नेता के रिश्तेदार का सामान नहीं उठाने पर स्टेशन उपाधीक्षक का स्थानांतरण

नेता के रिश्तेदार का सामान नहीं उठाने पर स्टेशन उपाधीक्षक का स्थानांतरण
कोटा। एक नेताजी के रिश्तेदार का सामान नहीं उठाना स्टेशन उपाअधीक्षक को भारी पड़ गया। प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से स्टेशन अधीक्षक का स्थानांतरण कर दिया।
सूत्रों ने बताया कि जनप्रतिनिधि इन नेताजी के रिश्तेदार कहीं बाहर जा रहे थे। इनका सामान उठाने की जिम्मेदारी स्टेशन उपाधीक्षक को सौंपी गई थी। समय पर कर्मचारी नहीं मिलने के कारण स्टेशन अधीक्षक को सामान उठाने में देरी हो गई। बाद में नेताजी ने इसकी शिकायत अधिकारियों से कर दी।
शिकायत मिलने पर पहले तो अधिकारी ने अपने चैंबर में स्टेशन उपाधीक्षक को जमकर डांट फटकार लगाई। बाद में स्टेशन अधीक्षक का स्थानांतरण कर दिया।
कर्मचारियों में रोष
कर्मचारियों ने बताया कि प्रशासन के इस तानाशाही से स्टाफ में भारी रोष है। ऐसे में कई कर्मचारी बेगार नहीं करने पर अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। नेताओं के आगे पूरी तरह नतमस्तक अधिकारी पता नहीं कब किसको ठिकाने लगा दें।
कर्मचारियों ने बताया कि अपनी कुर्सी खिसकने के डर से अधिकारी कर्मचारियों पर नेताओं के रिश्तेदारों और अधिकारियों का सामान उठाने के लिए अनुचित दबाव बनाते हैं। जबकि इसके लिए कोई स्टाफ नहीं है। ठेका सफाई कर्मचारियों को ही इस काम के लिए जैसे-तैसे तैयार किया जाता है। कई बार सफाई कर्मचारी समय पर उपस्थित नहीं होने के कारण देरी भी हो जाती है। इस पर अधिकारी भड़क उठते हैं।
बना चर्चा का विषय
अधिकारियों का यह रवैया कर्मचारियों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। कर्मचारियों ने बताया कि अधिकारी जनप्रतिनिधियों के रिश्तेदारों तक के सामान उठाने के लिए कर्मचारियों को बाध्य करते हैं। बात नहीं मानने पर कर्मचारियों को कार्रवाई की धमकी तक दी जाती है। नेताओं के अलावा आए दिन आने वाले अधिकारियों और उनके रिश्तेदारों तक के सामान उठाए जाते हैं।