चार हजार यात्रियों भुगती रेलवे की गलती की सजा, नहीं दी जनशताब्दी के ढाई घंटे देरी से चलने की सूचना

चार हजार यात्रियों भुगती रेलवे की गलती की सजा, नहीं दी जनशताब्दी के ढाई घंटे देरी से चलने की सूचना
कोटा। न्यूज़. निजामुद्दीन जाने वाली जनशताब्दी एक्सप्रेस (12059) बुधवार को कोटा से ढाई घंटे देरी से रवाना हुई। लेकिन रेलवे ने इसकी सूचना यात्रियों को देना जरूरी नहीं समझा। रेलवे की गलती की सजा करीब चार हजार यात्रियों भुगती। यात्री समय पर अपने ठिकानों पर नहीं पहुंच सके। इसके चलते कई लोगों के जरूरी काम अटक गए। सुबह की तेज ठंड में ट्रेन के इंतजार में यात्री ढाई घंटे तक प्लेटफार्म पर परेशान होते रहे। स्टेशन पहुंचने के बाद यात्रियों के पास रेलवे को कोसने के अलावा कोई चारा नहीं था। इसी तरह कोटा आते समय भी यात्री ट्रेन के इंतजार में परेशान होते रहे।
यात्रियों ने बताया कि मथुरा के आगे चौथी लाइन का काम चलने के कारण कोटा से इस ट्रेन को सुबह 6:15 की जगह 8:45 बजे रवाना किया गया। यह सब पहले से निर्धारित था। लेकिन रेलवे ने समय रहते इसकी सूचना यात्रियों को देना जरूरी नहीं समझा। नतीजतन तेज ठंड में तड़के नींद से उठे यात्री ट्रेन पकड़ने के लिए समय पर स्टेशन पहुंच गए। काफी इंतजार के बाद भी ट्रेन नहीं चलने पर यात्रियों ने पूछताछ शुरू की। बहुत देर तक तो यात्रियों को ट्रेन नहीं चलने का कारण ही समझ में नहीं आया। पूछताछ काउंटर पर भी यात्रियों को कोई संतुष्टि पूर्ण उत्तर नहीं मिला। बाद में जैसे तैसे यात्रियों को ट्रेन के ढाई घंटे देरी से चलने की जानकारी मिली। लेकिन इसका कारण फिर भी स्पष्ट नहीं हो सका।
रेल मंत्री से की शिकायत
ट्रेन देरी से चलने से खफा कई यात्रियों ने बताया कि उन्हें इसकी सूचना पहले मिल जाती तो वह सुबह की तेज ठंड में परेशान होने से बच जाते हैं। जिन्हें जरूरी काम से समय पर पहुंचना जरूरी था वह अन्य विकल्प पर विचार कर सकते थे। लेकिन रेलवे ने ट्रेन देरी से चलने का एक मैसेज तक यात्रियों के पास पहुंचाना जरूरी नहीं समझा। यात्रियों ने इसकी शिकायत रेल मंत्री से भी की है।
मीटिंग छुटी, अधिकारियों ने थमाया नोटिस
इसी तरह गंगापुर के अभिषेक मीणा ने बताया कि उनके परिजन को एक मीटिंग में शामिल होने के लिए दिल्ली जाना था। लेकिन ट्रेन ढाई घंटे लेट होने के कारण वे समय पर दिल्ली नहीं पहुंच सके। इसके चलते वह मीटिंग में भी शामिल नहीं हो सके। उनके पूरे दिन की छुट्टी हो गई। इसके कारण अधिकारियों ने उन्हें नोटिस तक थमा दिया।
अभिषेक ने बताया कि अगर इसकी सूचना समय रहते मिल जाती तो वह अन्य ट्रेन से दिल्ली रवाना हो जाते। लेकिन रेलवे ने जनशताब्दी के देरी से चलने की सूचना देना जरूरी नहीं समझा। अभिषेक ने बताया कि ऐसे सैकड़ों यात्री थे जिन्होंने जरूरी काम से दिल्ली पहुंचना था लेकिन रेलवे की गलती के चलते यात्रियों के कई जरूरी काम अटक गए।