नहीं हुई सफाई, लगा गंदगी का अंबार, ट्रेनों का रखरखाव हो रहा प्रभावित
कोटा। एक तरफ रेलवे द्वारा स्वच्छता पखवाड़ा मनाया जा रहा है वहीं दूसरी ओर पिछले 20 दिनों से पिटलाइन की सफाई नहीं हुई है। सफाई नहीं होने से पिट लाइन पर गंदगी का अंबार लग गया है। इसके चलते ट्रेनों का रखरखाव प्रभावित हो रहा है। कर्मचारियों ने बताया कि यदि जल्दी यहां सफाई नहीं की गई तो काम करना मुश्किल होगा। ठीक से काम नहीं होने पर ट्रेनों की संरक्षा भी प्रभावित हो सकती है।
ठेका समाप्त होने से आई नौबत
कर्मचारियों ने बताया कि यह नौबत ठेका समाप्त होने के कारण आई है। पिछले महीने ही प्लेटफार्म नंबर एक के पास बनी और यार्ड स्थित गोल्डन पिटलाइन का ठेका समाप्त हो गया है। ठेका कार्य में लगे आधा दर्जन से अधिक कर्मचारी रखरखाव के लिए पहुंची ट्रेनों से निकलने वाले कचरे को दूर ले जाकर फेंकते थे। ठेका समाप्त होने के कारण पिछले 20 दिन से यह काम बंद है। इसके चलते ट्रेन के रैकों से निकलने वाला कचरा पिट लाइन पर ही पड़ा रह जाता है। सफाई नहीं होने से पिट लाइन पर कचरों के ढेर लग गए हैं। बारिश में अब यह कचरा सड़ने लगा है। इस सड़े कचरे से बदबू के भभके उठ रहे हैं। इस बदबू के कारण कर्मचारियों को पिटलाइन पर काम करने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कर्मचारी ने बताया कि मामले से अधिकारियों को कई बार अवगत कराया जा चुका है। लेकिन इसके बाद भी यहां सफाई की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
पिटलाइन में भरा पानी
कर्मचारियों ने बताया कि इसके अलावा पिलाइन में पानी भरने की समस्या भी सामने आ रही है। पानी भरने से ट्रेनों के रखरखाव में परेशानी आ रही है। कर्मचारियों ने बताया कि पिटलाइन में पानी भरने की समस्या पुरानी है। लेकिन इसका ठोस समाधान अब तक नहीं हो सका है। मोटर पंप द्वारा निकालने के बाद भी पानी फिर से भर जाता है। नालियों से उचित निकासी के अभाव में थोड़ा-बहुत पानी पिट लाइन में हमेशा भरा नजर आता है।