रेलवे पार्किंग स्टैंड पर लूट, नो-पार्किंग वाहन चालको से वसूल रहे मनमाना किराया, डीआरएम से शिकायत -कोटा

रेलवे पार्किंग स्टैंड पर लूट, नो-पार्किंग वाहन चालको से वसूल रहे मनमाना किराया, डीआरएम से शिकायत
कोटा। न्यूज़. कोटा रेल मंडल के पार्किंग स्टैंड संचालकों द्वारा वाहन चालको से लूट का मामला सामने आया है। गुरुवार को ऑल इंडिया विकलांग एसोसिएशन द्वारा एक ज्ञापन सौंपकर मामले की शिकायत मंडल रेल प्रबंधक पंकज शर्मा से की गई है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश सोनी ने शर्मा को बताया कि पिछले दिनों संस्था के संरक्षक भागीरथ शर्मा का वाहन नो पार्किंग में खड़ा था। पार्किंग संचालक इस वाहन को उठाकर ले गए। थोड़ी देर बाद में पार्किंग ठेकेदारों द्वारा वाहन के 30 रुपए मांगे गए। ठेकेदारों द्वारा इसकी रसीद भी नहीं दी गई। विरोध करने पर ठेकेदारों ने बताया कि आरपीएफ के कहने पर यहां से वहां उठाए जा रहे हैं। वाहन लाने के लिए ट्रॉली भी आरपीएफ द्वारा उपलब्ध करवाई गई है। आरपीएफ ने अपनी जिम्मेदारी स्टैंड संचालकों को सौंप दी है।
उल्लेखनीय है कि भरतपुर में भी ऐसा ही हो रहा है। यहां भी स्टैंड संचालक नो पार्किंग में खड़े वाहनों को जबरन उठा ले जाते हैं। बाद में बिना रसीद काटे मनमाना किराया वसूलते हैं। पिछले दिनों एक वाहन चालक ने कोटा रेल प्रशासन को पार्किंग ठेकेदारों द्वारा 50 वसूलने की शिकायत की थी। ठेकेदार इसका वाहन नो पार्किंग एरिया से उठा ले गए थे।
इसके अलावा मुकेश ने शर्मा को अवगत कराया कि आरक्षण केंद्रों पर बड़ी गड़बड़ी की जा रही है। ट्रेन में सीट नहीं होते हुए भी यात्रियों को आरक्षण दिया जा रहा है। इससे खासकर विकलांग और महिला यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में ऐसे 2 मामले सामने आ चुके हैं, बिना सीट के ही आरक्षण कर दिया गया। इससे पहले कोटा-नागदा ट्रेन में भी एक ऐसा ही मामला सामने आ चुका है।
इसके अलावा मुकेश ने दिव्यांग कोच में साधारण यात्रियों के सफर का मुद्दा भी उठाया।
डीआरयूसीसी में नहीं है सदस्य
इसके अलावा मुकेश ने शर्मा को बताया कि मंडल रेल सलाहकार समिति (डीआरयूसीसी) में पिछले तीन-चार सालों से एसोसिएशन का एक भी सदस्य नहीं है। कई बार लिख कर देने के बावजूद भी रेलवे द्वारा एसोसिएशन के सदस्य को पहले की तरह समिति में शामिल नहीं किया जा रहा है।
इसके अलावा मुकेश ने बताया कि दिव्यांगों के रेल कंसेशन को रिन्यूअल कराने के लिए दोबारा ओरिजिनल डॉक्यूमेंट मांगे जाते हैं। जबकि वह पास रेलवे के द्वारा ही बनाया जाता है। इसके अलावा मुकेश ने डीआरएम ऑफिस में रैंप, वेटिंग रूम तथा व्हील चेयर नहीं होने का भी जिक्र किया।
ज्ञापन सौंपने वालों में एसोसिएशन संरक्षण भागीरथ शर्मा, सचिव रमेश नागर, सुरेंद्र गौतम, गोपाल गौतम, राजमल गुर्जर, अविनाश राज भौला, जगमोहन गुप्ता, डॉ श्याम सुंदर गॉड, मुकेश नागर, विष्णु सैनी तथा महावीर आदि शामिल थे।